‘धरतीपुत्रों की मेहनत हुई पानी-पानी’..बारिश में तबाह हुई 50 फीसदी फसलें!

प्रदेश के किसानों के लिए आफत बनकर आई भारी बारिश, 6 जिलों में हुई दोगुना बारिश से फसलों को भारी नुकसान; हालांकि गिरदावरी के बाद स्पष्ट होगी तस्वीर

पूर्वी राजस्थान में अतिवृष्टि के कारण जान-माल का सबसे अधिक नुकसान, इसके अलावा 100 से अधिक की मौतों का अपुष्ट आंकड़ा, अब भी कई जगह जलभराव की स्थिति
 
जयपुर। प्रदेश में इस बार मानसून जमकर बरसा है। 25 जून को दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में प्रवेश करने के बाद प्रदेश में भारी बारिश ने लोगों का सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहले लोग भीषण गर्मी से परेशान थे, अब भारी बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार इस बार अब तक प्रदेश में 668.5 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य से 61 फीसदी ज्यादा है। पूर्वी राजस्थान में 51 फीसदी और पश्चिमी राजस्थान में 77 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है, जो पहले से दोगुनी है। जहां एक ओर राहत की बात है कि कई सालों से सूखे पड़े बांध अब पानी से भर गए हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों को इस बात का डर सता रहा है कि उनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं। लगातार हो रही बारिश ने एक ही झटके में उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। हालांकि फसल खराबे की गिरदावरी शुरू हो चुकी है और इसके बाद भी नुकसान की असली तस्वीर सामने आ सकेगी। इसके अलावा प्रदेश में बारिश जनित हादसों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन ये आंकड़े सतही तौर पर ही सामने आए हैं। इनकी आधिकारिक पुष्टि होना अभी बाकी है।


इस बार 200 से ज्यादा गांवों में जल भराव की बनी स्थिति
इसके अलावा भारी बारिश ने किसानों के अलावा आम लोगों को भी प्रभावित किया है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 200 से ज्यादा गांवों में जलभराव हो गया है। जिसके चलते रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें जुटाना भी काफी मुश्किल हो गया है। पूर्वी राजस्थान में बारिश के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। सिर्फ गांवों में ही नहीं बल्कि शहरों में भी जलभराव ने लोगों को खासा परेशान किया है। प्रदेश में अब बारिश का दौर धीमा पडऩे के साथ लोगों को थोड़ी राहत मिली है लेकिन किसानों को हुए नुकसान के आंकड़े अभी भी सामने आना शेष है। 


कई जिलों में दोगुनी बारिश, 691 बांधों में से 350 अधिक बांध में आया पानी
सामान्य से अधिक बारिश के कारण प्रदेश में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों की मानें तो 6 जिलों में सामान्य से दोगुनी बारिश हुई है। पानी की आवक से प्रदेश के 691 छोटे-बड़े बांधों में से 350 से अधिक बांध ओवरफ्लो हो गए हैं। इससे लोगों में खुशी का माहौल है कि कई सालों से सूखे पड़े कई बांधों में पानी आने से जलसंकट से निजात मिलने की उम्मीद जगी है। लेकिन अच्छी बारिश के साथ-साथ इस आफत ने किसानों के आंसू भी ला दिए हैं। लगातार हो रही बारिश ने खेतों में उनकी साल भर की मेहनत को एक झटके में धो दिया है।

खरीफ की फसलों को हुआ भारी नुकसान, बुवाई भी लक्ष्य से पिछड़ी
भारी बारिश के कारण प्रदेश के किसानों की खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इस बार खरीफ सीजन में 1 करोड़ 64 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य की जगह 1 करोड़ 59 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हो पाई है। लेकिन मूसलाधार बारिश के कारण बाजरा, ज्वार, दलहन, तिलहन कपास और सोयाबीन की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों की मेहनत को बारिश में बहता देख प्रशासन ने पटवारी को गिरदावरी करने के निर्देश दिए हैं, ताकि अंतिम आंकड़े सामने आ सकें कि वास्तविक स्थिति क्या है। हालांकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार 30 से 50 फीसदी फसलों को नुकसान हो सकता है।
 

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