इस धोखाधड़ी ने कर दिया सबको हैरान..प्लॉट किसी और के फिर भी किया बेचान!

भूमाफिया की धांधली ने कर दी हदें पार, कूटरचित दस्तावेजों से पीडि़त को ठगा; अब खानी पड़ रही जेल की हवा, कई और बड़े मामलों का खुलासा होने की संभावना

भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाता था आरोपी, लंबे समय से चल रहा था कारोबार; करोड़ों की ठगी के पर्दाफाश के बाद अब आमजन भी हुआ जागरुक

जयपुर। राजधानी में अपने आशियाने का सपना हर किसी का है लेकिन भूमाफिया आपके सपनों को नेस्तनाबूत करने के लिए हर हद पार करने को है। जरूरत है ऐसे लोगों से बचने की जो आपकी जीवनभर की कमाई को पल भर में हजम कर जाए और आप अपने आपको ठगा सा महसूस करें। ऐसा ही कुछ इन दिनों जयपुर में हो रहा है जहां भूखंड बेचने के नाम पर ठगी अपने परवान है। हालांकि कुछ मामलों में कार्रवाई भ्ज्ञी होती है लेकिन अधिकांश निर्दोष आमजन इन भूमाफियाओं के चंगुल में फंस जाता है। ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक पीडि़त लक्ष्मीनारायण शर्मा को भूमाफिया ने अपने जाल में फंसा लिया। 
पूरे प्रकरण के अनुसार पीडि़त लक्ष्मीनारायण शर्मा द्वारा दर्ज करवाए गए परिवाद के अनुसार आरेपी राधेश्याम शर्मा और एक अन्य बिचौलिये गणेश नारायण जाट (पीपलोदा) ने उनसे भूखंड बेचने के नाम पर करोड़ों की ठगी कर ली। पीडि़त के परिवाद के अनुसार इन भूमाफियाओं ने प्रोपर्टी के नाम से ऐठने का गोरखधंधा चला रखा है। परिवाद में बताया गया है कि पीडि़त को बकायदा एक ट्रैप में फंसाया गया और गणेश नारायण जाट ने पीडि़त को राधेश्याम शर्मा से मिलवाया और अपने झांसे में फंसा लिया। पीडि़त को विश्वास में लेकर आनन्द भवन गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा काटी गई प्लॉट संख्या 90, 91, 92 के सोसायटी लिमिटेड के अपने नाम के असल कागजात दिखाये व कहां कि यह तीनों प्लॉट 700 वर्गगज के है। पीडि़त ने विश्वास पर इन भूखंड़ का सौदा कर लिया। 
उक्त भूखण्डों का सौदा अभियुक्त गणेश नारायण जाट की मध्यस्थता में 3,50,000,00 रूपये में तय हुआ। सौदा हो जाने के बाद नवम्बर, दिसम्बर 2020 से जनवरी 2021 तक अलग अलग किस्तों में परिवादी ने अभियुक्त राधेश्याम शर्मा को समय समय पर 1,40,000,00 रुपये नकद दे दिये और परिवादी के पक्ष में इकरारनामा विक्रय निष्पादित कर दिया। लेकिन जब परिवादी के द्वारा आरोपी राधेश्याम शर्मा से भूखण्डों के मूल कागजात मांगे तो अभियुक्त राधेश्याम शर्मा ने कहा कि मूल कागजात आपको दिखा दिये है सम्पूर्ण भुगतान हो जाने के बाद ही मूल कागजात दे दिए जाएंगे। 


पीडि़त ने मौके पर जाकर पाया कि खरीदे हुए तो किसी और के नाम से हैं

इकाररनामा निष्पादित करने के पश्चात जब भूखण्डों की पीडि़त के पक्ष में रजिस्ट्री करवाकर सम्पूर्ण कागजात सुपुर्द करने बाबत कहां तो आरोपी राधेश्याम शर्मा बिमारी का बहाना बनाकर और कागजात घर पर नहीं मिलने का बहाना बनाकर टालने लगा। आरोपी द्वारा प्लाटों की रजिस्ट्री नहीं करवाने व परिवादी के खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज करवाने से पीडि़त को शक होने पर जब पड़ौसियों से मालुमात की तो उन्होंने बताया कि भूखण्ड किसी जयदीप सिंह, रानी केसर कंवर और शिरिन सिंह के नाम से है। 

मामले का खुलासा होने पर आरोपी देने लगे धमकियां, बोले-हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते
पीडि़त ने सोसायटी आनन्द भवन गृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड जयपुर में जाकर भूखण्डों के बारे में जानकारी ली तो पाया कि उक्त भूखण्ड अभियुक्त राधेश्याम शर्मा के नाम से नहीं होकर भूखण्ड संख्या 90 जयदीप सिंह, भुखण्ड संख्या 91 रानी केसर कंवर व भुखण्ड संख्या 92 शिरिन सिंह के नाम से है। आरोपी राधेश्याम शर्मा व गणेश कुमार जाट द्वारा मिलीभगत कर कुटरचित दस्तावेज से भूखण्ड बेचान के सम्बन्ध में कहने पर राधेश्याम शमा व गणेश कुमार जाट ने कहां कि हम तो ऐसे ही करते है अब आप हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हो।