जयपुर पश्चिम पुलिस का ठग गिरोहों पर सबसे बड़ी कार्रवाई, 30 करोड़ के फ्रॉड का पर्दाफाश; 30 आरोपी और 2 नाबालिग गिरफ्तार, श्रीलंका से ट्रेनिंग लेकर आए थे ठग
135 अकाउंट को किया गया फ्रीज, 64 यूपीआई अकाउंट के साथ 20 एटीएम कार्ड पर भी करवाए बंद, 5 थाना क्षेत्रों में 40 स्थानों पर 10 से ज्यादा टीमें बनाकर कार्रवाई को दिया अंजाम
जयपुर। कमिश्नरेट की पश्चिम पुलिस ने डीसीपी वेस्ट अमित कुमार बुडानिया के नेतृत्व में साइबर ठगी करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में जयपुर पश्चिम पुलिस ने 5 थाना क्षेत्रों में 40 स्थानों पर 10 से ज्यादा टीमें बनाकर कार्रवाई को अंजाम दिया। जिसमें 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कार्रवाई को लेकर डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया कि यह गिरोह फर्जी बाबा बनकर लोगों से ठगी करता था। ये साइबर ठग गेमिंग एप्लीकेशन के जरिए और लोगों को मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर ठगी करते थे। इस मामले में जयपुर वेस्ट पुलिस ने चार बड़े गिरोह के खिलाफ कार्रवाई की है, जिसमें टीम ने आठ अलग-अलग गिरोह और चार फर्जी कॉल सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की है जिसमें आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी वेस्ट अमित कुमार बुडानिया के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ढाई सौ बैंक अकाउंट की पहचान की है। जिसमें 135 अकाउंट को फ्रिज किया गया है। 64 यूपीआई अकाउंट फ्रीज किए हैं. इसी के साथ 20 एटीएम कार्ड को फ्रिज करवाए गए है।
डीसीपी ने बताया कि साइबर ठगी से जुड़ी शिकायतें लगातार मिल रही थीं। इसे देखते हुए मुखबिर तंत्र तैयार किया गया। साथ ही 10 टीमें बनाकर अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की गई जिसमें 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया। डीसीपी ने आगे बताया कि ये लोग लगातार ऑनलाइन गेमिंग के जरिए लोगों को ठग रहे थे। इन अपराधियों के पास से 30 करोड़ रुपये से ज्यादा के संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिले हैं। इसके अलावा इन लोगों ने फर्जी कॉल सेंटर बना रखे थे, जिसके जरिए ये ठगी को अंजाम देते थे। इसमें काम करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया जो श्रीलंका से ट्रेनिंग लेकर आए थे। करधनी इलाके से गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से करीब 100 फर्जी खाते भी बरामद हुए हैं।
साइबर शील्ड अभियान के तहत हुआ एक्शन, 30 करोड़ से अधिक की ठगी का पर्दाफाश
साइबर ठगी के मामलों में इजाफा होने पर पुलिस ने साइबर शील्ड अभियान के तहत कार्रवाई तेज की है। जयपुर वेस्ट पुलिस ने 30 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है और दो नाबालिगों को भी पकड़ा है। इस कार्रवाई में पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर, ऑनलाइन सट्टा और एक फर्जी बाबा के ठिकाने पर छापेमारी की है। साइबर ठगों पर लोगों ने लाखों रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि ठगों ने अब तक करीब 30 करोड़ रुपये की ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने अलग-अलग गैंग बना रखे थे। रिहायशी इलाकों में बंद कमरों में फर्जी कॉल सेंटर और ऑनलाइन सट्टा कारोबार को संचालित कर रहे थे। एक आरोपी नकली बाल, दाढ़ी और मूंछों के साथ बाबा बनकर लोगों से पैसे लेने का काम करता था। पुलिस ने अब तक इस मामले में 6 केस दर्ज किए हैं। ठगों के पास से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, कंप्यूटर, लैपटॉप जैसे उपकरण बरामद किए हैं।
ठगों ने खोल रखे थे सैकड़ों फर्जी बैंक खाते, इन्हीं में जमा होती थी ठगी की रकम
पुलिस ने जांच में पाया है कि इन ठगों ने ठगी की रकम जमा करने के लिए सैकड़ों बैंक अकाउंट खोले हुए थे। इन्हीं अकाउंट्स में ठगी के पैसों को जमा करवाया जाता था। जयपुर पुलिस अब इन मामलों में और खुलासे करने की तैयारी कर रही है। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच जयपुर पुलिस ने साइबर शील्ड अभियान के तहत ठगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। यह कार्रवाई पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। इसके बाद अन्य ठगी के मामलों में भी कई नए खुलासे हो सकते हैं।
आठ अलग-अलग गैंगों से जुड़े हैं पकड़े गए ठग, विदेश तक है शातिरों के कनेक्शन
पुलिस ने अलग-अलग जगह दबिश देकर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास कम्प्यूटर, लैपटॉप, टीवी, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्शन सहित कई बैंक खातों की जानकारियां भी मिली हैं। पकड़े गए ठग आठ अलग-अलग गैंग से जुड़े हुए हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन गैंग के कनेक्शन विदेशों तक में हैं। गैंग के कई ठगों ने सायबर ठगी की ट्रेनिंग श्रीलंका में ली है। उसके बाद उन्होंने लोगों को ठगी का शिकार बनाना शुरू किया। वहां से सीखे गए गुर ये ठगों की नई खेप को भी दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान समेत देशभर में साइबर ठगी के केस बेहद तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। साइबर ठगी पैसों वाले लोगों के बारे में पूरी जानकारी जुटाकर उनको डिजिटल अरेस्ट करके लाखों-करोड़ों रुपये पार करने में लगे हैं। बीते कुछ माह में जयपुर और जोधपुर में डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आ चुके हैं। डिजिटल अरेस्ट करने वाले ठगों के निशाने पर खासतौर पर रिटायर्ड अधिकारी और महिलाएं रहती हैं।