हदें पार कर रही हरसोली सरपंच की मनमानी..हुआ लाखों का भ्रष्टाचार; रोकने वाला कोई नहीं!

दूदू की ग्राम पंचायत हरसोली सरपंच माधुराम बलाई पर पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप, 3 हजार बीघा गौचर भूमि पर नियम विरुद्ध पेड़ों की कटाई से मिले 50 लाख हजम

प्रधानमंत्री आवास योजना में भी किया बड़ा फर्जीवाड़ा, चहेतों के सालों पुराने मकानों पर भी उठा ली गई राशि, शिकायतों पर नहीं हो रहा कोई भी एक्शन

दूदू। सरपंच खुलेआम मनमानी कर रहा है और उसे रोकने वाला कोई नहीं है। यह सरपंच ना सिर्फ राजस्व को चूना लगा रहा है बल्कि हर नियम कायदों को तांक पर रखकर मिलीभगत और भ्रष्टाचार के खेल को अंजाम दे रहा है। यहां बात हो रही है दूदू की ग्राम पंचायत हरसोली के सरपंच की। दरअसल, ग्राम पंचायत हरसोली सरपंच के माधुराम बलाई पर पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत हरसोली तहसील दूदू में 3 हजार बीघा के लगभग गौचर भूमि है। यहां नीम, देशी बबूल, खेजड़ी, औरूजा, विलायती बबूल के सैकड़ों पेड़ लगे थे। लेकिन, सरपंच द्वारा संपूर्ण गौचर भूमि पर लगे पड़ों को कटवा कर बेच दिया गया और स्वयं के लाभ के लिए करीब 50 लाख रुपए में पेड़ों को बेच दिया गया। जबकि किसी सरकारी निर्माण के लिए पेड़ काटना जरूरी होता है तो प्रशासनिक स्व्ीकृति लेनी होती है लेकिन सरपंच ने 50 लाख में उन पेड़ों का सौदा कर दिया। ऐसे में ग्राम पंचायत सरपंच ने ना सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहइुंचाया है बल्कि प्राप्त राशि का ब्यौरा नहीं देकर स्वयं अपनी जेब में रखकर राजस्व को भी नुकसान पहुंचाया है। इतना ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत करवाकर मिलीभगत कर राशि उठा ली गई। इस खेल में ना सिर्फ ग्राम के जरूरतमंदों को योजना से चंचित रखा गया बल्कि सरपंच के चहेतों द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 10 से 20 साल पुराने मकानों पर राशि उठा ली गई जो पूरी तरह से भ्रष्टाचासर की श्रेणी में आता है। 

लगातार हो रही शिकायतों के बाद भी इस मिलीभगत पर कोई कार्रवाई नहीं
ऐसा नहीं है कि इस खेल में बारे में जिम्मेदार अधिकारी अवगत नहीं है। दरअसल, सरपंच की इन काली करतूतों के बारे में कई बार शिकायतें की जा चुकी है लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। हरसोली सरपंच के इन कारनामों की शिकायतें पंचायत समिति दूदू के विकास अधिकारी, अतिरिक्त जिला कलक्टर दूदू, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी दूदू सहित जिला कलक्टर तक भी पहुंच चुकी है लेकिन कार्यवाही तो दूर बल्कि जांच करवाने से भी गुरेज किया गया जा रहा है। ऐसे में शिकायतों का अंबार सिर्फ फाइलों तक ही सिमट गया है।