सदन में सुनी गई गालियां; पर्ची सरकार भी बना मुद्दा..हंगामे के बीच धर्मांतरण पर आया सरकार का चाबुक!

अब ना शीतल बनेगी सबीना, ना ही रामू बनेगा जोसेफ
 

नया धर्मांतरण विधेयक सदन में पेश, अब विधेयक पर होगी चर्चा, सामूहिक धर्मांतरण पर 10 साल की सजा और जुर्माना, लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण पर कठोर कार्रवाई

विपक्ष के हंगामे के बीच राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही स्थगित, 5 फरवरी को पुन: शुरू होगी कार्यवाही, विभिन्न मुद्दों पर हुई तीखी बहस, मंत्री किरोड़ी भी बने मुद्दा 


जयपुर। राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में भजनलाल सरकार ने धर्म परिवर्तन पर बहुचर्चित विधेयक पेश कर दिया है। राजस्थान में 16 साल पहले भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय ऐसा बिल लाया गया था। लेकिन तत्कालीन वसुंधरा राजे की सरकार में पेश किया गया धर्मांतरण विरोधी विधेयक केंद्र सरकार की आपत्तियों की वजह से अटक गया था और लागू नहीं हो सका। नए विधेयक में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए पहले से ज्यादा कठोर सज़ा का प्रावधान किया गया है। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने धर्मांतरण विरोधी ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ पेश किया। संसदीय कार्य और कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राजस्थान के लिए धर्मांतरण बिल की बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘हमारे राजस्थान के परिप्रेक्ष्य में यह विधेयक जरूरी था। प्रलोभन या किसी कपट पूर्ण साधन द्वारा या किसी विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में विद्युत सब परिवर्तन और उनसे संबंधित किया।   कालांतर में पाया गया कि अनेक ऐसी संस्थाए या व्यक्ति समूह बनाकर गलत प्रचार कर आर्थिक रूप से प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करते थे। अनेक ऐसे क्षेत्रों में ये होता है। चाहे वह हमारे आदिवासी भाई बहनों का क्षेत्र हो या अन्‍य क्षेत्र हो, इन सब की रोकथाम के लिए विधेयक लाया गया है।’ उन्होंने कहा क‍ि भविष्य में किसी भी बहन बेटी के साथ अन्याय नहीं हो। किसी व्यक्ति और भाई के साथ अन्याय नहीं हो, उसकी इच्छा के विरुद्ध कुछ भी नहीं हो, इसीलिए विधेयक लाया गया है। सख्त कानून के कारण बंद हो जाएगा, ऐसा मेरा मानना है।    

विपक्ष ने उठाए सवाल, कुंभ भगदड़ के बहाने सरकार को निशाने पर लिया
धर्मांतरण बिल पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि‍ बिल सदन में पेश किया गया है लेकिन सरकार के कदम की मंशा स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा, स्टडी की जाएगी कि क्या प्रावधान किए गए हैं, और क्यों आवश्यकता महसूस हो रही है। अगर सरकार को लगता है कि कोई संस्था समूह या व्यक्ति जबरन धर्म परिवर्तन करवा रहा है तो उसे कार्रवाई करनी चाहिए। स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।  लेकिन, सरकार कुंभ में मरने वाले लोगों की चिंता करने के बजाय धर्म परिवर्तन बिल के नाम पर प्रोपेगेंडा कर रही है।’

विधानसभा में कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने दी गाली, विपक्ष की आपत्ति के बाद माफी मांगी
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पहले ही सवाल में हुई नोकझोंक के दौरान कानून और संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने सदन में गाली दे दी। जोगाराम पटेल ने नेता प्रतिपक्ष के बोलने पर उन्हें इंगित करके गाली दी। प्रश्नकाल में हुई इस घटना पर उस वक्त किसी का ध्यान नहीं गया। लंच के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। जोगाराम पटेल के माफी मांगने पर मामला शांत हुआ। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक चेतन पटेल के बाढ़ से फसल खराबे से जुड़े सवाल पर मंत्री ओटाराम देवासी जवाब दे रहे थे। मंत्री के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने नाराजगी जाहिर की और काउंटर सवाल किए। इस दौरान नोकझोंक और हंगामा हो गया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंत्री से कोटा के सांगोद में खराबे के आंकड़े देने को कहा। इस बीच कानून मंत्री जोगाराम खड़े हुए और गाली देते हुए कहा- बहुत हो गया, ऐसे ही खड़े हो जाते हैं। जोगाराम पटेल के गाली देने पर उस वक्त किसी का ध्यान नहीं गया। लंच के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा- सदन चल रहा था। जब नेता प्रतिपक्ष बोल रहे थे। उस वक्त नेता प्रतिपक्ष के बोलने पर संसदीय कार्य मंत्री ने एतराज उठाया। एतराज ही नहीं बल्कि गाली दी। इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ हो नहीं सकता।


