निलंबित आईपीएस सहाय का छलका दर्द..कहा-रिसते खून के बाद भी नहीं मिली छुट्टी!

ऊंचे पदों पर बैठे जिम्मेदार शायद नहीं थे हकीकत से वाकिफ..
बिमार स्थिति में ही आईपीएस किशन सहाय की झारखंड में लगाई गई चुनाव ड्यूटी, निलंबन के बाद पहली बार अब अपने हालातों का किया खुलासा

कहा-ऑपरेशन के बाद टांकों से बार-बार खून आने से हुई तबीयत गंभीर, चुनाव आयोग को सूचना देने के बाद भी नहीं मिली थी छुट्टी

जयपुर। 13 नवम्बर को राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में उपचुनाव हुए थे। इसके साथ ही झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भी इसी दिन मतदान हुआ था। मतदान के दिन ही एक खबर जो सुर्खियों में रही वह थी आईपीएस किशन सहाय के निलंबन की। अपने निलंबन के बारे में आईपीएस किशन सहाय लगातार कहते रहे कि वे जल्दी ही वजहों का खुलासा करेंगे और अब उन्होंने इसकी वजह भी बता दी है। जो वजह आईपीएस सहाय ने बताई है वो मानवीय तौर पर तो जायज लगती है लेकिन शायद ऊंचे पदों पर बैठे जिम्मेदारों को इन आईपीएस का दर्द नहीं सुनाई दिया। आईपीएस सहाय ने पूरे मामले पर स्पष्ट किया कि हाल ही में उनका ऑरेशन हुआ था और टंाके  तक पूरी तरह ठीक नहीं हुए थे इसके बावजूद भी वे ड्यूटी पर गए और तीन दिनों तक उनके पैरों से खून रिसता रहा और अंतत: हालात गंभीर हो गए। उन्होंने चुनाव आयोग से छुट्टी की दर्खवस्त की लेकिन इसकी मंजूरी उन्हें नहीं मिली। इससे पहले भी आईपीएस सहाय की एक पोस्ट सामने आई थी जिसमें उन्होंने लिखा था कि ‘साथियों, आप लोग चिन्ता नहीं करें। यह विश्वास रखें कि न तो मैं झूठ बोलता हूं और न ही मेरे दिमाग में बेईमानी आती है। रही बात ड्यूटी की तो जहां मेरी पोस्टिंग रही है। वहां का पुलिस स्टाफ व जनता भी जानती है कि मैं ड्यूटी के प्रति कितना समर्पित रहा हूं। वैसे भी पद के कर्तव्यों के साथ साथ रोजाना 100-50 लोग मुझसे मिलने आते हैं या फोन-मैसेज से मेरे सम्पर्क में आते हैं। आप सभी लोग भी मुझसे जुड़े हुए हो। वर्तमान प्रकरण/मामले के बारे में बाद में बताऊंगा।’

आईपीएस किशन सहाय ने बयान किया दर्द, उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी
‘चुनाव आयोग द्वारा हमें नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया है। पिछले 1 महीने से बीमार था, ऑपरेशन हो रखा था टांके भी नहीं हटे थे फिर भी चुनाव आयोग ने ड्यूटी लगा दी। उसके बाद झारखंड रांची गए तीन दिन ड्यूटी पर रहें लेकिन टांगे में खून आना शुरू हो गया, बार बार खून आने से मेरी तबीयत गंभीर हो चुकी थी उसके बाद चुनाव आयोग को सूचना को दिय लेकिन छुट्टी नहीं मिली। ज्यादा तबीयत खराब होने से ड्यूटी छोडक़र जयपुर आकर भर्ती हो गए, चुनाव आयोग को जानकारी दे दी मेडिकल रिपोर्ट दे दी उसके बाद भी नौकरी से बर्खास्त किया गया। क्या मेरी जान से बढक़र चुनाव ड्यूटी थी ऐसी स्थिति में आप क्या करते ?

सहाय को बिना कारण पूछे चुनाव ड्यूटी से कर दिया गया सस्पेंड 
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने राजस्थान कैडर के भारतीय पुलिस सेवा  के अधिकारी किशन सहाय को सस्पेंड कर दिया था। मीणा आईजी मानवाधिकार के पद पर राजस्थान पुलिस मुख्यालय में तैनात थे। विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी ड्यूटी झारखंड में लगाई गई थी। इस संबंध में चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव राजस्थान को पत्र भेजा था। चुनाव आयोग ने पत्र में लिखा- झारखंड विधानसभा चुनाव में किशन सहाय मीणा को गुमला जिले के 67-सिसई, 68-गुमला और 69-बिशुनपुर में पुलिस ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) लगाया था। आयोग की स्वीकृति के बिना 28 अक्टूबर 2024 को किशन सहाय ने ड्यूटी स्थल छोड़ दिया। हालांकि सस्पेंशन से पूर्व सहाय से उनकी अनुपस्थिति के कारण नहीं पूछे गए थे।