पिछली सरकार में नियुक्त 3 लाख कार्मिकों की नींद उड़ी..अब सभी की डिग्रियां-दस्तावेज जांचेगी भजनलाल सरकार!

फेक डिग्री और सर्टिफिकेट रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद होने जा रहा बड़ा एक्शन

प्रत्येक विभाग में गठित की जाएगी इंटरनल कमेटी, ये समितियां हर कर्मचारी की करेंगी बारीकी से जांच

डमी केंडीडेट और नकली जाति प्रमाण पत्रों पर रहेगी खास नजर, हाल ही में एक यूनिवर्सिटी पर छापे के दौरान हुआ था 43 हजार फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट बांटने का खुलासा

जयपुर। प्रदेश में फेक डिग्री रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद राज्य के 3 लाख सरकारी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया की जांच करने का फैसला किया है। ये आदेश पिछले पांच सालों में हुई भर्तियों पर लागू किया जाएगा। दरअसल, राज्य की भजन लाल शर्मा सरकार ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए नौकरी पाने के मामले सामने आने के बाद ये फैसला लिया है। खबर के अनुसार राज्य में पीटीआई से लेकर सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षाओं में कथित धोखाधड़ी की खबरें सामने आई हैं। इतना ही नहीं ये भी जानकारी सामने आई है कि सैकड़ों कैंडिडेट्स को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित नौकरियां मिल गईं। ऐसा परीक्षा में डमी कैंडिडेट का इस्तेमाल करके किया गया। एक सरकारी आदेश में बताया गया कि प्रत्येक विभाग को एक इंटरनल कमेटी गठित करनी चाहिए। कमेटी ये जांच करेगी कि पिछले पांच सालों में हुई भर्तियों में परीक्षा देने वाले व्यक्ति और सरकारी नौकर के रूप में कार्यरत व्यक्ति एक ही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक फर्जी डिग्री और डॉक्यूमेंट्स का ये मामला राजस्थान स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड की जांच के बाद सामने आया। बोर्ड पीटीआई भर्ती परीक्षा में सेलेक्ट हुए कैंडिडेट्स के डॉक्यूमेंट्स की जांच कर रहा था। बोर्ड ने पाया कि 80 से ज्यादा सेलेक्ट हुए कैंडिडेट्स की डिग्री फर्जी थी। इनमें से 60 सर्टिफिकेट चुरू स्थित ओम प्रकाश जोगेंदर सिंह यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किए गए थे।

पीटीआई भर्ती में भी ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से हजारों ने बनवाई थी फर्जी डिग्रियां
इसी मामले में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने हाल ही में यूनिवर्सिटी में रेड मारी थी। पुलिस जांच में सामने आया कि यूनिवर्सिटी फेक सर्टिफिकेट और पीछे की तारीख की डिग्री जारी करने का काम करती है। यूनिवर्सिटी का स्टाफ मात्र सात लोगों का पाया गया। यही नहीं, पुलिस की पड़ताल में पता चला कि यूनिवर्सिटी अब तक कुल 43 हजार फर्जी डिग्रियां बांट चुकी है। इनमें से ज्यादातर छात्र जम्मू-कश्मीर और दक्षिण भारत के राज्यों के थे। 

इधर, फर्जी डिग्री बनाने में मदद करने वाले पुस्तकालय अध्यक्ष को एसओजी ने दबोचा
एसओजी ने शुक्रवार को चित्तौडग़ढ़ स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री बनवाने में सहयोग करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी मनोहर लाल (28) पुत्र बाबूलाल सांचौर का रहने वाला हैं। दो अभी सांचौर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय झाब में पुस्तकालय अध्यक्ष के पद पर पोस्टेड है। आरोपी मनोहर लाल के खिलाफ अजमेर के सिविल लाइंस थाने में फर्जी डिग्री को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर की जांच एसओजी के द्वारा किया जा रही थी। जांच में आरोपी प्रमाणित होने पर आरोपी मनोहर लाल विश्नोई को गिरफ्तार किया गया। आरोपी से एसओजी मुख्यालय में पूछताछ चल रही है। वहीं, शनिवार को उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। आरोपी ने कमला कुमारी के नाम से फर्जी डिग्री बनाने में सहयोग किया था।