राजस्थान की सियासत में ‘बदलाव की बयार’..अब मंत्रिमंडल में ‘सबकुछ बदलने की तैयारी’!

उपचुनाव से पूर्व ही हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार, नए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद सियासी गलियारों में सरगर्मी तेज, लोकसभा चुनाव और विधानसभा सत्र बनेगा परफॉर्मेंस का मापदंड

जयपुर। राजस्थान में जहां बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद से सीपी जोशी के इस्तीफे के बाद अब कमान मदन राठौड़ के हाथ में दे दिया गया है। वहीं प्रदेश में भाजपा प्रभारी और सह प्रभारी की भी नियुक्ति हुई है। अब कहा जा रहा है कि राजस्थान सरकार में कैबिनेट का जल्द ही विस्तार किया जा सकता है, इसमें बड़े फेरबदल की भी सुगबुगाहट तेज हो गई है। जानकारों की मानें तो राजस्थान विधानसभा सत्र के समाप्त होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की कार्यवाही हो सकती है। बता दें, सीएम भजनलाल शर्मा गुरुवार को दिल्ली गए थे और अमित शाह से मुलाकात की थी। वहीं इसके बाद ही रात में बीजेपी अध्यक्ष का ऐलान किया गया। 
राजस्थान कैबिनेट विस्तार होना इसलिए भी तय माना जा रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में अपने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। बता दे कि किरोड़ी लाल मीणा के पास कृषि एवं उद्यानिकी विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, आपदा प्रबंधन, राहत एवं नागरिक सुरक्षा विभाग, लोक अभियोजन निवारण विभाग जैसे मंत्रालय शामिल है। वहीं किरोड़ी लाल मीणा का न तो इस्तीफा मंजूर किया गया है और न ही इन विभागों को किसी को आवंटित किया गया है। क्योंकि किरोड़ी लाल मीणा अपने मंत्रालय से भी नाखुश थे क्योंकि पंचायती राज मंत्रालय नहीं दिया गया। जबकि पहले हमेशा से कृषि मंत्रालय वाले मंत्री को ही पंचायती राज दिया जाता रहा है। लेकिन इस बार दोनों को अलग-अलग लोगों को मंत्रालय सौंपा गया है। पंचायती राज मदन दिलावर को दिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्रालय का फेरबदल होना तय है। 


विधानसभा उपचुनाव का भी रखा जा सकता है ध्यान, लोकसभा का रिपोर्ट कार्ड भी होगा अहम फैक्टर
प्रदेश में जल्द ही उपचुनाव होने वाले है। ऐसे में इसे भी ध्यान रखकर कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है। वर्तमान में मुख्यमंत्री समेत 24 मंत्री कैबिनेट में शामिल है। लेकिन माना जा रहा है कि हर वर्ग को खुश करने के लिए कैटगरी के साथ-साथ युवा वर्गों पर भी ध्यान दिया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इस बार सीएम समेत 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। हालांकि यह सारी चीजें बीजेपी आलाकमान तय करने वाले हैं। साथ ही लोकसभा चुनाव में 11 सीटों की हार का असर भी इस मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार में दिखेगा। जिन विधायकों ने अच्छा परिणाम दिया है, उनको मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। वहीं, जिन मंत्रियों के यहां परिणाम खराब आया और मंत्री के रूप में छह माह की परफार्मेंस भी खराब रही है। ऐसे मंत्रियों की भी छुट्टी हो सकती है।मंत्रिमंडल में हो सकते हैं 30 सदस्य, 8 से 10 विधायकों के पास मौकानियमानुसार कुल विधायकों के 15 प्रतिशत सदस्य ही मंत्री बन सकते हैं। प्रदेश की विधानसभा में 200 सदस्य हैं। ऐसे में सीएम सहित कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में सीएम सहित 24 मंत्री बने हुए हैं। मंत्रियों के छह पद रिक्त हैं और किरोड़ी मीना इस्तीफा दे चुके है। इसके अलावा सरकार यदि 3-4 मंत्रियों को हटाती है तो 8 से 10 नए विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीना का इस्तीफा स्वीकार होगा या नहीं। यह मामला भी संभवत: मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार तक लंबित रह सकता है।