उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ उत्तर तोदाद्रि श्री गलता जी में गलतापीठाधीश्वर स्वामीअवधेशाचार्य जी महाराज के सान्निध्य में 3 मई से चल रहे 10 दिवसीय श्री रामानुज जयंती महोत्सव का समापन रामानुज जंयती (रविवार दिनाँक 12 मई) को समपन्न हुआ।श्री गलता पीठ के युवाचार्य स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि इस अवसर पर दस दिन पर्यन्त नियमित रूप से प्रतिदिन तिरूमंजन ( अभिषेक ), वैदिक विधि से पूजन, अष्टोत्तरशत तुलसी अर्चना, पाठ, हवन, आदि किये गए।
प्रतिदिन प्रातः शरणागति गद्य, श्री रंगगद्य, श्री वैकुण्ठ गद्य पाठ तथा सायं स्तोत्ररत्न, यतिराजविंशति, रामानुज प्रपत्ति, पंचधाटी, भजयतिराजं स्तोत्र आदि के पाठ किये गए। तीर्थ, गोष्ठी प्रसादी का वितरण भी किया गया।रामानुज जयंती के दिन प्रातः श्री गलता पीठ स्थित श्री रामानुज कीर्ति स्तंभ की अर्चना की गई तथा पँचधाटी स्तोत्र, श्री रामानुज चालीसा आदि से कीर्ति स्तंभ की परिक्रमा करते हुए प्रभात फेरी की गई।
इसके पश्चात श्री गलता पीठ स्थित श्री रामानुजाचार्य जी के अति प्राचीन मूल विग्रह एवं उत्सव विग्रह का वैदिक विधि से मंत्रोच्चरण के साथ पंचामृत, पंचमेवा, फलों, पंचद्रव्यों, सर्वऔषधि, सहस्त्रधारा, फलों के रस इत्यादि से गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज व युवराज स्वामी राघवेन्द्र जी द्वारा तिरुमंजन ( अभिषेक ) किया गया । दिव्य प्रबन्ध व स्तोत्र पाठ आदि का वाचन विद्वानों द्वारा किया गया। श्री रामानुज स्वामी जी का तुलसी पुष्प से सहस्त्रार्चन किया है।श्री रामानुज जयंती के अवसर पर श्री गलता पीठ द्वारा रामानुजाचार्य जी के जीव कारुण्य व सामाजिक समरसता को स्मरण करते हुए समस्त जीवों के कल्याण की कामना की गई ।
इस अवसर पर मुरली मनोहर मन्दिर के महन्त जी स्वामी राघवेन्द्राचार्य जी, नृसिंह मंदिर के महन्त जी स्वामी नारायणाचार्य जी सहित अनेकों सन्त- महन्त, महात्मा उपस्थित रहे।सभी को शठारी दी गयी। इसके पश्चात सभी ने तुलसी, चरणामृत, गोष्ठी प्रसादी आदि ग्रहण किये।