प्रदेश के सबसे छोटे जिले के अस्तित्व पर संकट... वापिस ग्राम पंचायत बन जाएगा दूदू..सरकार की कवायद दे रही बड़े संकेत!

नए कलेक्टर तक की नियुक्ति नहीं कर पा रही सरकार, एक आईएएस को मिली हुई है तीन जिलों की कमान, जिला पुलिस अधीक्षक तक नहीं हो पा रहा तय

शुरू से ही विवादों में रहा है यह सबसे छोटा जिला, विधानसभा क्षेत्र है लेकिन महज तीन उपखंड, तीन तहसीलें व तीन ही उप तहसीलें शामिल

दूदू। राजस्थान सरकार ने सबसे छोटे जिले दूदू का जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक का अतिरिक्त कार्यभार जयपुर जिला कलक्टर और जयपुर ग्रामीण पुलिस के कंधों पर सौंप दिया। अब नव गठित जिला दूदू के सबसे बड़े दोनों पदों का अतिरिक्त पदभार दिए जाने से लोगों में यह चर्चा जोरों पर है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सीधा पंचायत से बना सबसे छोटा जिला रहेगा या नहीं। इसी को लेकर संशय बना हुआ है। गौरतलब है कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान दूदू को जिला बनाते हुए दूदू जिला कलक्टर एवं दूदू जिला पुलिस अधीक्षक के साथ करीब एक दर्जन जिला स्तर के अधिकारियों को पदस्थापित कर दिया गया था। साथ ही दूदू जिले में जिला स्तर के लगभग 60 कार्यालय स्थापित हो इसके लिए जिला कलक्टर दूदू द्वारा दूदू से जाने वाले सभी मुख्य रास्तों पर भूमि आवंटन की पत्रावली सरकार में भिजवा दो गई थी। लेकिन, पहले पुलिस अधीक्षक का कार्यभार पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण को और अब जिला कलक्टर दूदू का भी कार्यभार जयपुर कलक्टर को दे दिया गया है।
इससे पूर्व भी दूदू में खोली गई जिला पुलिस लाइन दूदू भी यहां से बंद करके पुलिस लाइन जयपुर ग्रामीण में शिफ्ट कर दी गई है। दूदू जिले में दूदू विधानसभा क्षेत्र के तीन उपखंड, तीन तहसीलें व तीन ही उपतहसीलें शामिल हैं। दूदू जिले में दूदू तहसील व नवसृजित साखून उपतहसील, मौजमाबाद तहसील व नवसृजित बिचून उपतहसील तथा फागी तहसील व नवसृजित निमेड़ा उपतहसील को शामिल किया गया है। बता दें कि बीते दिनों रिश्वत मांगने के आरोप के चलते सरकार ने दूदू कलेक्टर हनुमान मल ढाका को एपीओ कर दिया था। इस मामले में आरएएस अधिकारी और अजमेर विकास प्राधिकरण के डिप्टी कमिश्नर सूर्यकांत शर्मा और तारानगर एसडीएम रवि कुमार को भी आगामी आदेशों मिलने तक एपीओ किया गया है।


आईएएस प्रकाश राजपुरोहित संभाल रहे एकसाथ तीन जिलों की कमान
दरअसल, जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को अब राजस्थान के तीन जिलों की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें दूदू , जयपुर और जयपुर ग्रामीण जिला शामिल है। जिला कलेक्टर के रूप में उन्हें एक साथ बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। प्रकाश राजपुरोहित 2010 बैच के अधिकारी हैं। दरअसल, जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को उनकी वर्तमान भूमिका के अलावा अब दूदू जिले के कलेक्टर का कार्यभार भी सौंपा गया है। इसके अलावा जयपुर ग्रामीण की कमान भी उनके हाथ में आ गई है। उल्लेखनीय है कि जयपुर ग्रामीण जिला बनने के बाद यहां अभी तक कलेक्टर की नियुक्ति नहीं हुई है। 


ग्राम पंचायत से सीधे जिला बनने की दूदू की है रोचक और अनूठी कहानी
नाम में और क्षेत्रफल में सबसे छोटे दूदू के राजस्थान का जिला बनने की पूरी कहानी काफी रोचक है। दूदू से जयपुर से अलग करके नया जिला बनाया गया। जयपुर से करीब 63 किलोमीटर दूर दूदू ने ग्राम पंचायत से जिला बनने का तक का सफर चंद महीनों में तय कर लिया। छह माह पहले दूदू जयपुर जिले की ग्राम पंचायत हुआ करती थी। अशोक गहलोत सरकार ने फरवरी 2023 के बजट में दूदू को ग्राम पंचायत से नगर पालिका का दर्जा दिया और फिर मार्च 2023 में दूदू को राजस्थान का जिला बना दिया। एरिया के लिहाज से राजस्थान के सबसे छोटे जिले दूदू में तीन तहसील, तीन पुलिस थाने और एक पुलिस सर्किल होगा। दूदू जिले में मौजमाबाद, दूदू और फागी उपखड व तहसील होंगी। राजस्थान सरकार ने मौजमाबाद में बीते साल ही पुलिस थाना खोला था।