आपातकाल की यादों के बीच राजस्थान विधानसभा में लोकतंत्र के सैनानियों का सम्मान विधेयक ध्वतिमत से पारित हुआ, भू राजस्व विधेयक प्रवर समिति को भेजा गया
वोट डिविजन की मांग पर कांग्रेस ने किया वॉकआउट, छिव्यांगों को 4 फीसदी आरक्षध का भी ऐलान, 24 मार्च को पूर्ण होगा विधानसभा का बजट सत्र
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को इमरजेंसी में जेल जाने वालों को पेंशन और सुविधाओं के लिए लाए गए लोकतंत्र सेनानी सम्मान बिल पर बहस हुई। इस दौरान मुल्जिम शब्द के इस्तेमाल पर सदन में हंगामे की स्थिति बन गई। दरअसल कांग्रेस विधायक रफीक खान ने इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वालों को मुल्जिम कहा था। इस पर भाजपा ने आपत्ति जताई। इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी विधायकों में जमकर नोंकझोंक हुई। बहस के दौरान विधायक रफीक खान ने कहा कि आप जुर्म करने वाले मुल्जिमों को पेंशन देने का कानून ला रहे हो। ऐसे में मुल्जिम शब्द पर भाजपा ने आपत्ति जताई थी। इस पर खान ने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों को मुल्जिम ही कहा जाता है। आपने आंदोलन कर रहे किसानों के साथ कैसा बर्ताव किया। किसान क्या लोकतंत्र का हिस्सा नहीं है। बहस के दौरान बीजेपी विधायक ताराचंज जैन ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान भारी अत्याचार किया गया था। लोगों को मनमाने तरीके से जेल में डाल दिया गया था। एक नाबालिग स्वयंसेवक को इतना पीटा गया कि उसके कान के पर्दे तक फट गए थे। उन्होंने सरकार के सामने मांग रखी कि इमरजेंसी को सिलेबस में शामिल करके पढ़ाया जाए ताकि नई पीढ़ी को पता लगे।
बहस के बाद पारित हुआ लोकतंत्र के सैनानियों का सम्मान विधेयक-2024
विधानसभा में मंत्री जोगाराम पटेल ने राजस्थान लोकतंत्र के सैनानियों का सम्मान विधेयक-2024 को सदन में चर्चा के लिए रखा। इस पर चर्चा के दौरान आपातकाल का जिक्र कर सत्ता पक्ष ने कांग्रेस पर निशाना साधा. इस मुद्दे को लेकर कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में तकरार हुई। यह बिल सदन में ध्वनिमत से पारित किया गया। इस विधेयक में आपातकाल के समय जेल जाने वाले बंदियों को पेंशन, मेडिकल सुविधा और यात्रा में रियायत का प्रावधान किया गया है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने लोकतंत्र के सैनानियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने और राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार करने की भी मांग उठाई।
विधानसभा में भू-राजस्व संशोधन विधेयक पर हंगामा, कांग्रेस का वॉकआउट
विधानसभा में भू-राजस्व अधिनियम संशोधन विधेयक पर बहस के बाद भारी हंगामा हुआ। बीजेपी विधायकों की कम उपस्थिति देखते हुए कांग्रेस ने विरोध जताया और विधेयक को जनमत जानने के लिए भेजने की मांग की। स्पीकर ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, जिससे कांग्रेस भडक़ गई। भू-राजस्व अधिनियम संशोधन विधेयक पर चर्चा के बाद, जब पारण की स्थिति आई तो कांग्रेस ने वोट डिविजन की मांग कर दी। स्पीकर ने इसकी मंजूरी नहीं दी और बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेज दिया। वहीं कांग्रेस ने वोट डिविजन की मांग को लेकर सदन से वॉक आउट कर दिया। लेकिन सदन में बीजेपी विधायकों की कम संख्या को देखते हुए कांग्रेस अड़ गई कि बिल को जनमत जानने के लिए भेजा जाए और सदन में इसके लिए वोट डिविजन करवाया जाए।
भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला, दिव्यांगों को प्रमोशन में मिलेगा 4 फीसदी आरक्षण
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भजनलाल सरकार ने बड़ी घोषणा की है। बीजेपी विधायक फूल सिंह मीणा के सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने बताया की दिव्यांगों को प्रमोशन में 4 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना में राज्य सरकार 30 जून 2016 से नोशनल प्रमोशन का लाभ देने का काम कर रही है। बीजेपी विधायक फूल सिंह मीणा के सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने बताया कि राज्य सरकार दिव्यांगों को पदोन्नति में 4 फीसदी ‘नोशनल आरक्षण’ देगी। मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना में राज्य सरकार 30 जून 2016 से नोशनल प्रमोशन का लाभ देने का काम कर रही है।
24 मार्च को पूर्ण होगा विधानसभा का बजट सत्र, राजस्थान दिवस की तैयारियों में जुटेगी सरकार
विधानसभा का बजट सत्र 24 मार्च को संपन्न होने की संभावना है। इसके बाद सरकार राजस्थान दिवस की तैयारियों में जुटेगी। हालांकि पहले यह सत्र अप्रैल तक खींचे जाने की चर्चा थी लेकिन अब सरकार इसे आगे चलाने के मूड में नहीं है। वहीं जो बिल पेंडिंग रह गए हैं, वे या तो सदन में रखे नहीं जाएंगे या रखे जाएंगे तो उन्हें सिलेक्ट कमेटी को भेजा सकता है। राज्य सरकार इसी सत्र में धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक भी लाना चाहती थी। हालांकि अभी तक उसे सदन में नहीं रखा गया है। ऐसे में इस बात की संभावना कम ही है कि अब यह विधेयक इसी सत्र में चर्चा के लिए लाया जाएगा क्योंकि कोई भी विधेयक सदन में चर्चा में लाने से 48 घंटे पहले विधानसभा में सर्कुलेट किया जाना जरूरी होता है। कोचिंग सेंटर को नियमित करने के लिए विधेयक सदन में रखा जा चुका है लेकिन अभी इस पर भी चर्चा नहीं हुई है। इसके अलावा भूजल को लेकर लाया गया विधेयक फिर से सरकार प्रवर समिति को भेज चुकी है।