कोटा , मुस्लिम नक्काल समाज ने हस्सानी उपनाम जोड़ने की भारत सरकार से माँग की हे नक्काल समाज के प्रतिनिधि कोटा थर्मल में कार्यरत सी आई एस एफ़ जवान ख़लील ख़ान हस्सानी ने बताया कि हिन्दुस्तान में नक्काल समाज का इतिहास काफ़ी पुराना हे ये समाज राजा महाराजाओं के दरबार में दूसरों की नक़ल करके बादशाह और दरबारियों का मनोरंजन किस्से और चुटकले प्रस्तुत करके किया करता था राजा और बादशाह इनके हुनर से प्रसन्न होकर इन्हें उपहार के रूप में जागीर तक दिया करते थे
सर्वविदित हे कि बादशाह और राजा सनकी हुआ करते थे मनोरंजन के लिये कोई भी आदेश दे देते थे यदि नक्काल उनके मापदण्ड पर खरा नहीं निकलता था तो उसे मृत्युदंड तक दे दिया जाता था बादशाह अकबर के बारे में एक कथा हे कि एक दिन उन्हें सनक उठी तो उन्होंने बीरबल को कहा कि नक्कालों को बुलाकर आदेश दिया जाये कि बादशाह ऊपरी मंज़िल से सीढ़ियों से नीचे उतर रहे हें अंतिम सीढ़ी तक आने तक यदि उन्हें नहीं हँसा सके तो उनके परिवार को कोल्हू में पिलवा दिया जायेगा नक्कालों ने हँसाने का भरपूर प्रयास किया परन्तु जब वे सफ़ल ना हो सके तो अन्तिम सीढ़ी आने पर नक्कालों ने सोचा कि अब तो मौत निश्चित हे मरता क्या ना करता ये सोच अचानक उन्होंने बादशाह को गन्दी गन्दी गालियाँ देना शुरू कर दिया इनकी इस हरकत पर बादशाह भी अचानक हँस पड़े और बीरबल से कहा कि मेरे समक्ष कोई सर नहीं उठा पाता हे और इन्होंने मौत के डर से गालियाँ दीं और बादशाह द्वारा नक्कालों को भेँटस्वरूप जागीर दी गई
राजा महाराजाओं के समय इस समाज का बुलन्द रुतबा था परन्तु इस समय ये समाज बिखर गया हे दयनीय स्थिति में हे अपनी जाती नक्काल बताने पर शर्मिंदगी उठानी पड़ती हे स्कूल में बच्चों का साथियों द्वारा मज़ाक बनाया जाता हे इसलिये सरकार से आवेदन करके हस्सानी उपनाम का दर्ज़ा देने की माँग की हे
समाज के प्रतिनिधि मुंबई से हाफिज़ रईस हस्सानी, मोहम्मद रशीद हस्सानी गुजरात से हाफिज़ नसरूल्लाह हस्सानी मोहम्मद हनीफ़ हस्सानी राजस्थान से मोहम्मद सलीम हस्सानी, मोहम्मद इनायत हस्सानी, ज़फर हस्सानी उत्तर प्रदेश से गुलाम रसूल हस्सानी, मोहम्मद जीशान हस्सानी, मोहम्मद हफीज हस्सानी, निजाम हस्सानी दिल्ली से डाक्टर मोहम्मद तसलीम हस्सानी, मुजम्मिल हस्सानी, हनीफ़ हस्सानी, बबलू हस्सानी, राजा राही हस्सानी, शफ़ाकत हस्सानी और ज़ाहिद बाबा हस्सानी इत्यादि ने भारत सरकार से नक्काल समाज को हस्सानी उपनाम का दर्ज़ा दिलवाने की माँग की हे