भरतपुर@ आरबीएम अस्पताल के डॉक्टरों ने पहली बार प्लाज्मा थैरेपी से आईसीयू वार्ड में भर्ती कोरोना पॉजिटिव रोगी की जान बचाई है। इसमें भी खास बात यह है कि जब दान में मिले प्लाज्मा का ग्रुप मैच नहीं हुआ तो ब्लड बैंक के सीनियर पैथोलॉजिस्ट डॉ राजेश गुप्ता ने खुद अपना प्लाज्मा डोनेट किया। अनिरुद्ध नगर के 72 वर्षीय बुजुर्ग को कोरोना के कारण 16 सितंबर को आरबीएम के आईसीयू में भर्ती किया गया था। उन्हें पहले बुखार आया और फिर बात करने में ही सांस फूल रही थी। मुंह से शब्द नहीं निकल पा रहे थे और न ही वह ऑक्सीजन नहीं ले पा रहे थे। इसलिए उन्हें ऑक्सीजन पर रखा और जीवन रक्षक इंजेक्शन भी लगाए गए। लेकिन, इससे उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया।कोरोना यूनिट प्रभारी डॉ विवेक भारद्वाज और डॉ मनीष गुप्ता की टीम ने बुजुर्ग का प्लाजमा थेरेपी से इलाज करने का निर्णय किया। प्लाज्मा की डिमांड ब्लड बैंक भेजी गई। अस्पताल की ब्लड बैंक में पहली बार 28 अगस्त को कोरोना नेगेटिव हो चुके मेल नर्स विक्रम मीणा, निर्भय सिंह और प्रदीप वैष्णव ने 3 यूनिट प्लाज्मा ओ पॉजिटिव, ए पॉजिटिव, ए बी नेगेटिव डोनेट किया था।लेकिन, रोगी का ग्रुप बी पॉजिटिव होने से ये प्लाज्मा मैच नहीं हुए। कोरोना नेगेटिव हो चुके सीनियर पैथोलॉजिस्ट डॉ राजेश गुप्ता को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने अपना बी पॉजिटिव प्लाज्मा डोनेट करने की पहल की। इस पर गुप्ता द्वारा दिए गए प्लाज्मा से कोरोना संक्रमित वृद्ध का इलाज हो पाया। अब मरीज की हालत में सुधार है।
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