गुजरात में नफरत फैलाओ और बटोगें तो काटोगे का प्रशिक्षण:डोटासरा बोले- RSS सरकार चल रही,

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहां कि भारतीय जनता पार्टी गुजरात में प्रशिक्षण कैंप चल रही है। वहां सिर्फ नफरत फैलाओ, हिंदू मुस्लिम और बटोगें तो काटोगे का प्रशिक्षण मिलेगा। राजस्थान में आरएसएस सरकार चला रही है। मुख्यमंत्री घर बैठकर टीवी देख रहे हैं। सरकार के मंत्री डमी हैं। उनको पता नहीं उनके अधिकार क्या है और क्या करना चाहिए। डोटासरा अजमेर से मेड़ता जाते वक्त हाईवे पर रुके जहां कांग्रेसियों की ओर से डोटासरा का स्वागत किया गया।

डोटासरा ने कहा- भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होना चाहिए। सरकार को इसमें सख्त से सख्त एक्शन लेना चाहिए। लेकिन यह जो कैस हैं यह स्टडी कैस जरूर है। किस प्रकार से क्वेश्चन लगाएं और किसने लगवाए और एक व्यक्ति 10 करोड़ की देने की क्यों सिफारिश कर रहा है। जबकि वह बीजेपी कैंडिडेट है। वहां अवैध खनन चल रहा है। उसके ऊपर सरकार कार्रवाई नहीं करके एक एमएलए के खिलाफ कार्रवाई की है।  कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती है। हमारा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का प्रयास रहा है। भ्रष्टाचारियों को पकड़ो लेकिन यह कैस अलग तरीके का है, इसमें पुलिस को और एसीबी को पूरी तरीके से जांच करनी चाहिए। इसमें थोड़ा सा पेच लग रहा है इसे सुलझाना पुलिस का काम है। जिसने घबराकर इतनी बड़ी रकम देने का काम किया उसकी भी कोई मजबूरी होगी उसकी भी जांच होनी चाहिए। कहां जा रहा है कि उसने फार्म हाउस, मंदिर वगैरह सब बनवा रखे हैं। इसको सरकार को देखना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए।  डोटासरा ने कहा- मॉकड्रिल निश्चित रूप से होनी चाहिए। नागरिक सुरक्षा हमारा पहला कर्तव्य होना चाहिए। हर तरीके से सरकार को मुस्तैद रहना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य है कि इस प्रदेश के अंदर सरकार नाम की डेढ़ साल से कोई चीज नहीं है। राजस्थान के विधायक गुजरात में जाकर प्रशिक्षण ले रहे हैं।  गुजरात में क्या प्रशिक्षण मिलेगा यह सभी को पता है। बाटों, बाटोगे तो काटोगे, हिंदू मुस्लिम, नफरत फैलाओ, साजिश रचो, ED इंकंपटैक्स का उपयोग करो हिटलर शाही जैसा प्रशिक्षण मिलेगा। डेमोक्रेसी नाम की कोई चीज नहीं है। क्या प्रशिक्षण लेने के लिए राजस्थान के लोगों को जाना चाहिए?

 

डोटासरा ने कहा- हमारे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल उठाया तो मुख्यमंत्री ने गुस्से में आ गए। पहली बार उनका गुस्सा देखा लेकिन नकली गुस्सा पहले भी देखा है। गुस्से में कह रहे थे कि सरदार पटेल की धरती पर आ गए। एकता अखंडता वगैरा लेकिन सरदार पटेल ने आरएसएस जो पैतृक जो जहां से उत्पत्ति राजनीति में हुई उसके ऊपर बैन लगाया था। सरदार पटेल की धरती पर जाकर जो निर्वाचित नहीं होते फिर भी आरएसएस के लोग सत्ता पर काबिज रहते हैं क्या इस धरती को छोड़ोगे वहां? कायदा यह होता जो प्रतिनिधि जीतता है और सरकार बनती हैं, जनप्रतिनिधि सरकार चलाते हैं।

लेकिन यहां आरएसएस सरकार चल रही है। पर्ची दिल्ली से आ रही है, मुख्यमंत्री घर पर बैठे रहते हैं टीवी देखते रहते हैं। क्या एक मुख्यमंत्री को इतनी फुर्सत मिल गई क्या? महीने में 5 दिन देव दर्शन यात्रा में जाएं और बिजली पानी सड़क की कोई बात नहीं करें। महिलाओं के साथ जिस तरीके से बलात्कार हो रहे हैं, लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ा हुआ है, यह सारी चीज मुख्यमंत्री को देखनी चाहिए। मंत्री तो बिल्कुल ही डमी हो गए हैं। उनको तो पता नहीं हमारे अधिकार क्या है और क्या करना चाहिए। अनर्गल बयान बाजी के अलावा कुछ कर नहीं पा रहे हैं। बजट के बाद से कोई भी मंत्री की ओर से जिले में जाकर बैठक लेकर दिशा निर्देश तक नहीं दिए गए हैं। महामहिम राज्यपाल को घूम रहे हैं मोदी जी की योजनाओं के बारे में पूछ रहे हैं। मुख्यमंत्री को प्रशिक्षण में जाकर नौटंकी करने की आवश्यकता नहीं है। वहां पर सिर्फ नफरत फैलाने, बाटने, हिंदू मुस्लिम करो और राज में कैसे कब्ज़ा रखना है, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें सेवा से कोई लेना-देना नहीं है।