अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला..

पर्यटकों के ‘खून से लाल हुई पहलगाम की घाटी’..मजहब पूछ कर दी मौत; 27 की हत्या, हाई अलर्ट! 

आर्मी और पुलिस की वर्दी में आए तीन से चार आतंकियों ने मचाया कोहराम, मृतकों में कर्नाटक-महाराष्ट्र-गुजरात और यूपी के पर्यटक, दो विदेशी पर्यटकों की भी हत्या, एलओसी पर हाई अलर्ट

आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी, लश्कर ए तैयबा से संबंधित है संगठन, पीएम मोदी ने कहा आतंक बर्दाश्त नहीं; दिया जाएगा मुंह तोड़ जवाब

गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे, एलजी मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला सहित आईबी चीफ और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ली हाईलेवल बैठक

सेना ने शुरू किया ऑपरेशन, जंगलों में आतंकियों की तलाश शुरू, पहलगाम के होटल खाली करवाए गए, बड़े स्तर पर शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन 
   

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में मशहूर टूरिस्ट प्लेस पहलगाम में मंगलवार दोपहर को बड़ा टेरर अटैक हो गया। यहां आतंकवादियों ने टूरिस्टों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। आतंकवादियों की संख्या तीन से चार बताई जा रही है जो सेना और पुलिस जैसी वर्दी में थे। सभी के पास एके-47 और अन्य हथियार थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से खबर लिखे जाने तक 27 लोगों की मौत हो गई है। इनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हो सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि हमले के तुरंत बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी चीफ, सीआरपीएफ और बीएसएफ डीजी, आर्मी के टॉप अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की। इस हाई लेवल मीटिंग के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर पहुंचे। उनके अलावा अन्य तमाम सिक्योरिटी फोर्सेज के चीफ और अन्य आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय, आर्मी, बीएसएफ, सीआरपीएफ और आईबी अधिकारियों के बीच हुई मीटिंग में इस आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा गया है। हमले के बाद पूरे इलाके में 15 मुख्य पाइंट से घेराबंदी की गई है। आतंकवादियों की तलाश में खोजी कुत्ते, ड्रोन और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। पूरे इलाके में सीआरपीएफ, बीएसएफ और आर्मी समेत जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बड़े स्तर पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान समर्थिक आतंकवादी ग्रुप लश्कर-ए-तैबा के मुखौटा टेरर ग्रुप ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ यानी टीआरएफ की तरफ से इस हमले की जिम्मेदारी ली है। लेकिन जांच की जा रही है कि इसके पीछे टीआरएफ ही है या फिर लश्कर या कोई और। टीआरएफ ने एक पेज के अपने संदेश में यह भी लिखा है कि जम्मू-कश्मीर में गैर स्थानीय लोगों को बसाया जा रहा है। यहां अवैध रूप से बसने की कोशिश करने वाले बाहरी लोगों के खिलाफ ऐसे ही हिंसा की जाएगी। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिस जगह यह हमला हुआ। वहां सडक़ मार्ग नहीं है। वहां पैदल और खच्चरों से ही आया-जा सकता है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमला साउथ कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में बैसरन घाटी के पास उंचाई पर हुआ है।

आतकियों ने की अंधाधुध फायरिंग, कलमा पढ़वाकर मारी गोली
टूरिस्टों पर यह आतंकी हमला मिनी स्विटजरलैंड कहे जाने वाले बैसरन इलाके में मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे हुआ। बताया जा रहा है कि आतंकी बैसरन घाटी के पहाड़ से नीचे उतरे और वहां घुड़सवारी करते टूरिस्टों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। वह आर्मी की वर्दी में थे। हमले में कुछ स्थानीय लोग और घोड़ों को भी गोली लगी है। सूत्रों का कहना है कि हमले में अपना पति खो चुकी महिला का दावा है कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर गोली मारी। यह हमला पवित्र अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने से पहले सोचविचाकर किया गया लगता है। एजेंसियों का मानना है कि हमला करने से पहले इलाके की रेकी की गई। आतंकवादियों ने यह सुनिश्चित किया कि यहां कितनी फोर्स लगी है। फिर मौका देखकर उन्होंने लोगों को टारगेट किया।

आतंकी गुट टीआरएफ ने ली पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी
सूत्रों के मुताबिक, आतंकी संगठन ने इस शर्मनाक हरकत के बाद एक पत्र भी जारी किया है। अपनी कायराना हरकत को छुपाने के लिए टीआरएफ ने पत्र में दावा किया कि जम्मू कश्मीर में 85 हजार से अधिक डोमिसाइल जारी किए गए हैं। आतंकी संगठन का दावा है कि ये डोमिसाइल स्थानीय लोगों को नहीं, बल्कि बाहरी लोगों को प्रदान किए गए हैं। इससे जम्मू कश्मीर की डेमोग्राफी को बिगाडऩे का प्रयास किया जा रहा है। इस तरह का आतंकी हमला, लोगों को गैर कानूनी तरीके से जम्मू कश्मीर में बसाने के प्रयासों का नतीजा है। बता दें कि जम्मू एंड कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद वहां अभी तक 85 हजार से अधिक लोगों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। टीआरएफ ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। यह संगठन पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की प्रॉक्सी विंग है। कई वर्षों से टीआरएफ, जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम दे रही है। खासतौर पर, जेएंडके में सुरक्षा बलों पर हमले और टारगेट किलिंग, ये टीआरएफ की रणनीति का हिस्सा रहा है। टीआरएफ ने पहले भी गैर-कश्मीरियों को अपना निशाना बनाया है। 


पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक्शन में आए पीएम मोदी, गृह मंत्री शाह मौके पर
सऊदी अरब के दौरे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कहा कि इस हमले में जो भी शामिल हैं, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों का नापाक मकसद कभी सफल नहीं होगा। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग शीघ्र स्वस्थ हो जाएं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।