पालिका अध्यक्ष सावित्री देवी स्वामी की कार्यशैली से जनता खुश

मलाई नहीं मिलने से पार्षद विचलित

नरैना। जब किसी महकमे अथवा नगर का शासक-प्रशासक ईमानदार हो तो मलाई खाने वालों को उनके निजी फायदे पूरे नहीं होते देख अपने निजी स्वार्थ के वशीभूत होकर वह किसी भी हद तक चले जाते है ओर किसी ना किसी प्रकार न सिर्फ झूठी खिलाफत करते हैं अपितु लोगों को भी गुमराह करते हैं! हम बात कर रहे हैं नरैना की तत्कालीन ग्राम पंचायत व नगरपालिका की, जहां भ्रष्टाचार की वजह से न सिर्फ तत्तकालीन सरपंच व बाद में पालिका अध्यक्ष बनें व्यक्ति को पद से हाथ धोकर जेल जाना पड़ा अपितु पालिका उपाध्यक्ष से पालिका अध्यक्ष बनें व्यक्ति को भी भ्रष्टाचार की वजह से न सिर्फ पदच्युत होना पड़ा वरन् अपने पार्षद पद से भी बर्खास्त होना पड़ा। दो पालिका अध्यक्षों के भ्रष्टाचार के खात्मे के बाद पालिका अध्यक्ष के रूप में सशक्त बेहद ईमानदार वरिष्ठ महिला पार्षद सावित्री देवी स्वामी की नरैना के पालिका अध्यक्ष पद पर नियुक्ति हुई। स्वामी के पालिका अध्यक्ष पद पर आसीन होने के बाद स्वामी ने नरैना के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाने वाला ऐतिहासिक अविस्मरणीय तेजा दशमी व जलझूलनी एकादशी का कार्यक्रम आयोजित कर अपनी कार्यशैली व योग्यता का परिचय भी दे दिया। उक्त कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी व राज्य सरकार के केबिनेट मंत्री झाबर सिंह खर्रा भी शामिल हुए। पालिका अध्यक्ष स्वामी ने अपने अल्पअवधि कार्यकाल में सनातन धर्म के मंदिरों व मोक्षधामों के विकास पर महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए योजनाबद्ध तरीके से अभूतपूर्व विकास कार्य किए। जब अपना कोई किसी पद पर पदस्थापित होता है तो व्यक्ति की चाह मलाई खाने की होती है लेकिन जब पदस्थापित व्यक्ति का ध्येय "न खाऊंगा व न खाने दूंगा" जैसा हो तो मलाई खाने वालों पर यह किसी भारी वज्रपात से कम नहीं है। स्वामी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों में मलाई नहीं मिलने से नाराज अपनी ही पार्टी के पार्षद सिर्फ अपने स्वार्थ की पूर्ति न होने से खेमेबाजी व गुटबाजी से पार्टी का बंटाधार करने में लगे हुए हैं। पालिका अध्यक्ष सावित्री देवी स्वामी की कार्यशैली से कुछ मलाईखोरों को छोड़कर जनता बेहद प्रसन्न ही नहीं बल्कि उनके द्वारा करवाए जा रहे कार्यों की प्रशंसा भी कर रही हैं। स्वामी के विकास कार्यों की स्थानीय कांग्रेसी नेता भी सोशल मीडिया सहित वार्तालाप के दौरान भूरी-भूरी प्रशंसा करते नजर आते हैं।