अपनी ही सीटों पर जीत की मशक्कत में कांग्रेस के दिग्गज.. इस बार ‘दीदी-जीजाजी या साला’..कांग्रेस में चल रहा अलग ही खेला!

वायनाड में मुश्किलों में फंसे राहुल गांधी को एक बार फिर अमेठी से आस, लेकिन राबर्ट वाड्रा को भी यहीं से लडऩा है चुनाव, उधर-रायबरेली में प्रियंका गांधी के नाम पर असमंजस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को लेकर बना हुआ असंमजस बता रहा है कि पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है, राहुल गांधी के लिए तो ‘आगे कुआं और पीछे खाई’ वाले हालात, इस मामले में आलाकमान भी चुप

नई दिल्ली/लखनऊ। कांग्रेस अमेठी में 1981 दोहराने जा रही है। टिकट घोषित होने के दिन ही राजीव गांधी ने पर्चा भरा था। अब तक राहुल गांधी के चुनाव लडऩे के सिर्फ दावे हैं, जबकि कांग्रेस के मुकाबिल खड़ी भाजपा किसी असमंजस में नहीं है। दरआल, कांग्रेसी अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव लडऩे का दावा कर रहे हैं। यहां नामांकन शुरू हो चुका है। पर, अब तक कांग्रेस ने उम्मीदवार के नाम का एलान  नहीं किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी वर्ष 1981 के उपचुनाव का इतिहास दोहराने वाली है। उस वक्त कांग्रेस ने नामांकन शुरू होने के बाद प्रत्याशी उतारा था। अब तक राहुल गांधी के चुनाव लडऩे के सिर्फ दावे हैं, जबकि कांग्रेस के मुकाबिल खड़ी भाजपा किसी असमंजस में नहीं है। उसने काफी पहले ही स्थितियां साफ कर दी थीं। स्मृति जूबिन इरानी चुनाव मैदान में डटी हुई हैं। हालांकि कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल दावा करते हैं कि राहुल गांधी ही अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित नहीं होने की चर्चा पर पुराने वरिष्ठ कांग्रेसी महेंद्र तिवारी कहते हैं, ऐसा पहली बार नहीं है जब नामांकन शुरू होने पर भी पार्टी का प्रत्याशी  मैदान में नहीं है। इससे पहले 1981 में ऐसा हो चुका है। तब के चुनाव में कांग्रेस ने राजीव गांधी के नाम की घोषणा नामांकन शुरू होने के बाद की थी। जिस दिन राजीव उम्मीदवार घोषित हुए, उसी दिन उन्होंने नामांकन किया था। अमेठी में भाजपा और बसपा को छोड़ किसी भी दल का प्रत्याशी अभी तय नहीं है। अब तक माना जा रहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली और अमेठी सीट से राहुल गांधी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक अंतिम पलों में दोनों के चुनाव लडऩे पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इसके बाद नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक एक मई को राहुल गांधी अमेठी और दो मई को रायबरेली से प्रियंका गांधी वाड्रा अपना नामांकन भरेंगी।

अमेठी में दिखने लगे है रॉबर्ट वाड्रा के पोस्टर, राहुल के बंगले की भी हुई सफाई

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए सीट समझौते के अनुसार, कांग्रेस 17 सीटों पर और समाजवादी पार्टी शेष 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस अपने पारंपरिक गढ़ रायबरेली और अमेठी के अलावा वाराणसी, गाजियाबाद और कानपुर सीट पर भी चुनाव लड़ रही है। इससे पहले अमेठी के गौरीगंज इलाके में कांग्रेस कार्यालय के बाहर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के पोस्टर लगे थे। इससे वाड्रा को टिकट मिलने की अटकलें तेज हो गई थीं। हालांकि, कांग्रेस हर सीट पर लड़ाई लडऩा चाहती है और इसीलिए उसने गांधी भाई-बहन को मैदान में उतारने का फैसला किया है। अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों पर 20 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मतदान होगा।


2019 में राहुल हार चुके है स्मृति इरानी से चुनाव, अब वायनाड में भी हार का खतरा
हालांकि, राहुल गांधी के लिए अपने पुराने गढ़ में जीत आसान नहीं होगी क्योंकि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रचार कर रही हैं। केंद्रीय मंत्री ने अमेठी के प्रति राहुल गांधी की निष्ठा पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि लोगों को पता है कि गांधी परिवार अमेठी से चुनाव लडऩे आएगा। पीएम नरेंद्र मोदी अमेठी लोकसभा क्षेत्र में 19 लाख नागरिकों को राशन भेजते हैं, अगर गांधी परिवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ है, तो ये 19 लाख नागरिक जो मुफ्त राशन पा रहे हैं, गांधी परिवार इन परिवारों से क्या कहेगा? 


