महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय खेजड़ावास में प्रयोगशाला और लाइब्रेरी कक्ष निर्माण कार्य में घटिया निर्माण सामग्री का आरोप, ग्रामीणों ने मौके पर पकड़ी कारगुजारी; रुकवाया काम
जयपुर। महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय खेजड़ावास में समशा (समग्र शिक्षा विभाग) के तहत प्रयोगशाला और लाइब्रेरी कक्ष निर्माण कार्य में घटिया निर्माण सामग्री का आरोप लगाकर मंगलवार को ग्रामीणों ने निर्माण कार्य रोक दिया। दरसअल जोबनेर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत खेजड़ावास स्थित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में बच्चों के लिए प्रयोगशाला और लाइब्रेरी निर्माण कार्य (29 लाख 33 हजार लागत ) से चल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बार-बार ठेकेदार को निर्माण कार्य में कोताही नहीं बरतने के लिए कहा जा रहा था। लेकिन, भष्ट ठेकेदार द्वारा लगातार पूरे निर्माण कार्य में लीपापोती की जाती रही। ठेकेदार द्वारा बजरी की जगह घटिया क्वालिटी की डस्ट और मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा था। मंगलवार को जब भ्रष्ट ठेकेदार बजरी की जगह घटिया किस्म की डस्ट और मिट्टी डालकर कक्षों की छत भरने जा रहा था, उसी समय ग्रामीणों और स्कूल प्रचार्य ने निर्माण कार्य को रुकवा दिया। साथ ही ग्रामीणों ने पूरे निर्माण कार्य को घटिया बताते हुए कक्षों में लगाई गई सामग्री का क्वालिटी टेस्ट करवाने की मांग की। साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी दी की जब तक पूरे काम की जांच नहीं की जाएगी, तब तक आगे काम नहीं करने दिया जाएगा।
इनका कहना है
मैंने कुछ दिन पूर्व स्कूल जाकर लाइब्रेरी और प्रयोगशाला कक्ष के चल रहे काम को देखा और ठेकेदार को सही काम करने के निर्देश दिए। बार-बार बोलने के बाद भी ठेकेदार ने घटिया सामग्री प्रयुक्त कर निर्माण कार्य जारी रखा। मैनें उच्च अधिकारियों को भी शिकायत दर्ज करवाई है, पूरे निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांच करने के बाद ही आगे के कार्य को करने दिया जाएगा
सोहन सेपट, संरपच, ग्राम पंचायत खेजड़ावास
निर्माण कार्य में ठेकेदार की ओर से कोताही बरतने के बाद मैंने स्थानीय सरंपच और ग्रामीणों को सूचित किया। फिलहाल काम रोक दिया गया है।
सीताराम कॉसोटिया, प्रधानाचार्य, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, खेजड़ावास
निर्माण कार्य की जांच करवाएंगे। अगर कार्य में किसी तरह की कोताही बरती गई है तो दुबारा काम करवाएंगे। सम्बंधित फर्म पर कार्रवाई करेंगे।
जीवण पुरोहित, एईएन, समग्र शिक्षा विभाग
एमसेन्ड (डस्ट या बजरी ) सही क्वालिटी की नहीं थी। मैंने मौके पर जाकर काम को रुकवा दिया है।
टेकराम भाट, जेईएन, समग्र शिक्षा विभाग