कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ घुमंतू जाति के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु आयोजित विशेष रोजगार मेले में सम्मिलित हुए
-धर्म और संस्कृति की रक्षा तथा देश की स्वतन्त्रता में घुमंतू समाज का अतुलनीय योगदान है : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
जयपुर: युवा मामले एवं खेल मंत्री, कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने रविवार को घुमंतू जाति के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु घुमंतू जाति उत्थान न्यास के तत्वावधान और राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रेरणादायी मार्गदर्शन में आदर्श विद्या मंदिर, अंबाबाड़ी में आयोजित विशेष रोजगार मेले में सहभागिता कर युवाओं को सी.एन.जी. ऑटो व ई-रिक्शा, वेल्डिंग सेटअप, फल-सब्जी के ठेले, महिलाओं को मनिहारी सामान के ठेलों का वितरण किया और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर कर्नल राठौड़ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल एक संगठन नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की भावना से प्रेरित एक विचारधारा है। संघ समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है और यह रोजगार मेला उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, घुमंतू समुदाय ने भारत की स्वतंत्रता और संस्कृति की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, आज यहां मौजूद युवा भाग्यशाली हैं, क्योंकि उन्हें खुद की किस्मत का मालिक बनने का अवसर मिल रहा है। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण के लिए पूरी तरह समर्पित है। राजस्थान राज्य बजट 2025-26 में एससीएसपी (अनुसूचित जाति उप योजना) और टीएसपी (जनजाति उप योजना) के लिए फंड को ₹1000 करोड़ से बढ़ाकर ₹1500 करोड़ किया गया है। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने भी जनजातीय कल्याण के लिए बजट बढ़ाकर ₹14,925.81 करोड़ कर दिया है। भाजपा सरकार युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए हर संभव मदद कर रही है। धर्म और संस्कृति की रक्षा तथा देश की स्वतन्त्रता में घुमंतू समाज का अतुलनीय योगदान है। हम पूरे भाव और सामर्थ्य से घुमंतू समाज की सेवा, सुरक्षा, सम्मान, शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार के लिए संकल्पित हैं। यह रोजगार मेला घुमंतू जाति के युवाओं को स्वावलंबी बनाने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की एक सार्थक पहल है। इससे न केवल युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि वे अपने परिवार का आर्थिक स्तर भी ऊंचा उठा सकेंगे। इन आयोजनों के माध्यम से न केवल युवाओं को रोजगार के अवसर मिलते हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर बनने के लिए भी प्रेरित होते हैं।