भाजपा ने पुतला जलाया, सीएम गहलोत से मांगा इस्तीफा

भरतपुर, भारतीय जनता पार्टी की ओर से राजमाता विजया राजे सिंधिया जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में जिला स्तर पर जन्म जयंती समारोह मनाया गया। जिलाध्यक्ष डा. शैलेश सिंह ने राजमाता विजया राजे सिंधिया के चित्र पर पुष्प अर्पित किये। बाद में प्रदेश में बढ़ते अपराध, पुजारी को जिन्दा जलाये जाने, दुष्कर्म, गैंगरेप एवं दलित महिलाओं के साथ उत्पीड़न पर आक्रोश जताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला दहन किया।बाद मेंं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम उपखण्ड अधिकारी कुम्हेर को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर जिलाध्यक्ष डॉ. शैलेषसिंह ने कहा कि महिलाओं, बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, गैंगरेप एवं दलितों के साथ अत्याचारों से राजस्थान शर्मसार एवं कलंकित हो रहा है। डा. सिंह ने कहा कि सपोटरा विधानसभा क्षेत्र के बूकना गांव में पुजारी बाबूलाल वैष्णव को जिंदा जलाने की ह्रदय विदारक घटना हुई है।कांग्रेस सरकार के सामने बहुत बड़ा सवाल यह है कि वह जाति एवं धर्म देखकर फिर न्याय करने का काम करती है। ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इस मौके पर एमएसजे कॅालेज पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुरेन्द्र सांतरुक, गिरधारी गुप्ता, अभयवीर सोलंकी, राजू कटारा,

भाजपाई बाेले- राहुल गांधी काे हाथरस याद रहता है कराैली नहीं- भाजपा नगर मंडल की बैठक प्रभारी अरविंद पाल सिंह के मुख्य अतिथि में हुइ, जिसमें राजमाता विजया राजे सिंधिया काे श्रद्धांजलि दी गइ। इस माैके पर प्रभारी अरविंदपाल सिंह, महिला मोर्चा की राषट्रीय उपाधयक्ष एवं पूर्व विधायक अनीता सिंह, जिला उपाध्यक्ष प्रेम कपूर, मंडल अध्यक्ष दीनदयाल, युवा मोर्चा नेता नीरज चाहर आदि ने कहा कि प्रदेश की गहलाेत सरकार से लाेगाें का विशवास उठ चुका है।क्याेंकि यह सरकार आमजनता के विषय में चिंता करने के बजाए पार्टी के अंदरुनी सियासी संकट से उभरने में तल्लीन है। इसलिए कानून व्यवस्था खराब हाे रही है। उन्हाेंने कांग्रेस नेता राहुल/प्रियंका पर पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने का आराेप लगाया। वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस जाति/धर्म देखकर संवेदना व्यक्त करती है।कांग्रेस नेता राहुल/ प्रियंका काे हाथरस जाकर नाैटंकी कर रात में दाह संस्कार पर सवाल उठाना ताे याद रहता है, लेकिन कराैली दिन दहाडे़ पुजारी काे जिंदा जलाने की घटना पर माैके पर जाना ताे दूर संवेदना व्यक्त करने का भी समय नहीं है। इस माैके पर संगठन की संरचना एवं शक्ति केंद्रों की संरचना विषय पर भी विचार रखे। कृषि विधेयक काे किसानाें के हित में बताया।