4 जून बाद राजस्थान की सियासत में आएगा बड़ा भूचाल.. ‘फिर अरबों का घोटाला’ निकाल लाए किरोड़ी लाल..‘सियासी ड्रामा या कोई नई चाल’; सभी को किया हैरान!

हर हफ्ते एक नई चि_ी लिख रहे है केबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, इस बार राज्य भण्डार निगम पर अरबों रुपये के घोटाले का लगाया आरोप, सीएम से की जांच की मांग


कैग द्वारा संपादित थिमेटिक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर राज्य भण्डार निगम  के अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की अपील, बीते हफ्ते ही 1146 करोड़ के हेरफेर का किया था खुलासा

जयपुर। राजस्थान की सियासत में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। फायर ब्रांड नेता के रूप में पहचान बनाने वाले किरोड़ी लाल बीते कुछ दिनों से ही अपनी ही सरकार के विभिन्न विभागों पर उंगली उठाते हुए मोर्चा खोल रहे हैं। इसके कारण किरोड़ी लाल के तीखे तेवरों से सियासी पारे में उबाल हैं। इस बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है, क्या कैबिनेट मंत्री बनने के बाद भी किरोड़ी लाल अपने पुराने रंग में आ गए हैं? जो अब अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने लगे हैं। असल में तो किरोड़ी लाल मीणा को धरना प्रदर्शन करने वाले फायर ब्रांड नेता के तौर पर जाना जाता है, लेकिन मंत्री बनने के बाद किरोड़ी लाल कुछ दिन तक शांत रहे, लेकिन अब सियासी चर्चा है कि किरोड़ी लाल अपने धरना प्रदर्शन देने की फितरत को फिर से ‘मिस’ करने लगे हैं।
इस बार मीणा ने सीएम को फिर चिट्टी लिखी है। अब अपने नए पत्र में राजस्थान के राज्य भण्डार निगम पर अरबों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। इसके पहले उन्होंने 14 मई को चि_ी लिखी थी। जयपुर के गांधीनगर इलाके में पीपीपी मोड पर बन रहे बिल्डिंग को लेकर मंत्री मीणा ने 1146 करोड़ रुपए की हेराफेरी की बात कही थी। उन्होंने चि_ी लिखकर सीएम को फाइल वापस लेने की बात कही थी। बार-बार चि_ी लिखने से कयास लगाए जा रहे हैं कि किरोणी लाल मीणा कहीं अपनी कुर्सी बचाने के लिए तो नहीं ये कर रहे हैं। इसके साथ उन्होंने सीएम से इसकी जांच और टेंडर को निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कैग द्वारा संपादित थिमेटिक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर राज्य भण्डार निगम के अधिकारियों के विरूध आवश्यक कार्रवाई करने की भी मांग की है।

किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी चि_ी में लगाए गंभीर आरोप, अरबों की हेराफेरी का किया जिक्र
मीणा ने पत्र में लिखा कि राज्य भण्डार निगम में कार्यों के संपादन में काफी समय से अनियमितताएं की जा रही है। जिससे निगम को अरबों रुपये की आर्थिक हानी हुई है। निगम के कुछ अधिकारियों द्वारा गोदाम निर्माण, गोदाम के पीपीपी मोड पर देने और पार्टनर द्वारा गोदामों के प्रबंधन के कार्यों में निगम के अधिकारियों की शह पर भारी अनियमितताएं बरती गई है। इससे अरबों रुपये का घोटाला कर सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाया गया है। किरोड़ी लाल मीणा द्वारा कैग द्वारा जारी थेमिटिक ऑडिट में इन बिन्दुओं को उठाया गया है।

गहलोत सरकार ने दिया था दो कंपनियों को टेंडर, अधिकारियों ने नहीं की वसूली
मीणा ने आगे कांग्रेस के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा, साल 2020 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में निगम के गोदामों के प्रबन्धन के लिए जारी टेंडर के माध्यम से कल्पतरु समूह की कंपनी शुभम लॉजिस्टिक लिमिटेड और ऑरिगो कंपनी के साथ एमओयू निष्पादित किया गया था। यह टेंडर विवादों में रहा था क्योंकि टेंडर के नियम और शर्तें इस प्रकार बनाई गई थी कि इन दो कंपनियों के अलावा किसी कंपनी को इसका टेंडर न मिल सके, इस पर आपत्ति भी जताई गई थी। तत्कालीन गहलोत सरकार और राज्य भण्डार निगम ने शुभम लॉजिस्टिक लिमिटेड को टेंडर अलॉट करने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के द्वारा इस टेंडर पर लगाई रोक को अस्थाई रूप से हटा दिया और निर्णय दिया कि हाईकोर्ट के इस संबंध में अंतिम निर्णय आने तक अस्थाई रूप से शुभम लॉजिस्टिक लिमिटेड को टेंडर की शर्तों के अधीन काम करने की अनुमति दे दी।

 

टेंडर की शर्तें नहीं हुई पूरी, कंपनियों से 120 करोड़ की वसूली अटकी
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि साल 2020 में हुए नए कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक गोदाम की वार्षिक उपयोगिता 70 प्रतिशत से कम रहने की दशा में भरपाई पीपीपी पार्टनर शुभम लॉजिस्टिक लिमिटेड और ऑरिगो से की जानी थी। इसके लिए 2022-23 की वसूली रकम करीब 64 करोड़ रुपये हैं। जबकि साल 2023-24 की रिकवरी जोडऩे पर यह रकम करीब 120 करोड़ रुपये बनती है। जिसकी वसूली निगम के अधिकारियों द्वारा आज तक नहीं की गई है। इसके साथ ही कानूनी कार्रवाई की आड़ में निगम के अधिकारियों द्वारा इन कंपनियों को वसूली से बचाया जा रहा है। 

राजनीति में सबसे बड़ा सवाल..आखिर अचानक क्यों पुराने मूड में आ गए किरोड़ी लाल
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किरोड़ी लाल मीणा को पूर्वी राजस्थान की सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी। किरोड़ी लाल मीणा अपने जिम्मे वाली सीटों पर भाजपा की जीत लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। वे कई बार चुनावी सभाओं में कह चुके हैं कि यदि इन सीटों पर भाजपा की हार हुई तो मंत्री पद से इस्तीफ दे दूंगा। किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे की बात के बीच बीते दिनों दौसा लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा ने किरोड़ी लाल को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की थी। राजनीति जानकारों की मानें तो इससे किरोणी लाल मीणा इस्तीफा देने की बात कर चुके हैं। इस डर से बार-बार चि_ी लिखकर अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं। हाईकमान तक अपनी नाराजी का संदेश देना चाहते हैं। 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सीट भाजपा हारती है तो लोग इस्तीफा की बात करेंगे। इस्तीफा देंगे तो सरकार मनाएगी।