अब भूमाफिया का नया ठिकाना बना धानक्या..जोन-12 के अफसरों को पता नहीं क्या हो गया!

आचासर संहिता की आड़ में धडल्ले से जारी है अवैध निर्माण, धानक्या ग्राम पंचायत के नंदगांव भुवाना बाबा की ढाणी के पास मां वैष्णव विहार के नाम से 15 बीघा में अवैध कॉलोनी का विस्तार निर्माण जोरों पर 

दरअसल, धानक्या  ग्राम पंचायत में सभी कॉलोनियां अवैध है और इसका खमियाजा पंचायत को भोगना पड़ेगा, ग्राहक झांसे में आकर हो रहे है ठगी के शिकार, निर्माण के समय उठाना पड़ेगा नुकसान

जयपुर। जेडीए जोन 12 में अवैध कोलोनियों के निर्माण कार्य को लेकर अजब ही कहानी सामने आने लगी है। जब से इस जोन से प्रर्वतन अधिकारी का तबादला हुआ है तभी से भूमाफिया की पौ बारह हो रही है। और, अजब कहानी है कि जब प्रदेश में आचार संहिता लग जाती है तो अवैध काम करने वालों के वारे-न्यारे होना शुरू हो जाता है। इसका कारण यह है कि प्रशासन भी उनके सहयोग में शरीक हो जाता है। आचार संहिता की आड़ में जेडीए के ये भ्रष्ट अधिकारी कार्यवाही करना तो दूर बल्कि चुनाव की आड़ में अपना पल्ला झाड़ देते है। जिसका सटीक उदाहरण कालवाड़ तहसील के धानक्या ग्राम पंचायत में नजर आ रहा है। यहां 15 बीघा भूमि पर बिना भूरूपांतरण के ही अवैध कॉलोनी की बसावट का कार्य और सडक़ों का निर्माण जोरों से चल रहा है। जब हमारा समाचार ने कॉलोनाईजर से इस सबंध में भूरूपातंरण की पुष्टी करने के लिए संपर्क किया तो कॉलोनाइजर द्वारा भूरूपांतरण पेंडिंग होने का तर्क देकर टका सा जवाब दे दिया। जबकि धानक्या ग्राम पंचायत में अवैध कॉलोनियों की भरमार है। कई आवासीय कॉलोनियों की बसावट का कार्य जोर-शोर से शुरू है लेकिन जेडीए को सूचित करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होना बड़ा सवाल खड़े कर रहा है। इधर, ग्राम पंचायत प्रशासन कहता है कि साहब आज तक किसी भी कॉलोनाइजर ने पंचायत से किसी प्रकार की अनुमती नहीं ली है और जो कॉलोनिया बसावट कर रहे है, वो सब अवैध है। अब आप ही अंदाजा लगाइए कि सच क्या है जबकि आस-पास के क्षेत्रों में भी अवैध कॉलोनियों पर नाममात्र की र्कावाही की जा रही है और जेडीए दस्ते के जाते ही फिर से निर्माण शुरू कर दिया जाता है। 


भू-रूपांतरण की फाइल पेंडिंग लेकिन धड़ाधड़ जारी है अवैध निर्माण
हमारा समाचार की टीम ने जब नंदगांव धानक्या भंभोरी रोड भूवाना बाबा की ढाणी के पास पश्चिम दिशा में मां वैष्णव विहार के नाम से सृजित आवासीय कॉलोनी के भूरूपांतरण की जानकारी के लिए दूरभाष से कॉलोनाइजर रामनिवास यादव से संर्पक किया तो उसने भूरूपांतरण के लिए फाईल जेडीए में देने की बात कही। जबकी इसके उलट यहां 15 बीघा की आवासीय कॉलोनी में वाणिज्य भूखण्डों का निर्माण धडल्ले से जारी है। स्थिति यह है कि जेडीए जोन-12 के सबंधित अधिकारियों व उनके शिकायत नंबर पर शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी कालवाड़ तहसील के दर्जनों गांवो में कार्रवाई के नाम पर पल्ला झाड़ लिया जाता है। इससे साफ नजर आता है कि अधिकारियों की कॉलोनाईजर से कितनी सांठगांठ है। 

जोन-12 अब भगवान भरोसे, आखें मूंदे बैठे है जिम्मेदार अधिकारी
जयपुर शहर को विश्वस्तरीय शहर बनाने का दावा करने वाले जेडीए के अधीन जोन-12 क्षेत्र में अवैध आवासीय निर्माणों की भरमार से लगता है कि जयपुर शहर आगामी कई वर्षो में भी विश्वस्तरीय की तर्ज पर नहीं बन पाएगा। इसका उदाहरण देखा जाए तो धानक्या, कालवाड़ रोड, हाथोज, करधनी योजना के पास स्वाईचक में बहुआवासीय भवनों के चल रहे निर्माण है। यह आवासीय निर्माणाधिन इकाईयां स्वतंत्र आवास व बहु इकाई आवास दोनों के ही मापदण्डों को पूर्ण नहीं करती है, इससे साफ नजर आता है कि यहां पर निर्माण करने वाले बिल्डर सरकारी महकमे पर कितने भारी है। 


जानना जरूरी है कि क्या है आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए नियम?
किसी भूमि पर आवासीय निर्माणाधीन इकाइयां स्वतंत्र आवास व बहु इकाई आवास दोनों के निर्माण कार्य के लिए सबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य है। इसमें शर्त है कि आवासीय इकाई में ग्राउंड के अलावा दो आवासीय इकाईयों का निर्माण या फिर 12.5 मीटर के लगभग की ऊचाई सीमा तय है। उसमें पार्किंग, सीवरेज और अग्निश्मन यंत्र होना जरूरी है।