किरोड़ी के आरोपों पर सरकार मौन, इससे साफ कि बजरी खनन में पूरी सरकार की मिलीभगत: डोटासरा
सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, पेपर लीक, कानून-व्यवस्था, किरोड़ीलाल मीना के बयान और रोजगार व भर्तियों को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, नगरीय निकाय मंत्री कहते हैं कि पहले सफाई कर्मचारियों को संविदा पर रखा जाएगा। उनके काम के परीक्षण के बाद उन्हें नियमित किया जाएगा, लेकिन प्रदेश की जनता ने क्या गुनाह किया था। मुख्यमंत्री और मंत्री परीक्षण कर क्यों नहीं लगाए गए। इन्हें सीधा ही स्थायी क्यों कर दिया? मंत्री जोगाराम पटेल ने खड़े होकर कहा कि यदि आपने परीक्षण करके लगाया था तो आपको शिक्षा मंत्री के पद से क्यों हटाया था। इस बीच मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि आपने परीक्षण करके लगाया होता तो उपमुख्यमंत्री को निकम्मा नहीं कहना पड़ता।


किरोड़ी की गैरहाजिरी का सरकार ने निकाला रास्ता, दो मंत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी
कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा अब शेष बजट सत्र में शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह अब सरकार ने कैबिनेट मंत्री ओटाराम देवासी और राज्य मंत्री केके विश्नोई को उनके विभागों के जवाब देने की जिम्मेदारी दे दी है। सत्र के पहले ही दिन किरोड़ी लाल मीणा सरकार से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए यह संकेत दे दिए थे कि वे बजट सत्र का अघोषित बहिष्कार करने जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी समस्या का हावाला देते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को पहले ही अवकाश का आवेदन कर दिया था। 


महंगा कोयला सप्लाई मामला और अधिकारियों के तबादले पर उठा सवाल 
सोमवार को प्रश्नकाल हंगामेदार रहा। उप नेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा ने अडाणी की कंपनी से बिजली कंपनियों को महंगे दाम पर कोयला सप्लाई को लेकर सत्ता पक्ष से सवाल पूछा और पूरे मामले की जांच की मांग की। इसे लेकर सदन में हंगामा हुआ। इधर, परबतसर पंचायत समिति में विकास अधिकारी (बीडीओ) के पद पर एक अधिकारी के पांच बार तबादले को लेकर परबतसर से कांग्रेस विधायक रामनिवास गावडिय़ा ने सरकार से सवाल पूछा। इसके जवाब में मंत्री मदन दिलावर ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय तबादलों को लेकर सवाल उठाए, तो नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा सरकार में तबादलों को लेकर सवाल उठाए। इस बीच सदन में हंगामा हुआ। रामकेश मीणा ने कहा कि भाजपा सरकार ने कोल ब्लॉक अडाणी की कंपनी को दिए। पूरा घोटाला अडाणी के पक्ष में किया जा रहा है। इस पर मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि कई बार जांच हो चुकी है और उसकी कॉपी मुहैया करवा दी जाएगी। इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली खड़े होकर बोले कि मंत्री स्पष्ट करें कि क्या जांच करवाई जाएगी या नहीं ? स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा, ‘जांच करवा देंगे।’ इस पर जूली ने कहा कि मंत्री को स्पष्ट जवाब देना चाहिए। इस पर विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया और स्पीकर ने उन्हें शांत करवाया।


