राजस्थान समग्र शिक्षक संघ की कार्यकारिणी की एक दिवसीय बैठक का हुआ, आयोजन प्रतियोगी परीक्षाओं में वीक्षक ड्यूटी रोटेशन से करने सहित रखी कई कई मांगें
जयपुर। राजस्थान समग्र शिक्षक संघ की कार्यकारिणी की एक दिवसीय बैठक का आयोजन प्रदेश मुख्य महामंत्री हरिश्चन्द्र प्रजापति की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें आगामी शिक्षा सत्र के लिए शिक्षकों को अग्रिम शुभकामनाएं दी गई तथा शिक्षा, शिक्षकों की स्थिति व सुधारों पर चर्चा की गई। प्रदेश कोषाध्यक्ष विजय माथुर ने निम्न प्रमुख पारित प्रस्तावों पर बताया कि शिक्षकों को ओपीएस यथावत रखा जाए, आगामी सत्र में गत चार सत्रों की तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता, व्याख्याता से उप प्राचार्य व प्राचार्य पदों की बकाया पदोन्नतियों को पूर्ण कर रिक्त पदों को भरा जाये ताकि सत्रारंभ में ही शिक्षकों की कमी दूर हो सकें, प्रतियोगी परीक्षाओं में शिक्षकों की वीक्षण कार्य हेतु ड्यूटी रोटेशन से कार्य क्षेत्र के नजदीक या निवास के करीब ही सभी की बारी-बारी से लगाई जाये, नवजात शिशुओं वाली शिक्षिकाओं को स्तनपान के लिए समय निर्धारित किया जाये तथा आंगनबाड़ी में पालनाघर बनाए जायें, इस व्यवस्था से शिक्षिकायें अपने कार्य के प्रति ज्यादा फोकस होगी। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी ड्यूटी मानिटरिंग माड्यूल के माध्यम से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति लगाने की व्यवस्था का स्वागत किया गया इसमें सीधे जिला प्रशासन द्वारा प्रतिनियुक्तियों पर रोक लगेगी। आरजीएचएस में कार्मिकों के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जाये क्योंकि प्रत्येक कर्मचारी मासिक अंशदान देता है। प्रदेश उपाध्यक्ष जितेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि राजस्थान सरकार के संकल्प का स्वागत करते हुए बैठक में संगठन द्वारा अधिकाधिक वृक्षारोपण, वंचितों को शाला में प्रवेश व सिंगल यूज प्लास्टिक के बहिष्कार का संकल्प पारित किया।
संगठन मंत्री रतन लाल सामोता ने संगठन की इकाईयों को मजबूत करने व नये सत्र में सदस्यता अभियान को बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया। जिला अध्यक्ष जयपुर विजेंद्र सिंह चौधरी व जिला अध्यक्ष दूदू सुनील शर्मा ने प्रदेश भर में संगठन शिक्षक द्वार कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। बैठक में शिक्षकों की मांगों व सुझावों पर चर्चा कर ज्ञापन तैयार किया गया।