सीकर में बना 2700 किलो का रोट
देवीपुरा बालाजी मंदिर में लगाया भोग
1100 किलो आटा, 700 किलो सूजी, 400 किलो देसी घी, 500 किलो चीनी का प्रयोग
जोधपुर और सूरत के 20 कारीगरों ने बनाया रोट
रोट के लिए क्रेन की ली गई मदद
पूरे देश में इस अनूठे रोट की चर्चा
शक्ति और भक्ति के प्रदेश राजस्थान में कई बार इस तरह के अनूठे आयोजन होते हैं कि उनकी चर्चा पूरे देश में होती है। ऐसी ही चर्चा है शेखावाटी अंचल के सीकर शहर की, जहां देवीपुरा बालाजी मंदिर में शुक्रवार को 2 हजार 700 किलो का रोट बनाकर भगवान को भोग लगाया गया। खास बात ये है कि इस रोट को बनाने में 1100 किलो आटा, 700 किलो सूजी और 400 किलो देसी घी, ड्राई फ्रूट, 500 किलो चीनी और साडे 400 किलो मिसरी का प्रयोग किया गया ।इसको बनाने में 20 कारीगरों की मदद ली गई। साथ ही आटा गूथने के लिए क्रेन का उपयोग किया गया। रोट को बनाने के लिए शुद्ध गाय के घी का प्रयोग किया गया। इसे बनाने के लिए क्रेन की मदद से रोड रोलर नुमा बेलन से बेलकर इसे भट्टी पर चढ़ाया गया ।जोधपुर और सूरत के 20 कारीगरों ने इसे तैयार किया । पुरानसर धाम के संत रामदास महाराज के सानिध्य में यह आयोजन हुआ। इस बहुचर्चित रोट को देखने के लिए शेखावाटी अंचल से हजारों लोग देवीपुरा बालाजी मंदिर पहुंचे । भोग लगने के बाद सभी भक्तों को प्रसाद दिया गया। इसको बनाने में करीब 23 घंटे लगे और रोट का जब चूरमा प्रसाद के तौर पर सबको मिला तो लोग आनंदित हो उठे ।
ब्यूरो रिपोर्ट, हमारा समाचार।