अब पूरे देश में ‘हमारा जयपुर’ ही इकलौता ऐसा शहर..लेपर्ड, एलीफेंट, लॉयन के बाद टाइगर सफारी की सौगात

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में किया शुभारंभ, सीएम ने दो बाघ शावकों का नामकरण भी किया, सैलानियों के लिए बनाया 8 किलोमीटर लंबा सफारी ट्रैक; शुल्क होगा 252 रुपए


जयपुर। राजधानी जयपुर में लेपर्ड, एलीफेंट और लॉयन सफारी के बाद अब टाइगर सफारी की शुरूआत हो गई है। जयपुर शहर वाइल्ड लाइफ सफारी के मामले में देश का एक मात्र ऐसा शहर बन गया है जहां एक ही शहर में आपको चार तरह की सफारी का आनंद ले सकते हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में फीता काटकर टाइगर सफारी का शुभारंभ किया। प्रदेशवासियों को मिली इस सौगात से अब वन्य जीव प्रेमी नाहरगढ़ के जंगलों में पर्यटक आसानी से टाइगर का दीदार कर सकेंगे। इस दौरान सीएम भजनलाल ने नाहरगढ़ जैविक उद्यान में दो बाघ शावकों का नामकरण भी किया। मुख्यमंत्री भजनलाल ने मादा बाघ शावक का नाम स्कंदी और नर बाघ शावक का नाम भीम रखा।
सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रदेशवासियों को 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक मनाए जा रहे वन्य जीव सप्ताह की बधाई देते हुए कहा कि वन्य जीवों की रक्षा तथा प्रकृति को संजोए रखना हम सभी का कर्तव्य है। इस वन्यजीव सप्ताह में विद्यार्थियों को बायोलॉजिकल पार्कों में नि:शुल्क प्रवेश दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन विभाग और जेडीए के संयुक्त प्रयासों से सोमवार को शुरू हो रही टाइगर सफारी से प्रदेश में पर्यटन को एक नई शुरूआत मिली है। साथ ही, इससे बाघों के संरक्षण एवं संवर्धन को भी बढ़ावा मिलेगा।

नागपुर से लाए गए बाघ-बाघिन, 252 रुपए में कर सकेंगे दीदार
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक टाइगर और एक टाइग्रेस को नागपुर से लाकर छोड़ा गया है। जल्द ही एक और जोड़ा सफारी में छोडऩे की तैयारी की जा रही है। नाहरगढ़ टाइगर सफारी के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बुकिंग आएगी। टाइगर सफारी की प्रस्तावित टिकट (शुल्क) प्रति व्यक्ति 252 रुपए निर्धारित की गई है। जिसमें जैविक उद्यान का प्रवेश शुल्क 52 रुपए शामिल है। सैलानियों के लिए 8 किलोमीटर लंबा सफारी ट्रैक बनाया गया है।

प्रदेश में तीन नेशनल पार्क, 26 अभयारण्य, 36 कन्जर्वेशन रिजर्व तथा 4 बायोलॉजिकल पार्क विकसित
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान वन्यजीवों के संरक्षण, संवर्धन पर विशेष जोर दे रहा है। प्रदेश में तीन नेशनल पार्क, 26 अभयारण्य, 36 कन्जर्वेशन रिजर्व तथा 4 बायोलॉजिकल पार्क विकसित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बाघों के संरक्षण के निरंतर किए जा रहे प्रयासों से उनकी आबादी बढ़ रही है। राजस्थान में लगभग 130 बाघ हैं। उन्होंने कहा कि जेडीए ने जयपुर जिले में दो नए पार्क विकसित किए हैं। जिसमें जीरोता में नगर वन एवं नेवटा के पास बायोडायवर्सिटी पार्क शामिल हैं। इससे आसपास की 5 लाख की आबादी लाभान्वित होगी।

7 किलोमीटर के ट्रैक में बाघ को निहारेंगे वन्यजीव प्रेमी
राज्य सरकार द्वारा 453 लाख रुपए की लागत से 30 हेक्टेयर में टाइगर सफारी विकसित की गई है। इस टाइगर सफारी में 7 किलोमीटर का सफारी ट्रैक विकसित किया गया है। यह सफारी सैलानियों को प्राकृतिक वातावरण में बाघों की खूबसूरती को अनुभव करने का अवसर देगी तथा लोगों में बाघ संरक्षण के बारे में जागरूकता का प्रसार होगा। उल्लेखनीय है कि नाहरगढ़ वन्य जीव अभयारण्य 5 हजार 240 हेक्टेयर में फैला हुआ है। जिसमें नाहरगढ़ जैविक उद्यान 720 हेक्टेयर में विकसित किया गया है। इसमें पहले से ही लॉयन सफारी संचालित है।