जेडीए जोन 11 में तैनात है ‘सीआई त्रिभुवन वशिष्ठ’..अब अतिक्रमण का सोचा तो भी ‘हो जाओगे फिट’!

जयपुर। जेडीए जोन 11 में अब अवैध निर्माण और अतिक्रमण करना लगभग नामुमकिन सा हो गया है। इस जोन के कमान संभाले हुए है जेडीए सीआई त्रिभुवन वशिष्ठ। वशिष्ठ ने एक तरह से प्रण ले लिया है कि उनके क्षेत्रााधिकार में अब किसी को अवैध निर्माण और अतिक्रमण करना तो दूर बल्कि अगर इसके बारे में सोचना भी भारी पड़ सकता है। इसी क्रम में जेडीए द्वारा लगातार अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कार्रवाई की जा रही है। ताजा मामले में पीआरएन के गोल्यावास में स्थित 104 बीघा विवादित जमीन पर फिर से अवैध कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था। जेडीए प्रवर्तन शाखा ने शिकायत मिलने पर कार्रवाई कर अवैध स्ट्रक्चर ध्वस्त किए। जानकारी के अनुसार यहां कुछ लोग खाली भूखंडों पर बाउंड्रीवॉल कर रहे थे। इस जमीन के लेकर जेडीए और सोसायटी के बीच जमीन टाइटल को लेकर विवाद चल रहा है। यह जमीन पृथ्वीराज नगर की अवाप्तशुदा भूमि है, जिसका अवॉर्ड सरकार 1991 में ही जारी कर चुकी है। अवाप्ति की 1988-89 में अधिसूचनाएं प्रकाशित करने के बाद अवॉर्ड प्रेषित किया गया। इस जमीन को सोसायटियों से इकरारनामा करते हुए उन्हें सुपुर्द कर दिया गया। हालांकि जमीन को मुआवजा लेने के लिए सभी खातेदारों ने जेडीए में आवेदन कर रखा था। जेडीए जोन 11 के सीआई त्रिभुवन कुमार वशिष्ठ ने बताया कि मुख्य प्रवर्तन नियंत्रक महेन्द्र शर्मा के निर्देशन में विवादित भूमि पर किए गए अवैध निर्माण के विरुद्ध ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।

जोन 11 के तहत 6 बीघा में काटी जा रही थी अवैध कॉलोनी, हुई ध्वस्त
जेडीए जोन 11 सीरआई त्रिभुवन कुमार वशिष्ठ ने बताया कि प्रवर्तन शाखा ने बिना अनुमति कृषि भूमि पर बसाई जा रही अवैध कॉलोनी को ध्वस्त किया। सांगानेर तहसील के किशोरपुरा में निजी खातेदारी की 6 बीघा कृषि भूमि पर शिव विहार के नाम से कॉलोनी काटी जा रही थी। इस निजी खातेदारी कृषि भूमि पर जेडीए की बिना स्वीकृति अनुमोदन एवं बिना भू-रूपान्तरण करवाए शिव विहार के नाम से कॉलोनी के बोर्ड लगा दिए। अवैध कॉलोनी बसाने के लिए रातों-रात ग्रेवल- मिट्टी की सडक़ें बिछाई गई और अन्य अवैध निर्माण कर लिए गए। अवैध कॉलोनी बसाने की सूचना प्राप्त होते ही प्रारंभिक स्तर पर जोन-11 के राजस्व व तकनीकी स्टाफ की निशानदेही पर प्रवर्तन दस्ते द्वारा जेसीबी मशीन व मजदूरों की सहायता से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है। साथ ही खातेदार से कार्रवाई का खर्चा वसूलने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे।