चंद ही दिनों में कई बड़ी वारदातें, ‘निशाने पर सिर्फ हिंदू’..
कई जिलों में धर्म परिवर्तन के गंदे खेल का खुलासा, स्कूली लड़कियों और आदिवासियों को बनाया जा रहा निशाना, नाबालिग लड़कियों को ब्लैकमेल कर पढ़वाया जा रहा कलमा
अजमेर में तो हो गई हदें पार; 4 से 5 लड़कियों से 7 लडक़ों ने एक साथ किया रेप, यहां रोजा रखने का डाला गया दबाव, उदयपुर और बीकानेर में भी ऐसे ही मामले सामने आए; यहां मिशनरीज सक्रिय
जयपुर/अजमेर/बीकानेर/उदयपुर। प्रदेश में धर्मांतरण का खेल अपने चरम पर है। बीते कुछ ही दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए है जिन्होंने हिला कर रख दिया है। प्रदेश के कई जिलों में जारी ऐसे रैकेट का खुलासा हुआ है। ताजा मामले में अजमेर में एक नए ब्लैकमेलिंग और धर्मांतरण के मामले ने सनसनी फैला दी है, जिससे 1992 के कुख्यात अजमेर सेक्स स्कैंडल की यादें ताजा हो गई है। अजमेर के विजयनगर इलाके में कुछ युवकों पर आरोप है कि उन्होंने स्कूली छात्राओं को दोस्ती का झांसा देकर फंसाया, फिर उन्हें ब्लैकमेल किया और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। इस मामले में रविवार (17 फरवरी) को लड़कियों के परिजन और हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए सात आरोपियों को हिरासत में लिया और पूछताछ जारी है। अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है। पूरा मामला तब सामने आया जब अजमेर की एक स्कूली छात्रा के पिता ने विजयनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ युवक उनकी नाबालिग बेटी और उसकी सहेलियों को मोबाइल फोन देकर बहला-फुसला रहे थे। ये युवक उन्हें अक्सर होटल, रेस्टोरेंट और कैफे में मिलने के लिए बुलाते थे, जहां उनकी तस्वीरें और वीडियो बना ली जाती थी। पिता के मुताबिक, आरोपी उनकी बेटी पर अपने अन्य दोस्तों से मिलने का दबाव बना रहे थे और उन पर धर्म परिवर्तन के लिए भी जोर दिया जा रहा था। जब लडक़ी ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया, तो वे उसे ब्लैकमेल करने लगे। पिता ने 15 आरोपी युवकों की संख्या करीब 15 बताई है।
दोस्ती कर धर्म परिवर्तन कराने की साजिश, वीडियो बनाकर किया ब्लैकमेल
परिजनों ने आरोप लगाया है कि आरोपी नाबालिग लड़कियों से पहले दोस्ती करते थे और उन्हें मोबाइल फोन गिफ्ट में देते थे। इसके बाद वे लड़कियों को अलग-अलग जगहों पर बुलाकर उनकी तस्वीरें और वीडियो बना लेते थे। बाद में इन्हीं वीडियो और तस्वीरों का इस्तेमाल कर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था और अपने दोस्तों से मिलवाने के लिए दबाव बनाया जाता था। परिवार का कहना है कि यह सिर्फ ब्लैकमेलिंग का मामला नहीं था, बल्कि इसके पीछे धर्म परिवर्तन की साजिश भी थी। आरोप है कि लड़कियों पर जबरन धार्मिक प्रथाओं का पालन करने का दबाव डाला गया, जिसमें कलमा पढ़वाने और रोजा रखने की कोशिशें भी शामिल थीं।
बड़े गिरोह के सक्रिय होने की आंशका, कई आरोपियों को किया डिटेन
ब्लैकमेलिंग मामले में विजयनगर थाना पुलिस फिलहाल गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है और बाकी फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस मामले के पीछे कोई बड़ा गिरोह तो सक्रिय नहीं है। इस घटना के सामने आने के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया है, और स्थानीय लोग आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
उदयपुर और बीकानेर में गरीब और आदिवासी निशाने पर, लालच देकर करवा रहे धर्म परिवर्तन
इसके अलावा गरीब और आदिवासी लोगों को लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा था। इस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को डिटेन किया है। धर्म परवर्तन बीकानेर और उदयपुर में काराया जा रहा था। जहां बीकानेर में जब ये बात फैली तो हंगामा हो गया। वहीं उदयपुर में सांसद मन्नालाल रावत की सक्रियता के चलते धर्मपरिवर्तन कराने वाले गिरोह का खुलासा हुआ। इस संबंध में वीएचपी और बजरंग दल से जुड़े कार्यकर्ता ने जानकारी दी कि धर्म परिवर्तन की सूचना पर पुलिस ने दबिश दी थी। यहां पर जोरशोर से धर्म परिवर्तन से जुड़े काम हो रहे थे। जानकारी के अनुसार जिस घर में यह काम हो रहा था वो घर रेंट पर था। बता दें कि आदिवासी बाहुल क्षेत्र में जनजाति वर्ग के लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन करा यहां आम बात है। लेकिन उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत की सक्रियता के बाद ऐसे कामों से जुड़े कई लोगों को डिटेन किया गया हैं।
प्रदेश में बड़ी समस्या बन रही धर्मांतरण, सरकार भी रोकने के लिए आई बिल
राजस्थान में एसटी-एससी समाज का एक बड़ा तबका धर्म परिवर्तन करवाने वाली मिशनरिज के निशाने पर है। आदिवासी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर धर्मपरिवर्तन किया जा रहा है। प्रदेश की भजनलाल सरकार मौजूदा विधानसभा सत्र में ही धर्म परिवर्तन के विरोध में एक विधेयक ला रही है। इसमें लालच देकर और जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वालों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं, हाल ही में उदयपुर के आदिवासी इलाके और बीकानेर में धर्म परिवर्तन के मामलों का खुलासा भी हुआ है। आदिवासी इलाके में जिस तरीके से धर्मांतरण के लिए एजेंसी कम कर रही है वह बहुत ही चिंताजनक है। पुलिस को उन एजेंसियों का खुलासा करते हुए इसे रोकना चाहिए।
ब्यावर केस में सभी आरोपी दूसरे धर्म के, लड़कियों पर बनाया धर्म परिवर्तन का दबाव
पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पांच नाबालिग लड़कियों के परिजनों ने बिजय नगर थाने में यौन शोषण, दुष्कर्म, पीछा करने और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत की है। इसके बाद 10 मुस्लिम लडक़ों के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। डीएसपी सज्जन सिंह ने बताया कि पांच नाबालिग लड़कियों ने शिकायत की है कि कुछ लोगों ने उन्हें चाइनीज मोबाइल देकर उनका यौन शोषण किया। नाबालिग लड़कियों ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है और धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एफआईआर में नामजद सात आरोपियों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि मामले की मजिस्ट्रेट जांच भी लंबित है।