बगरू में जिम्मेदारों की बेपरवाही बन गई नासूर..यहां सरकारी जमीन पर बस गया ‘मिनी बांग्लादेश’!

बांग्लादेशियों को हटाने के लिए ग्रामीण कई बार हुए लामबंद, लेकिन प्रशासन से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला, अब लोगों ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी 

बगरू (विजेन्द्र सिंह राठौड़)। कस्बे की रामपुरऊंती रोड से मीणों की ढाणी में जाने वाले रास्ते पर जेडीए की बेशकीमती जमीन पर बांग्लादेशियों एवं अन्य लोगों ने अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर लिया है और अब ये अतिक्रमण कस्बे के लिए नासूर बनते जा रहे है। इनको हटाने के लिए क्षेत्र के ग्रामीणों, व्यापारियों व जनप्रतिनिधियों ने कई बार जमकर धरना-प्रदर्शन किया लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, ऐसे में कस्बेवासियों व ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार रामपुराऊंती रोड से मीणों की ढाणी में जाने वाली रोड पर स्थित जेडीए की बेशकीमती जमीन पर धीरे-धीरे बड़ी संख्या में अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर कब्जा जमा रहे बांग्लादेशियों तथा अन्य लोगों को यहां से हटाने की मुहीम क्षेत्रवासियों द्वारा लंबे समय से चलाई जा रही है। इसी के तहत कई बार लिखित व मौखिक में ग्रामीणों द्वारा प्रशासन को अवगत कराया गया। जब प्रशासन ने सुनवाई नहीं की तो 21 जून 2021 को भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के पार्षदों एवं ग्रामीणों ने लिंक रोड जाम कर उपतहसील कार्यालय के बाहर बडे रूप में धरना प्रदर्शन किया था तब मौके पर पहुंचे कार्यरत नायब तहसीलदार, जेडीए अधिकारियों, थानाधिकारी व पालिकाध्यक्ष ने शीघ्र ही अतिक्रमण को हटाने का आश्वासन देकर मामला शांत कराया था। इसके बाद से भी समय-समय पर ग्रामीणों ने अपनी मांग उठाई मगर प्रशासन की हठधर्मिता के आगे ग्रामीणों की मांग आज भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। 


अपनी जमीन कब्जा मुक्त करवाने में जेडीए नाकाम, कार्रवाई के नाम पर की सिर्फ लीपापोती
हालांकि पूर्व में दिए गए आश्वासन की क्रियांन्वति के लिए कच्ची बस्ती में जेडीए अधिकारी मय जाप्ते पहुंचे तथा वहीं नवनिर्मित हो रही एक होटल को ध्वस्त कर खाना पूर्ति कर कार्यवाही की इतिश्री कर ली। इससे अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद हो गए और इस बेशकीमती जमीन पर बाहरी लोगों द्वारा अतिक्रमण और बढ़ता चला गया। प्रशासन द्वारा इस मामले में लीगातार अनदेखी की जा रही है और ऐसे में स्थानीय लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। अब कार्रवाई नहीं होने पर लोगों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली है। 


असामाजिक तत्वों का अड्डा बनी बांग्लादेशियों की ये बस्तियां, लोगों का जीना मुहाल
मीणों की ढाणी सहित स्थानीय बाशिंदों का कहना है कि यह कच्ची बस्ती असामाजिक तत्वों का अड्डा बनती जा रही है। जैसे ही शाम ढलती है इस बस्ती में असामाजिक तत्वों का बोलबाला शुरू हो जाता है तथा रात्रि में इस रास्ते से आमजन का गुजरना भी दुश्वार हो जाता है। यहां आए दिन मारपीट, गालीगलौच होने से क्षेत्र का वातावरण दूषित होता जा रहा है। हालात यह है कि अब स्थानीय लोगों का रहना तक मुहाल होता जा रहा है। 

इनका कहना है
हम तो चाहते है कि इन लोगों के साथ-साथ उन पर भी कार्रवाई हो जिन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा कर बड़े-बड़े कॉम्प्लेक्स बना लिए है और लाखों रूपए महीने के कमा रहे है। हम किसी के भी पक्ष में नहीं है, कच्ची बस्तियां हटनी चाहिए। सोमवार को मौके का जायजा करवाकर उचित कार्यवाही के लिए जेडीए अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
मालूराम मीणा, पालिकाध्यक्ष