G7 की चीन को चेतावनी- किसी का दबदबा मंजूर नहीं:साझा बयान में कहा- आर्थिक हालात को हथियार बनाया तो परिणाम भुगतना होगा
दुनिया की सात विकसित इकोनॉमी के संगठन G7 ने साझा स्टेटमेंट में चीन को सख्त चेतावनी दी है। संगठन ने चीन का नाम लिए बिना दुनिया से किसी एक देश का आर्थिक दबदबा खत्म करने की शपथ ली। जापान के हिरोशिमा शहर में संगठन की मीटिंग के दूसरे दिन जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया गया।
इस स्टेटमेंट में कहा गया कि G7 और उसके साथी देशों के आर्थिक हालातों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया तो परिणाम भुगतना होगा। किसी एक देश के आर्थिक दबदबे को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। G7 देशों ने चीन से अपील की है कि वो यूक्रेन से जंग खत्म करने के लिए रूस पर दबाव बनाए।
G7 ने यूक्रेन की मदद जारी रखने का वादा किया
हिरोशिमा में G7 देशों ने मिलकर यूक्रेन की मदद करते रहने का वादा किया है। इधर, अमेरिका ने दूसरे देशों से अपने F16 फाइटर जेट्स यूक्रेन को देने पर लगाई गई पाबंदी हटा ली है। इससे यूक्रेन को अपना एयर डिफेंस मजबूत करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समिट में शामिल हुए
G7 समिट में भारत को बतौर गेस्ट न्योता दिया गया था। इसमें शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार शाम को जापान पहुंचे। शनिवार को वे वर्ल्ड लीडर्स के साथ G7 समिट में शामिल हुए। वहीं, कई देशों के राष्ट्र प्रमुखों के साथ अलग से मीटिंग्स भी कीं।
PM ने बाइडेन, सुनक और जेलेंस्की से मुलाकात की
G7 समिट में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। इनके अलावा मोदी समिट को होस्ट कर रहे जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक यिओल, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से भी मिले।
G7 समिट के पहले ही दिन रूस पर पाबंदियों का ऐलान
G7 की बैठक के पहले ही दिन सदस्य पश्चिमी देशों और जापान ने यूक्रेन जंग हवाला देते हुए रूस पर पाबंदियों की घोषणा की। G7 के नेताओं ने रूस से मांग की है कि वो तुरंत यूक्रेन से अपनी सेना को बाहर निकाले। G7 दुनिया के सात देशों से बना संगठन है जो जंग में यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, कनाडा, जापान और फ्रांस शामिल हैं।
रूस ने ओबामा समेत 500 अमेरिकियों की एंट्री बैन की
इधर, रूस ने 500 अमेरिकियों की एंट्री पर बैन लगा दिया है। इसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और मशहूर टीवी होस्ट जिम्मी किमेल भी शामिल है। रूस ने ये फैसला G7 की बैठक में खुद पर लगी पाबंदियों के बाद लिया है।
चीन बोला- परमाणु हथियारों पर जापान का दोहरा रवैया
चीन के संबंध में भी G7 समूह के देशों में चिंता है, लेकिन इस पर कार्रवाई काे लेकर मतभेद हैं। कारण सभी सदस्य देशों के हित चीन के साथ मजबूत संबंधों से जुड़े हुए हैं। क्लाइमेट जैसे मुद्दों पर चीन का सहयोग भी जरूरी है। ऐसे में असमंजस है कि उसके साथ क्या रणनीति हाे। चीन की दूसरे देशों के हितों के खिलाफ नीतियों के बदले में वे एक संयुक्त रणनीति तय करना चाहते हैं।
वहीं, चीन ने जापान के हिरोशिमा में चल रही G7 की बैठक को दोहरे रवैये वाली कहा है। चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के प्रवक्ता वांग वैनबिन से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछा गया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हिरोशिमा पीस मेमोरियल पर श्रद्धांजलि दी है। इस पर आप क्या कहेंगे।
सवाल का जवाब देते हुए वांग वैनबिन ने कहा- जापान हमेशा खुद को उन देशों में गिनाता है जो परमाणु हथियारों के खिलाफ हैं। जबकि खुद उसने अमेरिका की परमाणु शक्ति में पनाह ली हुई है। हमें पूरी उम्मीद है कि जापान परमाणु हथियारों के इस्तेमाल और दूसरे मुद्दों पर अपने दोहरे रवैये को बदलेगा।
परमाणु हमला झेलने वाले हिरोशिमा में समिट से शांति का मैसेज
जापान की राजधानी टोक्यो की बजाय बैठक हिरोशिमा में रखी गई है जाे पहले परमाणु हमले का गवाह रहा है। 6 अगस्त 1945 काे अमेरिका ने हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था। इसमें लाखों लाेग मारे गए थे। जापान के पीएम फुमियो किशिदा इस समिट से परमाणु हथियार रहित दुनिया की जरूरत का संदेश देना चाहते हैं।