भजनलाल सरकार में ‘रेवड़ी कल्चर हुआ बंद’..मुफ्तखोरों पर लगी लगाम; ‘यह हैं नया राजस्थान’!

जयपुर। भजनलाल सरकार लगातार गहलोत राज में शुरू की गई योजनाओं पर कैंची चलाने में लगी हुई है। अब भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की मुफ्त बिजली योजना और फ्री स्मार्टफोन योजना को स्थगित कर दिया है। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस राज में शुरू की गई चिरंजीवी योजना, इंदिरा रसोई योजना और ग्रामीण व शहरी ओलिंपिक योजना का नाम बदलकर गहलोत को बड़ा झटका दिया था। 
अब भजनलाल सरकार ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस राज में शुरू की गई फ्री स्मार्टफोन योजना फिलहाल स्थगित है और अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। वहीं, 100 यूनिट फ्री बिजली देने की स्कीम से अब नए लोगों को नहीं जोड़ा जाएगा। दोनों योजनाओं को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में सरकार ने विधानसभा में यह जानकारी दी है। कांग्रेस विधायक विकास चौधरी ने फ्री स्मार्टफोन और भाजपा विधायक राधेश्याम बैरवा ने मुख्यमंत्री फ्री बिजली योजना के संदर्भ में सवाल पूछा था। विधानसभा में कांग्रेस विधायक विकास चौधरी ने सवाल पूछा कि क्या सरकार स्मार्टफोन से वंचित महिलाओं को स्मार्टफोन देने का विचार रखती है। इस पर सरकार ने स्पष्ट किया है गत वर्ष 9 अक्टूबर 2013 को विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लागू होने के बाद स्मार्टफोन वितरण करने की योजना को स्थगित कर दिया गया था। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1811.30 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया था। इसमें से 1745.22 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इस योजना से महिलाओं को हुए लाभ व जनहित का परीक्षण करके स्मार्टफोन योजना पर आगामी निर्णय लिया जाएगा। ऐसे में यह माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस योजना को बंद कर सकती है।

नए लोगों को नहीं मिलेगी 100 यूनिट फ्री बिजली, 30 लाख उपभोक्ता होंगे प्रभावित
बारां-अटरू से बीजेपी विधायक राधेश्याम बैरवा ने मुख्यमंत्री फ्री बिजली योजना पर सवाल पूछा। जिस पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने लिखित जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री फ्री बिजली योजना का लाभ उन रजिस्टर्ड पंजीकृत घरेलू उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है, जिन्होंने एक जनआधार से एक घरेलू कनेक्शन को रजिस्टर्ड करवाया है। इस योजना में जून 2023 से मार्च 2024 तक 98.23 लाख घरेलू उपभोक्ताओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिन उपभोक्ताओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया, उन सबको योजना का लाभ दिया गया। लेकिन, वंचित रहे उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने की सरकार की कोई योजना नहीं है। यानी साफ है कि अब 100 यूनिट फ्री बिजली देने की स्कीम से नए लोग इस योजना से नहीं जुड़ेंगे।

सदन में उठा निशुल्क बिजली योजना का मामला, सरकार ने किया रुख स्पष्ट
विधानसभा में बुधवार को निशुल्क बिजली योजना का मामला उठा। बीएसपी विधायक मनोज न्यांगली ने प्रश्न किया, जिसके जवाब में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि वर्तमान में नए उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली मुफ्त नहीं दी जाएगी। 100 यूनिट फ्री बिजली उन्हीं को दी जा रही है जिन्होंने पूर्व में रजिस्ट्रेशन करा रखा है। सरकार अभी विद्युत उपभोग चार्ज के अतिरिक्त शुल्क और करों को कम करने का विचार नहीं रखती है। इसके बाद बसपा विधायक मनोज न्यांगली ने कहा कि राजस्थान की जनता के साथ भेदभाव किया जा रहा है, उस पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में एक करोड़ 29 लाख उपभोक्ता है। वर्तमान में 98 लाख 23 हजार को लाभ दिया जा रहा है। बिना रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं की संख्या 30 लाख है। 


राज्य सरकार ने कई योजनाओं को लोकलुभावन बताकर किया बंद
राजस्थान सरकार ने पिछली गहलोत सरकार की कई योजनाओं को लोकलुभावन बता कर बंद किया है। इस मुद्दे पर प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली ने सरकार को घेरते हुए कहा कि एक राज्य में दो नियम कैसे चल सकते हैं। एक ही समान कैटेगरी के उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है, वहीं दूसरे उपभोक्ता वंचित रह गए। इस पर मंत्री हीरालाल नागर ने जवाब दिया कि यदि पूववर्ती सरकार की मंशा सभी उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की होती तो वह रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ही नहीं अपनाती। यह पूर्ववर्ती सरकार की खामी रही है। पूर्ववर्ती सरकार ने चुनाव का लाभ लेने की लिए यह योजना चालू की थी।


इन आंकड़ों में छिपा है पूरी योजना का राज, समझना है जरूरी
आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में कुल 1 करोड़ 29 लाख, नौ हजार, नौ सौ अड़सठ विद्युत उपभोक्ता हैं। जिनमें से वर्तमान में रजिस्ट्रेशन कराने व आधार से जुडऩे के बाद 98 लाख 23 हजार 314 उपभोक्ता को 100 यूनिट मुफ्त बिजली दिए जाने का लाभ दिया जा रहा है। जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हैं, ऐसे 30 लाख 86 हजार उपभोक्ता हैं। इनमें कई उपभोक्ताओं के आधार कार्ड डबल था, जिनका रजिस्ट्रेशन होना संभव नहीं था। कई उपभोक्ता ऐसे थे जिन्होंने स्वेच्छा से रजिस्ट्रेशन नहीं कराया। इस योजना को पूर्व सरकार ने चुनाव आने से पहले शुरू किया था। जिन्होंने रजिस्टे्रशन कराया है उसे योजना का लाभ दिया जा रहा है। पूर्ववर्ती सरकार की मंशा राज्य के सभी उपभोक्ताओं को लाभ देने की होती तो वह रजिस्ट्रेशन की कोई आवश्यकता ही नहीं रखती। पूर्ववर्ती सरकार ने जो प्रावधान किया है। हम भी पूर्व सरकार की इस योजना को बंद नहीं कर रहे हैं। यह योजना निरंतर चालू रहेगी।