इसी महीने हो सकता है बदलाव, 2-3 मंत्रियों की छुट्टी संभव, कुछ मंत्रियों के विभागों में हो सकता है फेरबदल, कुछ विधायकों को संसदीय सचिव की जिम्मेदारी मिलने की चर्चा
शेखावाटी और मेवाड़ से नए चेहरे को मिल सकती है जगह, राजे कैंप से नाम शामिल करने की सुगबुगाहट, सीएम के शेखावाटी दौरे के बाद शुरू होगी कवायद
जयपुर। प्रदेश में बीते कुछ दिनों से मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर हलचल तेज हो गई है। बीते दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात भी हो चुकी है। सीएम शर्मा के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार की चर्चाओं ने काफी जोर पकड़ा है। अब खबर है कि दिल्ली में आरएसएस के नेताओं और संगठन महासचिव बीएल संतोष से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री इस संबंध में फैसला ले सकते हैं। माना जा रहा है कि कैबिनेट में छोटा फेरबदल जल्द ही देखने को मिल सकता है। जानकारी के अनुसार, शेखावाटी और मेवाड़ से कुछ नए चेहरों को भजनलाल कैबिनेट में जगह मिल सकती है। बताया यह भी जा रहा है कि परफॉर्मेंस के आधार पर 2-3 मंत्रियों की छुट्टी भी संभव है। कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव भी किया जा सकता है। कुछ विधायकों को संसदीय सचिव की जिम्मेदारी देने की भी चर्चा है। हालांकि अभी मंत्रिपरिषद विस्तार की तारीख तय नहीं है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि अगले दो सप्ताह में इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है। यह कवायद मुख्यमंत्री के शेखावाटी दौरे से लौटते ही शुरू हो सकती है। बता दें कि दिल्ली जाने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राजस्थान दौरे के दौरान भी मुख्यमंत्री की मुलाकात हुई थी, जिससे फेरबदल की अटकलों को और हवा मिली।
सीएम को शीर्ष नेतृत्व से मिला फ्री हैंड, राजे गुट से भी बन सकते हैं मंत्री
दरअसल, उपचुनाव जीतने के बाद और राजस्थान सरकार के बेहतरीन कामकाज के आधार पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का सियासी कद बढ़ा है। इस लिहाज से मंत्रिमंडल फेरबदल में उन्हें फ्री हैंड दिया जा सकता है। इससे पहले बीते दिनों पीएम मोदी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था। चर्चा थी कि राजस्थान के कुछ बड़े और सक्रिय नेताओं को पॉलिटिकल अपॉइंटमेंट देकर एडजस्ट किया जा सकता है। वसुंधरा राजे के करीबी कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह देने की भी चर्चा थी। उस समय कुछ नाम भी सामने आए थे, जिनमें कालीचरण सराफ और श्रीचंद कृपलानी थे। ये दोनों ही नेता अनुभवी हैं और वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री भी रहे हैं।
डॉ. किरोड़ी लाल का होगा फैसला, विभाग में बदलाव संभव
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने लोकसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान की सीटों पर हार के बाद (करीब 11 महीने पहले) मंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया था। जिसके बाद वे लगातार आलाकमान के संपर्क बने हुए हैं। हालांकि कुछ दिन पहले वे हाईकमान के आदेश की बात कहते हुए विभागीय काम करते हुए भी नजर आए। इससे पहले वे संबंधित विभाग की बैठक, विधानसभा की कार्रवाई में शामिल नहीं हो रहे थे। मंत्रिमंडल की चर्चा के बीच किरोड़ी लाल मीणा दिल्ली पहुंचे हैं। सूत्रों के मुताबिक उनके विभाग में फेरबदल किया जा सकता है।
इन विधायकों को मिल सकती है जिम्मेदारी, राज्य मंत्रियों का होगा प्रमोशन
प्रदेश में मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर शीर्ष नेतृत्व की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को फ्री हैंड दिया गया है। ऐसे में सीएम परफॉर्मेंस के अनुसार मंत्रियों को प्रमोट कर सकते हैं। बाली विधायक पुष्पेंद्र सिंह, केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौतम, निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी, फलोदी विधायक पब्बाराम विश्नोई को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। इसके अलावा कुछ राज्य मंत्रियों का प्रमोशन भी लगभग तय माना जा रहा है। वहीं, मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग को प्रमोट किया जा सकता है। इसके साथ ही कई विधायकों को संसदीय सचिवों की भी जिम्मेदारी दी जाएगी।
इधर, नौकरशाही में भी बड़े फेरबदल की तैयारी, कभी भी जारी हो सकती है तबादला सूची
इधर, राजस्थान सरकार प्रशासनिक फेरबदल की दिशा में बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार की बजट घोषणाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने और गुड गवर्नेंस को मजबूती देने के उद्देश्य से नौकरशाही में व्यापक स्तर पर तबादलों की योजना तैयार कर ली गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंजूरी के बाद तबादला सूची कभी भी जारी की जा सकती है। बताया जा रहा है कि विधानसभा सत्र की समाप्ति के बाद से ही वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के तबादलों को लेकर उच्च स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा था। अब मुख्यमंत्री की सहमति की प्रतीक्षा की जा रही है। सूत्रों का मानना है कि इसी महीने राज्य में बड़ी प्रशासनिक फेरबदल की सूची जारी हो सकती है। प्रशासनिक फेरबदल के तहत कई जिलों के कलेक्टरों को भी बदला जा सकता है। हाल ही में सचिवालय में हुई एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव ने कुछ जिलों के कलेक्टरों की कार्यशैली पर असंतोष जताया था। बजट घोषणाओं को लागू करने में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों की समीक्षा की गई है। साथ ही, सत्ताधारी पार्टी के कई विधायकों और मंत्रियों ने भी जिला प्रशासन में बदलाव की मांग की थी।