150 से सीधे 2940 रुपए हुआ टोल का पास..अब एक और ‘बड़े आंदोलन की सुगबुगाहट’!

मासिक पास शुल्क बढऩे पर सडक़ पर उतरे टैक्सी ड्राइवर, जयपुर-दिल्ली हाईवे पर टोल शुल्क में की गई थी बढ़ोत्तरी, एनएचआई के फैसले के खिलाफ नाराजगी

जयपुर। इबीते दिनों जयपुर-दिल्ली हाईवे पर टोल शुल्क में बढ़ोतरी के बाद से टैक्सी चालक गुस्से में हैं। टैक्सी चालकों को कहना है कि पहले उन्हें मासिक 150 रुपये में मिलता था, लेकिन अब उसमें बेतहाशा वृद्धि करके मासिक टोल पास शुल्क 2940 रुपये कर दिया गया है। इसके विरोध में टैक्सी चालकों ने जयपुर-दिल्ली हाईवे पर मनोहरपुर टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया। चालक उच्च अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाने की जिद पर अड़े रहे और जल्द ही ठोस समाधान निकालने की मांग की। टैक्सी चालकों का कहना है कि अगर बढ़ी हुई दरें वापस नहीं ली गईं तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। 
दरअसल, बीते दिनों एनएचएआई ने जयपुर-दिल्ली हाइवे पर दौलतपुरा टोल, मनोहरपुर टोल और शाहजहांपुर टोल प्लाजा पर टोल शुल्क बढ़ाने का फैसला किया था। दोलतपुरा टोल पर पहले 70 रुपए टोल था, जिसे बढ़ाकर 75 रुपए कर दिया गया। जबकि मनोहरपुर टोल प्लाजा पर 80 रुपए से अब 90 रुपए कर दिया गया। टैक्सी चालकों के मुताबिक, मनोहर टोल प्लाजा पर मासिक पास शुल्क में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। 
इसके साथ ही पहले टेंपो या टैक्सी का मासिक पास मात्र 150 रुपये में मिलता था। हालांकि, एनएचएआई की तरफ से की गई बेतहाशा वृद्धि के बाद मासिक पास शुल्क 2940 रुपये हो गया। उन लोगों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ गया है. मासिक टोल पास के शुल्क बढ़ाने के खिलाफ मनोहरपुर टोल प्लाजा पर स्थानीय टैक्सी चालकों ने बीते 9 फरवरी को विरोध प्रदर्शन किया था। उस दौरान कई नेताओं ने चालकों को शांत कराते हुए उच्च अधिकारियों से वार्ता कर जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया।

टैक्सी चालकों ने समाधान नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी
हालांकि बुधवार को एक बार फिर से टैक्सी चालक टोल प्लाजा पर इक_ा हुए और मांग को लेकर प्रदर्शन किया। टैक्सी चालकों का कहना है कि अचानक इतनी अधिक वृद्धि से उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। सूचना पर विधायक मनीष यादव और शाहपुरा एसएचओ सुगन सिंह मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। विधायक की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। हालांकि, टैक्सी चालकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कोई ठोस समाधान नहीं निकला, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
 

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