अब नेवटा बांध की नहरों पर ‘भूमाफियाओं की कुदृष्टि’..नहीं रोका तो खत्म हो जाएगा अस्तित्व; किसान भी हैरान!

कई अहम बांधों का गला घोंट चुके अतिक्रमणकारियों की नजर अब नेवटा बांध पर, ताजा मामला राजस्व गांव नेवटा के खसरा नंबर 951 नहर नं. 2 का

बंद होने की कगार पर पहुंची नहरें, किसानों की फसलें सिंचाई के लिए पूरी तरह इन्हीं नहरों पर आश्रित, मौन साधे बैठे है सिंचाई विभाग के अधिकारी, किसानों की मांगें दरकिनार


बगरू। अब तक राजधानी के कई अहम बांधों का गला घोंट चुके अतिक्रमणकारी और भूमाफियाओं की कुदृष्टि नेवटा बांध और उसकी नहरों पर जा टिकी है। स्थित यह है कि अतिक्रमणकारी किसानों की लाइफ लाइन कही जाने वालो नहरों को भी नहीं बख्श रहे है। जानकारी के अनरुसार अब भूमाफिया द्वारा नेवटा बांध से निकलने वाली नहरों पर अतिक्रमण किया जा रहा है और सबकुछ जानते हुए भी सिंचाई विभाग के अधिकारी चैन की नींद सो रहे है। ताजा मामला राजस्व गांव नेवटा के खसरा नंबर 951 नहर नं. 2 का है। यहां हालात यह हो चले है कि ग्रामीणों को चिंता सताने लगी है कि कहीं अतिक्रमणकारी नहरों को ही बंद ना कर दे। किसानों की चिंता इसलिए भी अधिक है कि फिलहाल किसानों को अपनी फसलों में पानी की आवश्यकता है लेकिन नेवटा बांध की नहरें अतिक्रमण के हत्थे चढ़ गई तो फसलों में पानी पहुंचना मुमकिन नहीं हो सकेगा। पिछले कई वर्षों से किसान नहरों को बचाने के लिए पा्रास कर रहे है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इन प्रयासों की ओर मुंह फेरे हुए है। ऐसे में ना सिर्फ अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद हो रहे है बल्कि नेवटा बांध का असतित्व ही खतरे में आता जा रहा है। 
जानकारी के अनुसार नेवटा प्राचीन गांव है। यहां अतिशय क्षेत्र वाला जैन मंदिर, वराह भगवान का मंदिर व शिक्षा के क्षेत्र में सेन्ट जेवियर कॉलेज व विद्यालय के अलावा आसपास के क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित संस्थाओं ने अपनी शाखाएं खोल रखी हैं। ऐसे में तेजी से बढ़ते क्षेत्र में आसपास के क्षेत्र में कई कॉलोनियां भी कटी हैं तो आसपास के क्षेत्र में मुख्य रोड पर फ्लैट भी बने हैं। पास में जेडीए की फॉर्म हॉउस योजना भी है। इसके पास ही मदाऊ में संस्कृत विश्वचिद्यालय अपने आप में खास है। इन सबके अलावा इन सबसे अलग हटकर यहां लम्बे चौड़े इलाके में खेतों में फसलें लहलहा रही हैं। नेवटा बांध में अनन्त चतुर्दशी पर गणेश प्रतिमा विसर्जन करने दूर-दराज से लोग पहुंचते हैं।

रिंग रोड से नजदीकी व ढाई सौ फीट रोड है नरेवटा क्षेत्र की विशेषता, भू-कारोबारियों के लिए सबसे मुफीद
जयपुर में मानसरोवर विस्तार के बाद मुहाना मण्डी पार कर कई बिल्डरों ने फ्लैटों का निर्माण कराया है। अब मुहाना मण्डी के बाद मुहाना गांव से आगे बढ़ते ही रिंग रोड आ जाती है। रिंग रोड के बाद नेवटा क्षेत्र शुरू हो जाता है। नेवटा में भू-कारोबार को बढ़ाने की दृष्टि से यहां से अजमेर रोड के लिए लम्बी चौड़ी दो सौ फीट की सडक़े हैं और आसपास का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। ऐसे में यहां से सेज के लिए भी सीधी राह है। महानगर जयपुर के विस्तार में आगे यहां कई प्रोजेक्ट हैं। ऐसे में निकट भविष्य में रिंग रोड के सहारे इस इलाके को बिल्डर प्रोपट्र्री के बेहतर बूम के लिए चुन रहे हैं।