लाल पर्ची के जरिए ‘करोड़ों का काला खेल’..अवैध रॉयल्टी वसूली रोकने में ‘सरकार फेल’!

खनन क्षेत्रों के लीज धारक ट्रेक्टरों से मनमाने तरीके से वसूल रहे कई गुना रॉयल्टी, लाल पर्ची में 44 रुपए प्रति टन लेना तय; लेकिन बिना रसीद हो रहा बड़ा घोटाला

सरकार को भी लग रहा राजस्व का तगड़ा चूना, लेकिन आंखें मूंदे बैठे है जिम्मेदार, सवाल पूछने पर पर पल्ला झाड़ रहे खनन विभाग के अधिकारी 

बिलोची, कालवाड़ सहित दादर जमवारामगढ़, आंधी, रामपुरा डाबड़ी एवं जालसू सहित कई खनन क्षेत्रों में हो रही अवैध वसूली, अब चरम पर आक्रोश



जयपुर। सरकारें आती है और सरकारें जाती है लेकिन जमीनी स्तर पर चल रहा भ्रष्टाचार का खेल लगातार जारी रहता है। और, जब बात खनन क्षेत्र से जुड़ी हो तो फिर क्या ही कहने..? ऐसा ही बड़ा काला करोबार चल रहा है राजधानी के निकटवर्ती क्षेत्रों में जहां अवैध रॉयल्टी वसूली के जरिए करोड़ों का दो नंबरी काम घड़ल्ले से जारी है और इस पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है। सैकड़ों की संख्या में ऐसे लीज खनन क्षेत्रों में हर रोज अवैध रॉयल्टी वसूली जा रही है और सरकार की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। हमारा समाचार ने राजधानी के निकट ही आमेर विधानसभा क्षेत्र में दादर डूंगरी क्षेत्र में ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया है। दरअसल, यहां क्षेत्र में 18 लीज क्षेत्र है जहां अवैध रॉयल्टी वसूली का खेल चल रहा है और ऐसी ही सैकड़ों लीज में भी कमोबेश ऐसे ही हालात है। विशेष तौर पर पत्थर-गिट्टी के खनन लीज में यह काला धंधा परवान पर है। दरअसल, इन लीज क्षेत्रों में ट्रेक्टर-ट्रॉलियों से दो से तीन गुना तक रॉयल्टी वसूली जा रही है और इसकी रसीद तक नहीं दी जा रही है। इन लीज धारकों द्वारा अधिक माल ले जाने का तर्क दिया जाता है लेकिन बिना रसीद रॉयल्टी वसूल करने के सवाल पर इन लीज धारकों को जैसे सांप सूंघ जाता है। हालांकि सबकुछ जानते हुए भी खनन विभाग के अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए है और कार्रवाई करना तो दूर बल्कि इस पूरे प्रकरण से ही पल्ला झाड़ रहे है। 


44 रूपए प्रति टन की जगह बिना रसीद तीन गुना तक वसूली जा रही रॉयल्टी
जिन लाल पर्चियों के जरिए ये काला कारोबार किया जा रहा है उस पर साफ लिखा है कि रॉयल्टी के 44 रुपए प्रति टन ही लिए जा सकते है लेकिन लीज धारकों द्वारा वाहनों से तीन गुना तक वसूली की जा रही है और इसकी रसीद भी नहीं दी जा रही है। ऐसे कई ट्रेक्टर-ट्रॉली चालकों ने हमारा समाचार को अपनी पीड़ा सुनाई है। ट्रेक्टर-ट्रॉली चालकों के अनुसार वे अगर 5 टन के लगभग पत्थर गिट्टी भरते है तो उन्हें 217 रुपए की रसीद दी गई, जबकि उनसे 500 रुपए रॉयल्टी के नाम पर वसूले गए। ऐसा सिर्फ एक चाहन के साथ ही बल्कि प्रत्येक वाहन के साथ होता है। हमारा समचार ने महज एक लीज क्षेत्र में ही कई गड़बडिय़ां पाई लेकिन अगर मोटे तौर पर अंदाजा लगाया जाए तो सैकड़ों लीज क्षेत्रों में यह करोड़ों का काला कारोबार हर रोज हो रहा है। 

हमारा समाचार ने किया सर्व श्री देव दशरथ इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड के फर्जीवाड़े का खुलासा
दरअसल, इस बड़े घोटाले की भनक एक छोटे लीज क्षेत्र से लगी जिसका खुलासा हमारा समाचार ने अपने डिजिटल माध्यम से भी किया था। मामला था दादर डूंगरी के सर्व श्री देव दशरथ इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड का। यहां ट्रैक्टर-ट्रॉली चालकों ने अवैध रॉयल्टी वसूलने का आरोप लगाया था जब हमारा समाचार मौके पर पहुंचा तो इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ। हमारा समचार जब इसकी तह तक पुहंचा तो सामने आया कि मुख्य रूप से बिलोची, कालवाड़, दादर डूंगरी, जमवा रामगढ़, आंधी, रामपुरा डाबड़ी एवं  जालसू में भी सैकड़ों लीज क्षेत्रों में इसी तरह से अवैध रॉयल्टी वसूली का खेल चल रहा है। अब इसके विरोध में पत्थर की खानों से पत्थर लेकर आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों ने रॉयल्टी ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस खबर को देखने के बाद क्या खनिज विभाग कोई कार्रवाई करता है या फिर यह अवैध वसूली यूं ही चलती रहती है।