भरतपुर@ अगर सब कुछ योजनानुसार ही हुआ तो अगले दो-तीन साल में भरतपुर रेपिड रेलवे ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जुड़ जाएगा। इससे करीब डेढ़ घंटे में ही दिल्ली पहुंच जाएंगे। क्योंकि इसकी स्पीड मेट्रो से भी तीन गुना तेज होगी। इसके लिए नगरीय विकास विभाग ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया है।उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लोगों को राजधानी दिल्ली से जोड़ने और सस्ता एवं सुलभ परिवहन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने रेपिड रेलवे ट्रांसपोर्ट योजना है, जिसमें अलवर को पिछले साल दिसंबर में शामिल किया जा चुका है। रेपिड रेलवे ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाया है जो पलवल तक जुड़ा हुआ है। इसलिए संभावना है कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से जल्द मंजूरी मिल जाएगी। क्योंकि इसे भरतपुर तक बढ़ाना ज्यादा मुश्किल भरा काम नहीं होगा।यह सिस्टम भरतपुर के आर्थिक विकास एवं परिवहन में गेम चेंजर होगा। समय कम लगने के कारण भरतपुर में औद्योगिक, व्यापारिक एवं पर्यटन विकास तेजी से होगा। रुरल डवलपमेंट एक्सपर्ट सीताराम गुप्ता ने बताया कि एनसीआर टीसी के दिल्ली-भरतपुर आरआरटीएस कॉरिडोर से सामाजिक आर्थिक विकास के साथ-साथ इन जगहों के लोग भी करीब आएंगे। इस प्रोजेक्ट से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढावा मिलेगा और सड़कों पर प्रदूषण कम होगा।
तीन हजार यात्रियों को मिलेगा फायदा-
भरतपुर से दिल्ली के लिए रोजाना करीब 3 हजार यात्री सफर करते हैं। करीब 6 रेलगाडिय़ों के लिए औसतन 300 टिकट रोजाना कटते हैं। इसके अलावा रोजाना रोडवेज की 25 बसें भी दिल्ली तक चलती हैं, जिनमें करीब 1500 यात्री सफर करते हैं। इनके अलावा हरियाणा और यूपी रोडवेज की भी इतनी ही बसें संचालित होती हैं।भरतपुर से दिल्ली की दूरी करीब 190 किलोमीटर है। रेपिड ट्रेन नेटवर्क पलवल तक है। पलवल से भरतपुर दूरी 140 किलोमीटर है। इसमें 8 स्टेशन होंगे। प्रत्येक स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर ऑटोमेटिक खुलने और बंद होने वाले दरवाजे होंगे। बाद में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलने वाले ट्रॉली बस कोच चलाने की संभावना भी तलाशी जाएगी।
मेट्रो से करीब 3 गुना ज्यादा स्पीड-
रीजनल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद रेपिड ट्रेन में दिल्ली से भरतपुर के बीच की यात्रा करीब डेढ़ घंटे में ही पूरी हो जाएगी। रेपिड ट्रेन की स्पीड मेट्रो ट्रेन से तीन गुना ज्यादा है। रेपिड ट्रेन को 180 किमी प्रति घंटा की स्पीड के हिसाब से डिजाइन किया जा रहा है।इसकी ट्रैक पर वास्तविक स्पीड 160 किमी प्रति घंटा होगी। यानि औसत गति 100 किमी प्रति घंटा होगी। सिग्नलिंग, दूरसंचार और स्वचालित किराया कलेक्शन के लिए स्टेट ऑफ द आर्ट टेक्निकल का प्रयोग होता है। रेपिड ट्रेन में आरामदायक एसी कोच होते हैं। जिनमें एक बिजनेस क्लास कोच होगा और बाकी इकॉनॉमी क्लास कोच होंगे। भविष्य में इसे जयपुर तक बढ़ाए जाने की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं।