व्यापारियों में आक्रोश, ज्ञापन के बाद भी मेले पर नहीं लगी रोक

उपखंड अधिकारियों पर लगता सवालिया निशान, व्यापारियों की भावनाएं हुई आहात 

शिवगंज - शहर स्थित महाराजा मैदान में लगने जा रहें दरबार मेगा ट्रेड फेयर फेस्टिवल का शिवगंज के व्यापारियों ने जताया आक्रोश, जिला कलेक्टर के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंप फेस्टिवल मेले पर रोक लगाने की एक स्वर में उठीं मांग, शहर के समस्त व्यापारी वर्ग ने एकजुट होकर ज्ञापन के माध्यम से तहसीलदार को अवगत करवाया कि महाराजा मैदान में लगने वाले फेस्टिवल में रेडीमेड कपड़ा कॉस्मेटिक आइटम्स घरेलू सामान का मेला लगाया जा रहा है, उक्त मेला लगने से शिवगंज शहर के व्यापारियों का व्यापार ठप होता है । जिसके चलते व्यापार करने में परेशानी आती है मेला लगने के चलते दुकान का किराया खर्चा तक निकलना भारी पड़ जाता है। मेले पर रोक लगाना अति आवश्यक है मेले पर अगर रोक नहीं लगाई जाती है तो हम समस्त व्यापारी बांधों को मजबूर होकर धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी । व्यापारियों ने कहा बाहरी व्यापारियो के द्वारा प्रशासन की सह पर इस प्रकार के मेले लगाने से उनका व्यापार पूरी तरह चौपट हो जाता है व्यापारियों को अपने परिवार का पालन-पोषण तक मुश्किल हो जाता हैं और प्रशासन बाहरी व्यापारियों को बढ़ावा दे रहा है इसे व्यापारी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान शहर के कई व्यापारी बंधु उपस्थित रहें। 

 

*लाखों के स्टॉक पर फिर सकता है पानी*व्यापारियों की माने तो दुकानों में लाखों रुपए का माल स्टॉक करके रखा हुआ है अभी मंदी का दौर शुरू है उसके बावजूद प्रशासन द्वारा जिस तरह से मेले की स्वीकृति दी जाती है उससे साफ-साफ लग रहा है स्थानीय प्रशासन स्थानीय व्यापार को खत्म करना चाहता है । 

 

*मेले को लेकर तैयारियां शुरू*व्यापारियों के द्वारा ज्ञापन देने के बाद शनिवार को देखा गया कि किस तरह से दरबार मेगा ट्रेड फेयर के द्वारा महाराज मैदान के अंदर मेला की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है । तैयारियां को देखकर व्यापारियों को लगता है कि शायद प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों के कानों के नीचे जूं तक नहीं रेंगी ।

 

*पहले भी व्यापारियों ने जताया था विरोध*शहर के व्यापारियों ने गत वर्ष भी मेले के आयोजन एवं मैदान में संचालित दुकानों को लेकर जताया था विरोध, एसडीएम को सौंपा था ज्ञापन, उसके बाद प्रशासन ने व्यापारियों की भावनाओं को समझते हुए दी गई स्वीकृति को निरस्त किया एवं लगाई गई दुकानों को हटाने के आदेश दिए थे ।