म्हारी तो सरकार पर्ची से ही चाले, मंत्री की चुटकी की गूंज राजस्थान से दिल्ली तक
प्रदेश में भजन लाल सरकार के बनने के बाद से कांग्रेस बीजेपी को पर्ची सरकार कह कर जमकर घेर रही है। इस बीच भजनलाल सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत का एक वीडियो सुर्खियों में आ गया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मंत्री कहते हुए नजर आ रहे हैं कि म्हारी सरकार तो पर्ची से ही चलती है। दरअसल, यह वीडियो पाली जिले की लाम्बिया ग्राम पंचायत का बताया जा रहा है। इसमें भजनलाल सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत का करीब 10 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया और यूट्यूब न्यूज चैनलों पर भी पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें सरकार के मंत्री किसी कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस बीच किसी नेता ने उन्हें एक पर्ची लाकर पकड़ाई। इस पर मंत्री ने देहाती भाषा में चुटकी ली। उन्होंने कहा कि ‘पर्ची लाया हो, म्हारी तो सरकार ही पर्ची से चाले है।’

.
इस बार होगा कांटे का मुकाबला..पक्ष-विपक्ष में सीधी जंग; जीतेगा कौन!


तीसरे सत्र के दूसरे दिन पूर्वानुमान के मुताबिक सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने बार-बार सत्ता पक्ष पर हावी होने की कोशिश की। लेकिन वह सधे कदमों से आगे बढ़ता रहा। सदन में सोमवार को भजनलाल सरकार ने धर्मांतरण बिल पेश कर इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ा दिया है। अब इस पर बहस के दौरान हंगामा होने की पूरी-पूरी संभावना जताई जा रही है। विपक्ष इस बार पहले के मुकाबले ज्यादा तैयारी के साथ सदन में आया। सदर की कार्रवाई के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटसरा ने शुरुआत से ही तीखे तेवर अपनाए रखे। अपने नेताओं के तीखे तेवर देखकर विपक्ष के विधायक भी आत्मविश्वास से लबरेज नजर आए। हालांकि सरकार के मंत्रियों ने फ्लोर पर पूरी शिद्दत और समझदारी के साथ विपक्ष के तीखे हमलों का डटकर मुकाबला किया। लेकिन इसके बावजूद विपक्ष हावी नजर आया। भजनलाल सरकार के मंत्री किरोड़ीलाल की सत्र में अनुपस्थिति के आग्रह पर विपक्ष बिफर गया। उसने किरोड़ीलाल के बहाने सरकार हमलावर होने की कोशिश की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पूरे मामले को संभाल लिया। धर्मांतरण से जुड़ा बिल अभी केवल सदन में पेश किया गया है। फिलहाल विधायकों को इसकी प्रतियां नहीं मिली है, लिहाजा इस पर अभी ज्यादा चर्चा नहीं हो पाई है। प्रश्नकाल के दौरान मामला चाहे परबतसर पंचायत का हो या फिर बिजली उत्पादन से जुड़े सवाल का। विपक्ष ने हर जगह मंत्रियों पर पूरक प्रश्नों की बौछार कर उनको हिलाने की कोशिश की। लेकिन, मंत्रियों ने नियम कायदों में रहते हुए अपनी बात भी कही और विपक्ष को अपेक्षानुरुप जवाब देकर संतुष्ट करने का प्रयास भी किया। यह दीगर बात है कि इन सबके के दौरान कई तीखे जुबानी तीर भी चले और विवाद भी हुआ है। धर्मांतरण बिल को लेकर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि ‘कई संस्थाएं और व्यक्ति प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराते हैं। इनकी रोकथाम के लिए यह विधेयक लाया गया है। अब जबरदस्ती धर्म परिवर्तन नहीं होगा। कांग्रेस को इस बात की तकलीफ है कि हमारे मंत्री कांग्रेस की कलई खोल रहे हैं। फिलहाल सदन चल रहा है, राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है। विपक्ष के तेवर अभी ठंडे नहीं पड़े हैं। वह हर बिन्दु पर टकटकी लगाए हुए है। बार-बार अपनी आवाज को बुलंद भी कर रहा है। पीसीसी चीफ और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा सदन में अपनी बात रख रहे हैं। इसमें ईआरसीपी को लेकर सदन में मौजूद सीएम भजनलाल शर्मा के सामने तीखे तेवर दिखाए। विपक्ष की तैयारी को देखते हुए सत्ता पक्ष भी उनके हर सवाल का जवाब तैयार कर रहा है।