भाजपा विधायक ही विरोध में उतरे..‘कोचिंग रेगुलेशन’ बिल भी अटका!

विधानसभा में कोचिंग रेगुलेशन बिल पर चर्चा के दौरान भाजपा ‌विधायकों ने किया विरोध; अब सिलेक्ट कमेटी को सौंपा गया, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

विधायक सर्राफ बोले-कमेटी में स्वयंसेवी संस्थाओं, ज्यूडिशियरी का कोई भी व्यक्ति नहीं; सरकारी अफसर है, लेकिन जनप्रतिनिधि नहीं, विधयक गोपाल शर्मा ने कुछ धाराओं पर उठाए सवाल

विधानसभा का आखिरी दिन रहा काफी अहम, राजस्थान विधियां निरसन विधेयक 2025 पारित, पूरक प्रश्न पर नेता प्रतिपक्ष और विधानसभा अध्यक्ष के बीच बढ़ी बहस, कांग्रेस ने किया वॉकआउट 


जयपुर। राजस्थान विधानसभा में कोचिंग रेगुलेशन बिल भी अटक गया है। बिल पर विरोध के चलते इसे सिलेक्ट कमेटी को सौंप दिया गया है। विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। कोचिंग रेगुलेशन बिल पर बहस के दौरान बीजेपी विधायकों ने ही इसके प्रावधानों का खुलकर विरोध किया। कालीचरण सराफ ने इस बिल को प्रवर समिति को भेजने की मांग की। सराफ ने कहा- यह बिल अगर मौजूदा स्वरूप में पारित हो गया तो यह कोचिंग संस्थान राजस्थान से बाहर शिफ्ट हो जाएंगे। हजारों शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। 60 हजार करोड़ का कारोबार छोटे हो जाएगा। इस बिल से अफसरशाही हावी हो जाएगी। सराफ ने कहा कि इस बिल पर पहले कोचिंग संस्थानों, जनता, स्टूडेंट और शिक्षकों सब से बात होनी चाहिए। आपने स्टेट और जिला लेवल पर कमेटी बनाने का प्रावधान कर दिया। कलेक्टर 50 कमेटी का अध्यक्ष होता है वह जा नहीं सकता। कमेटी में कोई स्वंयसेवी संस्थाओं, ज्यूडिशियरी का भी व्यक्ति नहीं है। कमेटी में सरकारी अफसर है, लेकिन जनप्रतिनिधि नहीं है। इसमें ज्यूडिशियरी का प्रतिनिधि भी होना चाहिए। सराफ ने कहा- केंद्र ने गाइडलाइन दी थी कि इस तरह का सिस्टम विकसित हो कि कोई बच्चा 2 दिन गैरहाजिर रहता है तो उसकी सूचना उसके माता-पिता को दी जानी चाहिए, वह प्रावधान इस बिल से गायब है। इस विधेयक को जल्दबाजी में पारित मत कीजिए। राजस्थान विधानसभा में कोचिंग रेगुलेशन बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने इसकी कुछ धाराओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस बिल में नियमों के उल्लंघन पर 2 लाख और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है, तो क्या यह सिर्फ छोटी मछलियों को पकडऩे के लिए लाया गया है? गोपाल शर्मा ने कहा कि डबल इंजन की सरकार है तो साथ-साथ चलो। केंद्र की गाइडलाइन में 16 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को ही कोचिंग में पढ़ाने का प्रावधान है। यह प्रावधान इस बिल से क्यों गायब है। उन्होंने कोचिंग सिस्टम को शिक्षा का मायाजाल बताते हुए कहा कि यह कोचिंग संस्थान इतनी ताकतवर हो चुके हैं कि कहीं राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त न कर दें।


