पीड़ित परिवार 50 लाख के मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग पर अड़ा, अंतिम संस्कार करने से इनकार; गांव में प्रदर्शन शुरू

करौली@  राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा इलाके के बूकना गांव में दबंगों ने पुजारी बाबूलाल वैष्णव की जलाकर हत्या कर दी थी। शव शुक्रवार देर रात जयपुर से उनके गांव लाया गया। परिवार ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। परिवार ने 50 लाख रुपए का मुआवजे और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग रखी है।परिवार का कहना है कि आरोपियों को फौरन गिरफ्तार किया जाए। उनकी मदद करने वाले पटवारी और पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। पीड़ित परिवार का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं की जाती तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। वहीं, इस मामले को लेकर गांव में विरोध और प्रदर्शन भी शुरू हो गया है।दरअसल, जमीन विवाद पर बाबूलाल को गांव के दबंगों ने बुधवार को पेट्रोल डालकर जला दिया था। जयपुर के SMSअस्पताल में इलाज के दौरान गुरुवार को उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। करौली के बूकना गांव जयपुर से 175 किमी दूर है।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने अशोक गहलोत से बात की- राज्यपाल कलराज मिश्र ने सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से राजस्थान में हो रहे अपराधों पर फोन कर चर्चा की। इस दौरान राज्यपाल ने करौली में पुजारी को जिंदा जलाने, बाड़मेर में नाबालिग से बलात्कार सहित प्रदेश की कानून व्यवस्था के बारे में चिंता जताई।

सांसद भी धरने पर पहुंचे- सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, पूर्व विधायक मानसिंह भी पीड़ित परिवार के घर पहुंच गए और धरना दिया। किरोड़ीलाल मीणा ने कहा, 'गांव की सभी जातियों के पंच-पटेलों के साथ बातचीत के बाद यह फैसला हुआ है कि पुजारी परिवार को हर हाल में न्याय मिलना चाहिए। अपराधियों को सख्त सजा होनी चाहिए। मैंने पुजारी के परिवार को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी है।

भाजपा ने 3 सदस्यों की कमेटी बनाई- भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने पूरे मामले में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें सांसद रामचरण बोहरा के साथ राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर और जितेन्द्र मीणा को शामिल किया गया है।

पीड़ित ने कहा था- आरोपी मंदिर की जमीन पर कब्जा करना चाहते थे- पुलिस के मुताबिक, पीड़ित ने बताया था, 'कैलाश मीणा अपने साथी शंकर, नमो, किशन और रामलखन के साथ मंदिर के बाड़े पर कब्जा कर छप्पर लगा रहा था। हमने विरोध किया तो पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हमारा परिवार मंदिर की 15 बीघा जमीन पर खेती कर अपना गुजारा करता है।

विवाद कैसे शुरू हुआ- बाबूलाल वैष्णव सपोटरा तहसील के बूकना गांव के पुराने राधाकृष्ण मंदिर में पूजा करते थे। ग्रामीणों ने मंदिर के लिए खेती की जमीन दान दी थी, जो राजस्व रिकॉर्ड में मंदिर माफी में दर्ज है। करीब एक महीने पहले कुछ लोग जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करने लगे। पुजारी ने पंच-पटेलों से शिकायत की थी। 4-5 दिन पहले भी गांव के 100 घरों की बैठक हुई थी, जिसमे पंचों ने पुजारी का समर्थन किया।