बूंदी@ हर साल दिवाली के समय मनाए जाने वाल पांच दिवसीय दीपोत्सव इस बार चार दिन के लिए मनाया जाएगा। कारण है कि रूप चौदस और दिवाली का एक ही दिन पड़ना। इस साल 5 दिवसीय की जगह चार दिन का ही दीपोत्सव मनाया जाएगा। धनतेरस भी दिवाली के 1 दिन पहले 13 नवंबर की रहेगी। 14 नवंबर को रूपचौदस व अमावस्या तिथि एक ही दिन आ रही है। ऐसे में दिन में रूपचौदस व शाम को लक्ष्मी पूजन होगा। 16 नवंबर की भैया दूज मनाई जाएगी। पंडित प्रदीप उपाध्याय के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती है। अमावस्या की रात में ही माता धरती पर विचरण करती है। इसी वजह से यह त्योहार अमावस्या की रात को मनाना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस बार अमावस्या 14 नवंबर दोपहर 2.17 बजे से शुरू होगी, जो दूसरे दिन 15 नवंबर को सुबह 10.36 बजे तक रहेगी। यही वजह है कि माता लक्ष्मी का पूजन 14 नवंबर शनिवार को होगा।धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन सूर्यास्त के बाद एक घड़ी अधिक तक अमावस्या तिथि रहे उस दिन दीपावली मनाई जाती है। पंडितों के अनुसार त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर की रात 9.31 से शुरू होकर 13 नवंबर को शाम 6 बजे त रहेगी। 13 नवंबर को ही प्रदोष व्रत भी रहेगा। ऐसे में 13 नवंबर को ही धनतेरस मनाई जाएगी। क्योंकि धनतेरस प्रदोष के दिन ही रहती है।
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