1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को ‘जोर का झटका’..8वें वेतन आयोग पर विचार नहीं कर रही सरकार!

केंद्र सरकार ने किया अपना रुख स्पष्ट, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा-सरकार नहीं कर रही फिलहाल 8वें वेतन आयोग पर विचार; और ना ही ऐसी कोई योजना

कर्मचारी कर रहे थे वेतन आयोग की घोषणा का बेसब्री से इंतजार, आम तौर पर हर 10 साल में किया जाता है आंकलन, गर्मा सकता है मुद्दा; बढ़ी नाराजगी

नई दिल्ली/जयपुर। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इस साल के अंत में निराशाजनक खबर आई है। सरकार के नवीनतम अपडेट ने करीब एक करोड़ कर्मचारियों को हैरान कर दिया है क्योंकि वे सरकार की ओर से जल्द ही 8वें वेतन आयोग की घोषणा की उम्मीद कर रहे थे। इस अपडेट के साथ, केंद्र सरकार का नया वेतन आयोग पर अपनी राय दी है। केंद्र सरकार का नया वेतन आयोग को लेकर रुख भी अब क्लियर हो गया है। दरअसल, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार फिलहाल 8वें वेतन आयोग पर विचार नहीं कर रही है और न ही कोई योजना बना रही है। विधायक जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार 1 फरवरी, 2025 को पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2025-26 में नए वेतन आयोग के बारे में घोषणा करने के बारे में सोच रही है। केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में 8वें पे कमीशन के बारे में पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए यह कहा। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि अगले वर्ष फरवरी, 2025-26 के आम बजट में इसे भी शामिल नहीं किया गया है। इस घोषणा से कर्मचारियों की नींद उड़ गई है।
दरअसल, देश भर के कर्मचारियों और पेंशनर्स ने केंद्र सरकार से बहुत उम्मीदें रखी थीं। कर्मचारियों की उम्मीदें, जो इस ब्यान के बाद कमजोर हो गई हैं, लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 8वें वेतन आयोग की भी थी। सरकार और वित्त मंत्रालय इसे अगले साल बजट में शामिल कर सकते हैं, ऐसा माना जा रहा था। नए वेतन आयोग के गठन और इसे लागू करने के बारे में कर्मचारियों में चल रही बहसों पर एक बार तो विराम लग गया। जानकारी के अनुसार केंद्रीय वेतन आयोग का गठन आम तौर पर हर 10 साल में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सुविधाओं में बदलावों का आकलन करने और सुझाव देने के लिए किया जाता है। ये दिशानिर्देश मुद्रास्फीति और अन्य बाहरी कारकों को ध्यान में रखते हैं। 7वें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 28 फरवरी, 2014 को किया था। इसने 19 नवंबर, 2015 को अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए और 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 को लागू हुईं।

हर 10 सालों बाद किया जाता है वेतन आयोग का गठन, फिलहाल अटकलों पर विराम
केंद्र सरकार पिछले रिकॉर्ड को देखें तो वेतन आयोग का गठन हर 10 वर्ष  के बाद किया जाता है, जिसमें महंगाई आदि कारकों को देखते हुए कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को संशोधित करने की सिफारिश की जाती है। अब 7वें वेतन आयोग को लागू हुए 9 साल पूरे होने वाले हैं, इसलिए कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग के गठन की अब काफी उम्मीदें थीं। अब सरकार का रुख सामने आने से कर्मचारियों और पेंशनर्स में निराशा है तथा उन्हें अपने वेतन में बढ़ोतरी के लिए और इंतजार की राह देखनी होगी। जब भी कोई वेतन आयोग लागू होता है, तो आम तौर पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन ढांचे में संशोधन होता है। वेतन में आम तौर पर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत (डीआर) शामिल होता है।

अब से पहले लगातार होती आई है वेतन में बढ़ोतरी 
अब से पहले सरकार 7 वेतन आयोग लागू कर चुकी है। इनमें कर्मचारियों के वेतन में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। साथ ही कर्मचारियों व पेंशनर्स को मिलने वाले कई भत्तों व लाभों में भी वृद्धि हुई है। अब 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर सरकार ने स्पष्ट किया है कि अभी इस बारे में सरकार की कोई योजना नहीं है, तो कर्मचारी व पेंशनर्स को निराशा हाथ लगी है। हालांकि अब ये मुद्दा गरमा भी सकता है, क्योंकि अब कर्मचारियों में निराशा के साथ-साथ आक्रोश भी बढ़ सकता है। ये भविष्य के गर्भ में है कि सरकार आगे चलकर क्या फैसला लेती है।

हालांकि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए की गई है डीए और डीआर की बढ़ोतरी
हालांकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत में भी 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। नवीनतम बढ़ोतरी के साथ, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए डीए और डीआर अब 53 फीसदी हो गया है। नई डीए बढ़ोतरी 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होगी। हालांकि बता दें कि एक करोड़ से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग के गठन का इंतजार कर रहे हैं। इसके लागू होने ने कर्मचारियों के मूल वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों में बढ़ोतरी होनी थी।