9 महीने बाद अंतरिक्ष से लौटी ‘भारत की बेटी सुनीता विलियम्स’, फ्लोरिडा के तट पर पानी में हुई लैंडिंग, सुनीता के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट भी लौटे
फिलहाल पूरी तरह से निगरानी में रहेंगे सभी एस्ट्रोनॉट, धरती से तालमेल बिठाने में लगेगा समय, पीएम नरेंद्र मोदी ने भ्ज्ञी पत्र लिखकर भारत आने के लिए किया आमंत्रित
फ्लोरिडा/नई दिल्ली। आज की सुबह भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए शुभ साबित हुई। आखिरकार 9 महीने से ज्यादा समय तक अंतरिक्ष में फंसे होने के बाद भारत की बेटी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स धरती पर लौट आईं। उनके साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी पहुंचे है। विलियम्स का स्पेस क्राफ्ट सुबह लगभग 3.27 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंड हुआ। इससे पहले ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होने के बाद मंगलवार सुबह 8.35 बजे इस स्पेसक्राफ्ट का हैच यानी, दरवाजा बंद हुआ और 10.35 बजे स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग हुआ। वीलियम्स के आगमन से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सुनीता विलियम्स को लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने सुनीता की धरती पर सुरक्षित वापसी की कामना की है। साथ ही उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया है। सुनीता के इस सफर में करीब 17 घंटे लगे। दरअसल, सुनीता विलियम्स और अन्य एस्ट्रॉनॉट 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था। 5 जून 2024 को रात 8.22 बजे एटलस रॉकेट के जरिए बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट लॉन्च हुआ था। ये 6 जून को रात 11.3 बजे स्पेस स्टेशन पहुंचा था। इसे रात 9.45 बजे पहुंचना था, लेकिन रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर में परेशानी आ गई थी।
8 दिनों के मिशन के लिए गए थे सुनीता और विल्मोर, 9 महीने से अधिक समय तक फंसे रहे
विलियम्स के अभियान के दौरान स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के 28 रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टरों में से 5 फेल हो गए थे। 25 दिनों में 5 हीलियम लीक भी हुए। हीलियम प्रोपलेंट को थ्रस्टरों तक पहुंचाने के लिए बहुत अहम है। ऐसे में स्पेसक्राफ्ट के सुरक्षित रूप से लौटने पर चिंताएं थी। डेटा का विश्लेषण करने के बाद नासा ने फैसला लिया कि स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट सुनीता और बुच विल्मोर को वापस लाने के लिए सुरक्षित नहीं है, इसलिए वो अंतरिक्ष यात्रियों के बिना ही स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट को 6 सिंतबर 2024 को पृथ्वी पर वापस ले आया। फिर स्पेसएक्स को एस्ट्रोनॉट्स को वापस लाने की जिम्मेदारी दी गई। स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट हर कुछ महीनों में 4 एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन लेकर जाता है और वहां मौजूद पिछला क्रू स्पेस स्टेशन में पहले से पार्क अपने स्पेसक्राफ्ट से वापस आ जाता है।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पृथ्वी पर पहुंचने के बाद स्ट्रेचर पर ले जाए गए
नासा अब अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर और निक हेग के उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, खासकर इस बात को लेकर कि वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के साथ कैसे तालमेल बिठाएंगे। अंतरिक्ष यात्रियों के सामने आने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक पृथ्वी पर चलने में असमर्थता है। कई अंतरिक्ष यात्रियों को सामान्य रूप से खड़े होने या चलने में कठिनाई होती है, और अक्सर उन्हें सहायता की आवश्यकता होती है। यह समस्या मुख्य रूप से मानव शरीर पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभावों के कारण होती है। पृथ्वी पर पहुंचते ही उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाया गया। दरअसल, बहुत से लोग स्ट्रेचर पर बाहर नहीं आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें बताया जाता है कि उन्हें ऐसा करना होगा। उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए तरीके विकसित किए हैं।
पृथ्वी से तालमेल बैठाने में लगेगा समय, गुरुत्वाकर्षण बड़ी चुनौती
एक और कारण जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को चलने में कठिनाई होती है, वह है शरीर में तरल पदार्थों का पुनर्वितरण। अंतरिक्ष में रक्त और अन्य तरल पदार्थ शरीर के ऊपरी हिस्से की ओर चले जाते हैं। पृथ्वी पर लौटने पर खड़े होने पर रक्तचाप में अचानक गिरावट के कारण अंतरिक्ष यात्रियों को चक्कर आना या बेहोशी का अनुभव हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शरीर को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के तहत रक्त प्रवाह को विनियमित करने की क्षमता को फिर से ठीक करने में समय लगता है। पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में वापस आने पर शरीर को फिर से सामंजस्य बिठाने में समय लगता है। इसलिए अंतरिक्ष यात्रियों को शुरुआत में चलने में परेशानी होती है। वे धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आते हैं। नासा के वैज्ञानिक इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। अंतरिक्ष यात्रियों का स्वास्थ्य उनकी प्राथमिकता है।
पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स के लिए लिखा पत्र, दिया भारत आने का न्यौता
पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स को भेजे गए पत्र में लिखा, ‘भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं। भारत के लोग आपके अच्छे स्वास्थ्य और आपके मिशन में सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।’ उन्होंने लिखा, ‘आपकी वापसी के बाद हम भारत में आपसे मिलने को उत्सुक हैं। भारत के लिए अपनी सबसे प्रतिभाशाली बेटियों में से एक की मेजबानी करना खुशी की बात होगी।’ मोदी ने 2016 में अमेरिका यात्रा के दौरान विलियम्स और उनके दिवंगत पिता दीपक पंड्या से हुई मुलाकात को याद किया। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में एक कार्यक्रम में उनकी मुलाकात मैसिमिनो से हुई थी और बातचीत के दौरान विलियम्स का जिक्र हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को पत्र लिखकर भारत आने का न्योता दिया है।