एसआई भर्ती पर हाईकोर्ट का सरकार को आखिरी मौका..कहा- 15 मई तक जवाब दो, वरना हम फैसला सुना देंगे!

राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने एसआई भर्ती को लेकर जवाब दाखिल करने के लिए दिया आखिरी मौका, कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि सरकार दाखिल नहीं कर पा रही जवाब

हाईकोर्ट ने 21 फरवरी को राज्य सरकार को भर्ती पर निर्णय करने के लिए दो माह का समय दिया था, अब सरकार ने मांगा और समय, अब 13 मई को होगी केबिनेट सब कमेटी की बैठक


जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में सोमवार को सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 से जुड़े मामले पर सुनवाई हुई। राजस्थान सरकार की तरफ से अपना पक्ष कोर्ट में रखा जाना था, लेकिन सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया। इससे नाराज हाई कोर्ट के जजों ने कहा- राजस्थान सरकार के पास ये अंतिम मौका है। एसआई भर्ती पर अपना जवाब 15 मई तक अदालत में दाखिल करें, वरना हम अपना फैसला सुना देंगे। राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में भर्ती के अस्तित्व को लेकर राज्य सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए अंतिम मौका देते हुए मामले की सुनवाई 15 मई को रखी है। अदालत ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने कोई फैसला नहीं दिया तो अदालत पक्षकारों को सुनकर अपने स्तर पर निर्णय देगी। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि भर्ती पर निर्णय करने के संबंध में किन्हीं कारणों से मीटिंग नहीं हो पाई है। अब यह मीटिंग 13 मई को होनी है। ऐसे में राज्य सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए समय दिया जाए। वहीं ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राज दीपक रस्तोगी ने कहा कि मामले में ईडी प्रारंभिक जांच कर रही है। जेल में बंद दो आरोपियों के भी जल्द ही बयान दर्ज किए जाएंगे। दरअसल, साल 2021 में 859 एसआई पदों को भरने के लिए वैकेंसी निकाली गई थीं। लेकिन जब मामले में गड़बड़ी सामने आई तो 50 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर और राजस्थान लोक सेवा आयोग के दो सदस्यों सहित कुल 150 लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर एसआईटी गठित होने के बाद कुल 86 पब्लिक सर्वेंट्स को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है, जिनमें एसआई-भर्ती परीक्षा-2021 में चयनित 45 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर भी शामिल हैं।

भर्ती परीक्षा को लेकर गठित कैबिनेट सब कमेटी की बैठक 13 मई को प्रस्तावित
सरकार की तरफ से मामले में पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने हाईकोर्ट को बताया कि अभी सरकार इस मामले में किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। उन्होंने बताया कि भर्ती परीक्षा को लेकर गठित कैबिनेट सब कमेटी की बैठक 13 मई को प्रस्तावित है। इसलिए सरकार को जवाब पेश करने के लिए थोड़ा समय दिया जाए। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि कोर्ट सरकार को अंतिम मौका दे रही है। सरकार 15 मई तक हमें अपने फैसले से अवगत करवाए अन्यथा कोर्ट मामले में सुनवाई के बाद अपना फैसला देगी। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 21 फरवरी को सरकार को एसआई भर्ती को लेकर फैसला लेने के लिए 2 महीने का समय दिया था। 

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दिया बंगाल में ऐसे ही केस का उदाहरण
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने समान मुद्दे पर बंगाल शिक्षक भर्ती को रद्द किया है। अदालत ने एसआई भर्ती पर निर्णय करने के लिए राज्य सरकार को पहले ही दो माह का समय दे दिया है। ऐसे में सरकार को अब और समय नहीं दिया जाए। इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने भर्ती पर निर्णय करने के लिए राज्य सरकार को 15 मई तक का समय दिया है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 21 फरवरी को राज्य सरकार को भर्ती पर निर्णय करने के लिए दो माह का समय दिया था। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को किसी भी तरह का निर्णय देने की छूट देते हुए चयनितों को पोस्टिंग देने में दिए यथास्थिति के आदेश को जारी रखा था।


कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के अलावा ट्रेनी एसआई भी पक्षकार
इस मामले में कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के अलावा सरकार और ट्रेनी एसआई पक्षकार हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि भर्ती परीक्षा निरस्त की जाए, क्योंकि एसओजी, पुलिस मुख्यालय, एजी और कैबिनेट सब कमेटी भर्ती परीक्षा रद्द करने की सिफारिश कर चुकी है। वहीं ट्रेनी एसआई का पक्ष है कि पेपर लीक में उनका कोई लेना-देना नहीं है। कई ट्रेनी एसआई दूसरी सरकारी नौकरी छोडक़र एसआई बने हैं। ऐसे में यदि भर्ती निरस्त होती है तो हमारे साथ अन्याय होगा।

इधर, सांसद हनुमान बेनीवाल का धरना दसवें दिन भी जारी, बोले- एसआई भर्ती रद्द करवाना हमारी प्राथमिकता

इस बीच एसआई भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल लगातार दस दिन से जयपुर में शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। बातचीत में उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी और गंभीर आरोप लगाए। कन्हैयालाल चौधरी के मानसिक संतुलन खोने वाले बयान पर बेनीवाल ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि अगर मैं पागल होता तो पत्थर फेंकता, धरना थोड़े ही देता। फिलहाल मंत्रीजी को यह सोचना होगा कि आगामी चुनावों में जनता उन्हें क्या जवाब देगी। राजेन्द्र राठौड़ और सतीश पूनिया पर हमला बोलते हुए बेनीवाल ने कहा- दोनों नेता युवाओं के समर्थन की बातें करते थे। राठौड़ साहब विधानसभा में आरपीएससी को भंग करने की मांग करते थे, अब क्या हुआ? आज वो मुझे सीख दे रहे हैं, पहले ये बताएं कि खुद अपने वादे से क्यों मुकर गए? वहीं, एसडीएम अमित चौधरी पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि चौधरी पर कई आरोप हैं। जांच की जाए तो 100 करोड़ का मामला सामने आ सकता है। उन्होंने कहा कि जयपुर में जल्द ही एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी, जिसमें राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन को और तेज किया जाएगा।