जन्माष्टमी पर सीएम भजनलाल ने दिया बड़ा तोहफा..बनेगा ‘श्री कृष्ण गमन पथ’; पुनर्जीवित होगा इतिहास

भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली गिरिराज जी से उनकी शिक्षा स्थली उज्जैन तक जाएगा मार्ग, धार्मिक सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा पूरा रूट 

कृष्ण मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों को जोडक़र मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर किया जाएगा विकसित, कृष्ण भक्तों को मिली बड़ी सौगात


जयपुर/उज्जैन। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण गमन पथ का निर्माण किया जाएगा, जो भगवान श्री कृष्ण की क्रीड़ा स्थली गिरिराज जी से उनकी शिक्षा स्थली उज्जैन तक जाएगा। इस मार्ग को धार्मिक सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें श्री कृष्ण के मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों को जोडक़र मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर विकास किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं को आने वाली पीढिय़ों तक पहुंचाना है। बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जन्माष्टमी पर बड़ी घोषणा की है। राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार मिलकर श्री कृष्ण गमन पथ का निर्माण करेंगे। मुख्यमंत्री शर्मा ने श्रीनाथजी मंदिर में दर्शन कर देश और प्रदेश के नागरिकों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज हम श्री कृष्ण जन्मस्थान से उनकी शिक्षा स्थली उज्जैन तक जाएंगे। मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर उनके गमन पर पडऩे वाले सभी मंदिरों को जोडक़र एक धार्मिक सर्किट विकसित किया जाएगा। भरतपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पूंछरी का लौठा स्थित मुकुट मुखारविंद गिरिराज जी पर दूध अभिषेक किया और श्रीनाथजी व पूंछरी का लौठा मंदिर के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना की और कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कृष्ण गमन पथ की एक बड़ी घोषणा की।


गिरीराज जी से उज्जैन तक विकसित होगा श्री कृष्ण गमन पथ, ऐतिहासिक स्थलों का होगा विकास

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भगवान श्री कृष्णा की क्रीड़ा स्थली गिरिराज जी से लेकर शिक्षा ग्रहण करने उज्जैन जाने तक के मार्ग को श्री कृष्ण गमन पथ के रूप में विकसित किया जाएगा। इस मार्ग में पडऩे वाले श्री कृष्ण मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों का मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का संपूर्ण जीवन आने वाली पीढिय़ों को संदेश देता रहे, इसके लिए श्री कृष्ण गमन पथ को धार्मिक सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा।


राजस्थान सरकार और मध्यप्रदेश मिलकर करेंगे इस प्रोजेक्ट को पूरा, कृष्ण लीलाओं को संजोया जाएगा क्रमवार

राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही भगवान श्री कृष्ण के जन्म स्थल से लेकर शिक्षा ग्रहण करने के आश्रम उज्जैन तक कृष्ण गमन पथ का निर्माण करेंगी। जन्माष्टमी के अवसर पर पूंछरी का लौठा में पहुंचे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष में राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकार एक बड़ा निर्णय किया है। दोनों सरकारें मिलकर कृष्ण गमन पथ का निर्माण करेंगी। भगवान श्री कृष्ण अपने जन्म स्थल मथुरा से भरतपुर, कोटा, झालावाड़ के रास्ते होते हुए उज्जैन में संदीपन गुरु के आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने पहुंचे थे। कृष्ण गमन पथ में पडऩे वाले पौराणिक महत्व के स्थान और मंदिरों को भी विकसित किया जाएगा।


525 किमी का होगा धार्मिक सर्किट, तीर्थ स्थल के रूप में होगा विकसित
यह 525 किमी का धार्मिक सर्किट उज्जैन से झालावाड़, भरतपुर होते हुए मथुरा तक जाएगा। भगवान कृष्ण की जन्म स्थली मथुरा से लेकर उनकी शिक्षा स्थली उज्जैन को धार्मिक सर्किट के जरिए जोड़ा जाएगा। यह धार्मिक सर्किट करीब 525 किलोमीटर का हो सकता है। यह सर्किट राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार मिलकर बनाएंगी। सीएम ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण मथुरा से भरतपुर, कोटा, झालावाड़ के रास्ते छोटे-छोटे गांवों से होते हुए उज्जैन पहुंचे थे। हमने उनकी राह में पडऩे वाले स्थानों को चिह्नित कर लिया है। उन सभी धार्मिक स्थानों को एमपी और राजस्थान सरकार जोड़ेंगी।