दौसा@ आभानेरी देवनारायण मंदिर पर बुधवार को गुर्जर समाज की आयोजित बैठक में कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला ने मोबाइल के माध्यम से समाज के लोगों को जाम लगाने का संदेश दिया। यह संदेश उस सुनकर सभा में मौजूद युवा सिकंदरा चौराहे पर जाम लगाने के लिए रवाना होने लगे तो बैठक में बैठे समाज के बुजुर्गों ने रोक लिया। काफी देर तक युवा एवं बुजुर्गों के बीच गहमा-गहमी चलती रही।देवनारायण मंदिर पर एक बजे से शुरू ही बैठक में समाज के वक्ताओं ने कहा कि सरकार उनकी लंबे समय से मांग नहीं मान रही है कई बार इन मांगो को लेकर समाज के नेता सरकार को अवगत करा चुके हैं। लेकिन सरकार द्वारा बार-बार झूठे आश्वस्त दिए जा रहे हैं। ऐसे में अब समाज के लोग आंदोलन के लिए मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार गुर्जर समाज की मांगे नहीं मांगेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बैठक मे दोपहर 3 बजे करीब यह मौजूद लोगों ने कर्नल बैंसला से मोबाइल पर बातचीत की जिस पर बैसला ने कहा कि सरकार हमारी मांगे नहीं मान रही है ऐसे में जाम लगा दो । यह संदेश सुनकर बैठक में मौजूद समाज की युवा सिकंदरा चौराहे पर जाम लगाने के लिए रवाना होने लगे ।माहोल बिगड़ता देख बैठक में बैठे समाज के बुजुर्गो ने कमान संभाल ली और युवाओं को जाम लगाने से रोकने लगे। काफी देर तक युवा देवनारायण भगवान की जयकारे लगाते रहे और जाम लगाने के लिए जाने की जिद करने लगे। बड़े बुजुर्गों एवं युवा काफी देर का गहमागहमी का दौर चलता रहा। बैठक में डॉक्टर हरि सिंह पीलवाल ,पूर्व सरपंच रामसिंह महाणा, लक्ष्मण सिंह, बाबू लाल, जगमोहन नूरपुर, महावीर २लाव ता, विश्राम नूरपुर, धर्म सिंह बैसला, रतन सिंह पटेल, चरण सिंह बैसला सहित अन्य मौजूद थे। शाम चार बजे युवा जाम लगाने के लिए सिकंदरा चौराहे की और रवाना हो गए। इस दौरान गुलर पर भी दुकाने बंद कराई गई।
इधर... चौथे दिन भी दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर जमे रहे गुर्जर, नहीं मानी सरकार की बात
हिंडौन सिटी/महमदपुर/सूरौठ| चौथे दिन बुधवार को भी गुर्जर आंदोलन जारी रहा। आरक्षण की मांग को लेकर दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर पीलूपुरा में रेलवे ट्रैक पर गुर्जरों ने डेरा जमाए रखा। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला व उनके पुत्र विजय बैंसला भी रेलवे ट्रैक पर मौजूद रहे। मंगलवार देर रात कर्नल बैंसला के बेटे विजय बैंसला का जन्मदिन मनाया गया। इस दौरान कर्नल बैंसला और विजय बैंसला दोनों पटरियों पर ही धरने पर बैठे थे। बुधवार को आईएएस नीरज के. पवन दूसरी बार समझाइश करने पीलूपुरा पहुंचे, लेकिन गुर्जर नहीं माने।