- झाबर सिंह धायल -
शनिवार 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। हर वर्ष 3 मई का दिन प्रेस की स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों को सम्मानित करने, वैश्विक स्तर पर मीडिया की स्वतंत्रता की स्थिति की समीक्षा करने, स्वतंत्र पत्रकारिता की रक्षा करने और उन पत्रकारों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है जिन्होंने सच्चाई के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। पत्रकारिता की स्वतंत्रता एक लोकतांत्रिक समाज की रीढ़ है। यह नागरिकों को सूचित निर्णय लेने और सरकार को जवाबदेह ठहराने में मदद करती है। यह दिन सरकारों को प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की याद दिलाता है और मीडिया पेशेवरों को उनकी भूमिका, जिम्मेदारियों और नैतिकता पर विचार करने का अवसर देता है। स्वतंत्र पत्रकारिता के बिना, हम सच्चाई को नहीं जान सकते और न ही अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं। आज के समय में, पत्रकारिता की स्वतंत्रता कई चुनौतियों का सामना कर रही है। पत्रकारों को धमकी, हिंसा और सेंसरशिप का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसके बावजूद, पत्रकारिता की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के अवसर भी हैं। तकनीक की प्रगति ने पत्रकारिता को नए अवसर प्रदान किए हैं और नागरिक पत्रकारिता को बढ़ावा दिया है। प्रेस स्वतंत्रता का महत्वरू- प्रेस स्वतंत्रता लोकतंत्र की आधारशिला है। यह नागरिकों को सूचित रखने, सरकारों को जवाबदेह बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायक है। इस दिन प्रेस स्वतंत्रता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है। पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर किया जाता है। पत्रकारों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन में पहल की जाती है। ऐसा हर व्यक्ति सम्मान का पात्र है जिसने समाज के हित में बिना डरे आवाज उठाई है, आपकी लेखनी को, आपकी स्वतंत्रता को और आपके सम्मान को प्रणाम है, जिसने बिना किसी सत्ता और प्रलोभन के अपने आप को और अपनी पत्रकारिता को जिंदा रखा है।