अमेठी-रायबरेली पर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे बोले-अभी करना होगा नामों के ऐलान का इंतजार

अमेठी और रायबरेली लोकसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के बारे में जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से पूछा गया तो इसपर उन्होंने कहा, आपको कुछ और दिनों तक इंतजार करना होगा... जब लोगों की ओर से उम्मीदवारों के नाम मेरे पास आएंगे और मैं अधिसूचना पर हस्ताक्षर करूंगा, तो इसकी घोषणा की जाएगी। अमेठी की जगह केरल के वायनाड से चुनाव लडऩे के लिए राहुल गांधी की भाजपा द्वारा आलोचना किए जाने के बारे में पूछे जाने पर खडग़े ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र बदलने के लिए कांग्रेस नेताओं पर सवाल उठाने वालों को मुझे यह भी बताना चाहिए कि अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी ने कितनी बार अपनी सीटें बदलीं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के स्पष्ट संदर्भ में खरगे ने दावा किया कि कांग्रेस उन लोगों से प्रभावित नहीं है जो पार्टी में बड़े हुए और बाद में इसे छोड़ दिया। उन्होंने कहा, कांग्रेस एक बहती हुई नदी की तरह है, कुछ लोगों के चले जाने से इस पर कोई असर नहीं पड़ता।


अमेठी से भाजपा प्रत्याशी स्मृति ने कसा तंज, कहा-जीजा हो या साला, अमेठी में हर कोई मोदी का मतवाला 
उधर, राबर्ट वाड्रा के चुनाव लडऩे की मांग का पोस्टर अमेठी में लगने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी खुलकर बोलीं। कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता अब जीजा मांग रहे हैं अमेठी से। पहले साले साहब को मांग रहे थे। लेकिन.. मैं कहना चाहती हूं कि जीजा हो या साला, अमेठी में हर कोई है मोदी का मतवाला। उन्हानें कहा कि मैं कुछ दिन पहले वायनाड गई थी और मुझे जानकारी मिली कि राहुल गांधी ने वायनाड को अपना परिवार घोषित कर दिया है। इधर एक कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने वायनाड को इसलिए चुना क्योंकि राहुल गांधी कहते हैं कि वायनाड के लोग ज्यादा वफादार हैं। तो अमेठी की वफादारी का क्या हुआ?
 
गांधी परिवार का गढ़ रहा रायबरेली, सोनिया गांधी के राज्य सभा में जाने के बाद इस सीट पर वर्चस्व की जंग
रायबरेली 1960 से कांग्रेस का गढ़ रहा है, जहां फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी दोनों ने प्रतिनिधित्व किया है। सोनिया गांधी 2006 के उपचुनाव में जीत के बाद से इस निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। सोनिया के उच्च सदन में जाने के बाद, कांग्रेस द्वारा प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने की संभावना है, जो पार्टी में महासचिव हैं। इधर, अमेठी के सियासी रण का रोमांच हर दिन बढ़ रहा है। कांग्रेस सपा गठबंधन से अभी तक दावेदार का एलान नहीं किया गया है। कांग्रेस कार्यालय पर एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि अमेठी की जनता करे पुकार, राबर्ट वाड्रा अबकी बार। यह पोस्टर गौरीगंज में कांग्रेस कार्यालय के साथ ही पूरे कस्बे में लगाए गए हैं। दरअसल, बीते चार अप्रैल को राबर्ट वाड्रा का एक बयान आया था कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि मैं अपना पहला राजनीतिक कदम अमेठी में रखूं और यहां से सांसद बनूं। क्योंकि 1999 के चुनाव में प्रियंका के साथ जब चुनाव प्रचार किया तो वह अमेठी ही था। 

 

बसपा ने अमेठी लोकसभा से रवि प्रकाश मौर्य को उतारा, 2022 में अयोध्या विधानसभा से लड़ चुके है चुनाव

इस पूरी कवायद के बीच बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने अमेठी लोकसभा से रवि प्रकाश मौर्य के नाम की घोषणा की। रवि प्रकाश मौर्य अयोध्या जिले के रहने वाले है और 2022 में अयोध्या विधानसभा से चुनाव लड़ चुके है। इधर, अमेठी लोकसभा से केंद्रीय मंत्री और मौजूद सांसद लगातार तीसरी बार मैदान में है और भाजपा प्रत्याशी बनाई गई है। गठबंधन की तरफ से अमेठी सीट कांग्रेस के खाते में गई लेकिन अभी तक किसी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नही की गई है। चर्चा है राहुल गांधी या फिर प्रियंका गांधी अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ सकती है।


 

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