महिलाओं का एलान- चंबल के पानी पर हमारा हक, हर हाल में करेंगी हांसिल 

महिलाओं का एलान- चंबल के पानी पर हमारा हक, हर हाल में करेंगी हांसिल 

 

किसान नेता रामनिवास मीना के आव्हान पर नादौती के 18 गांवों में रैली निकाल महिलाओं ने दिया एकजुटता का संदेश

 

नादौती। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना और मुख्य संयोजक रविन्द्र मीना के आव्हान पर ईआरसीपी की जागरूकता एवं एकजुटता के लिए रैली निकाल रहीं महिलाओं ने एलान किया है कि चंबल के पानी पर हमारा हक है, जिसे वे हर हाल में हांसिल करके रहेंगी। गुरूवार को नादौती उपखंड क्षेत्र के 18 गांवों में महिला रैली निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में महिलाएं शामिल हुई। इस मौके पर महिलाओं को प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना ने भी संबोधित किया। 

नादौती उपखंड क्षेत्र के गांव नयापुरा से महिला रैली प्रारंभ हुई, जो बडागांव, गोपालपुरा, भैराई का पुरा, होदाहेली, अधैत का पुरा, बाढ कैमरी, इब्राहिमपुर, ब्रहमपुरिया, बाडा वाजीदपुर सहित 18 गांवों में होते हुए छोटी नादौती पहुंची।  इस दौरान महिलाओं की सभा को प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना ने संबोधित करते हुए कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए महिलाएं अथक संघर्ष कर रही हैं। यह परिश्रम बेकार नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों का जीवन है। सरकार को ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर पूर्वी राजस्थान के लोगों को नया जीवन देने का कार्य करना चाहिए। प्रदेशाध्यक्ष मीना ने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए प्रचंड गर्मी में रैली निकालकर महिलाएं अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा रही हैं। महिलाओं के संघर्ष के आगे सरकार को झुकना होगा और ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना ही होगा। रैली में शामिल महिलाओं का कहना रहा कि वे चंबल के पानी के लिए किसी भी संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगी। 

महिलाओं का गांवों में हुआ स्वागत

रैली में शामिल महिलाओं का ग्रामीणों ने जगह-जगह स्वागत किया। इस दौरान ग्रामीणों ने भी महिला रैली में सहभागिता दिखाई। रैली जब होदाहेली, अधैत का पुरा, बाढ कैमरी, इब्राहिमपुर आदि गांवों में पहुंची तो ग्रामीणों ने महिलाओं का ठंडा पानी और शरबत पिलाकर स्वागत किया। इसी प्रकार अन्य गांवों में रैली के समर्थन में ग्रामीणों ने रामनिवास मीना संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं और ईआरसीपी नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाकर महिलाओं का उत्साह बढाया।