राजस्थान विधियां निरसन विधेयक 2025 पारित, 45 पुराने कानून खत्म
विधानसभा में राजस्थान विधियां निरसन विधेयक 2025 को सोमवार को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक के तहत प्रदेश में 45 अप्रचलित और अनुपयोगी कानूनों को खत्म करने का निर्णय लिया गया है, जिनमें 37 कानून पंचायती राज से जुड़े हैं। इनमें बीकानेर स्टेट डिस्ट्रिक्ट बोर्ड अमेंडमेंट एक्ट 1952, बीकानेर म्यूनिसिपल अमेंडमेंट एक्ट 1952 जैसे कई दशकों पुराने कानून शामिल हैं। विधानसभा में चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि समय-समय पर अप्रचलित और अनुपयोगी कानूनों को हटाने की प्रक्रिया चलती रही है। कांग्रेस सरकार के दौरान भी 123 पुराने कानून खत्म किए गए थे, जिनमें 100 संशोधन कानून (अमेंडिंग लॉ) थे। जोगाराम पटेल ने कहा कि हमारी सरकार लीगल सिस्टम को सरल और प्रभावी बनाने के लिए काम कर रही है। पुराने और अप्रचलित कानूनों को हटाने से जनता को सीधा लाभ मिलेगा। 


पूरक प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं दिए जाने पर कांग्रेस ने किया वॉकआउट
विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान जबरदस्त हंगामा हो गया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली बिजली से जुड़े एक सवाल पर पूरक प्रश्न पूछने के लिए खड़े हुए लेकिन स्पीकर वासुदेव देवनानी ने यह कहते हुए अनुमति देने से मना कर दिया कि यह एक विधानसभा का सवाल है इसलिए इस पर आपका पूरक प्रश्न नहीं बनता। प्रांत का प्रश्न होता तो आप पूछते। जूली ने इसका विरोध किया तो देवनानी तैश में आ गए। देवानानी ने कहा कि मैं आपको जितना कॉपरेट कर रहा हूं आप लोग गलत फायदा उठा रहे हो। मैं आपको 3 बार पूरक प्रश्न पूछने की अनुमति दे चुका हूं। इस पर जूली बिफर गए और बोले कि आप सवाल पूछने की अनुमति देकर हम पर कोई अहसान नहीं कर रहे हो, यह विपक्ष का हक है। लेकिन स्पीकर ने अनुमति देने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया और अगला सवाल पुकार दिया। जूली ने इसका विरोध किया और कांग्रेस के विधायक जूली के समर्थन में अपनी सीटों से खड़े होकर वेल की तरफ आ गए। हंगामे के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।


राणा सांगा का मुद्दा भी विधानसभा में गूंजा, सत्ता-विपक्ष विधायक हो गए आमने-सामने
सपा सांसद रामजीलाल सुमन के राणा सांगा को ‘गद्दार‘ कहने के बयान पर राजस्थान में सियासी उबाल जारी है। इस बीच विधानसभा में सोमवार को राणा सांगा पर विवादित बयान को लेकर जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान बीजेपी विधायक श्री चंद कृपलानी और कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा आपस में भिड़ गए। सदन में हरिमोहन शर्मा ने राणा सांगा के बयान पर चर्चा करने का विरोध किया, तो बीजेपी विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई। इस दौरान बीजेपी विधायक श्री चंद्र कृपलानी ने तंज कस दिया कि ‘आप राणा सांगा पर टिप्पणी करने वालों का समर्थन कर रहे हो क्या? सपा सांसद की ओर से राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान से राजस्थान की सियासत जमकर गर्माई हुई है। विधानसभा में सोमवार को सपा सांसद के बयान को लेकर जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी विधायक श्री चंद कृपलानी ने ‘पॉइंट ऑफ इनफार्मेशन‘ के जरिए राणा सांगा को ‘गद्दार‘ कहने का मुद्दा उठाया और कार्रवाई की मांग की। इस पर कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि सदन में इस पर चर्चा नहीं हो सकती हैं। उनके इतना कहने पर बीजेपी विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई।