जयपुर: जयपुर शहर, जो पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, इन दिनों बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है। जहां एक ओर "राइजिंग राजस्थान" के तहत शहर को चमकाने और स्वच्छता अभियान चलाने की होड़ है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है।
सीवरेज से भरी मेट्रो पार्किंग, वाहन चालकों की समस्या:
जयपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित मेट्रो पार्किंग में सीवरेज का पानी भरा हुआ है। वहां फैली बदबू और असुविधाजनक हालात ने वाहन चालकों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। पार्किंग में गाड़ी खड़ी करना दूभर हो गया है, और मजबूरी में अगर लोग गाड़ियां कहीं और खड़ी करते हैं, तो उन्हें पुलिस चालान का डर सताता है।
शहर की छवि पर असर:
जयपुर, जो अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण विदेशी मेहमानों और पर्यटकों का आकर्षण है, इस समस्या से अपनी छवि को धूमिल कर रहा है। "राइजिंग राजस्थान" के तहत इन्वेस्टर्स का स्वागत करने की तैयारी चल रही है, लेकिन शहर की दुर्दशा इन प्रयासों पर पानी फेर सकती है।
नगर निगम की निष्क्रियता:
नगर निगम की लापरवाही के कारण यह समस्या विकराल रूप ले रही है। साफ-सफाई और सीवरेज प्रबंधन के अभाव ने न केवल स्थानीय नागरिकों, बल्कि पर्यटकों के लिए भी स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
वाहन चालकों की अपील:
"हम कहां जाएं?" यह सवाल आज हर वाहन चालक के मन में है। पार्किंग की समस्या और सीवरेज के पानी से भरी जगहों ने वाहन चालकों को असमंजस में डाल दिया है।
समाधान की आवश्यकता:
सरकार और नगर निगम को इन समस्याओं पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। स्वच्छता और सुव्यवस्थित पार्किंग की सुविधा प्रदान करना आवश्यक है ताकि जयपुर की खूबसूरती और पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।
"क्या विदेशी मेहमान और इन्वेस्टर्स इस हालात को देखने आएंगे? यह सवाल शहर की व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।"