अब राजस्थान में ‘एआई’ से हो जाएगी खेतीबाड़ी..मोबाइल से कर सकेंगे सिंचाई और खाद छिडक़ाव!

प्रदेश के किसान अब खेती में करेंगे कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) का उपयोग, बतौर पाइलट प्रोजेक्ट इस पर काम शुरू, कलस्टर बनाकर होगा गांवों का चयन


जयपुर। प्रदेश के किसान अब खेती में कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) का उपयोग करेंगे। फसल में कब कितना पानी देना है, कब और कितनी खाद का छिडक़ाव करना है ? किसान यह सब काम अब एआई के जरिए कर सकेंगे। इनके अलावा एआई, किसानों को मौसम, जल प्रबंधन, जल मांग, पोषक तत्व आदि की सटीक जानकारी और सलाह भी देगा। बड़ी बात यह है कि प्रदेश के इन किसानों को आधुनिक तकनीक से जोडऩे के प्रयास सरकार स्वयं कर रही है। और किसानों को अनुदान भी दे रही है। सरकार की मंशा है कि प्रदेश की युवा पीढ़ी का रुझान कृषि की ओर बढ़े। इसके लिए सरकार ने ऑटोमेशन, फर्टीगेशन एवं सामुदाय आधारित कृत्रिम बुद्धिमता समाधान परियोजना शुरू की है। 
योजना के तहत सिंचाई और खाद छिडक़ाव को क्रमश: ऑटोमेशन और फर्टिगेशन की आधुनिक पद्धति से जोडऩ़े का प्रयास होगा। किसानों को सिर्फ सिंचाई के लिए ऑटोमेशन, खाद छिडक़ाव के लिए फर्टिगेशन और सिंचाई एवं फर्टिलाइजर के लिए ऑटोमशन एवं फर्टिगेशन के विकल्प भी दिए गए हैं। जब कि समुदाय आधारित कृत्रिम बुद्धिमता समाधान के लिए कुछ जिलों को चयनित किया गया है। ऑटोमेशन स्वाचालित प्रणाली से सिंचाई अपनेआप होती है। कंट्रोलर, सेंसर सोलोनाइड वॉल्व, फिल्टर्स व अन्य युक्तियों के जरिए ड्रिप सिंचाई संयंत्रों का स्वचालन होता है। श्रम बचत के साथ ही पानी व पोषक तत्वों की इच्छित मात्रा व समय पर पौधों को प्राप्त होती है। इससे उत्पादन मात्रा एवं गुणवत्ता में प्रभावी इजाफा होता है।


किसानों को होगा फायदा, खेतीबाड़ी के कठिन काम होंगे सरल
इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। इसके तहत किसानों सिंचाई के लिए समय और पानी की मात्रा का ज्ञान रहेगा। साथ ही नियंत्रित सिंचाई होने से सीपेज और ओवरफ्लो से निदान मिलेगा। किसानों को एआई के द्वारा दवा छिडक़ाव की मात्रा, समय आदि की जानकारी मिलेगी। यहीं नहीं बल्कि सिंचाई और खाद छिडक़ाव के लिए किसानों को खेत तक जाने की जरूरत खत्म होगी

इन 10 जिलों में सबसे ज्यादा लगेंगे संयंत्र
जिला    ऑटोमशन भूमि क्षेत्र (हे.)    फर्टि. भूमि क्षेत्र (हे.)
जालोर    271    165
जयपुर    194    97
बाड़मेर    178    106
जोधपुर    163    100
सीकर    156    93
झालावाड़    125    73
भीलवाड़ा    124    71
अलवर    123    70
नागौर    114    68
हनुमानगढ़    110    70
(भूमि क्षेत्र हेक्टेयर में )

संभाग में इतने हेक्टेयर की अनुमति
जिला    ऑटोमशन भूमि क्षेत्र (हे.)    फर्टि. भूमि क्षेत्र (हे.)
बांसवाड़ा    23    1
उदयपुर    27    6
डूंगरपुर    15    2
चित्तौडगढ़़    91    57
प्रतापगढ़    59    17
(भूमि क्षेत्र हेक्टेयर में )


फैक्ट फाइल
2500 हेक्टेयर में पूरे प्रदेश में लगाई जाएगी ऑटोमशन प्रणाली
1393 हेक्टेयर में फर्टिगेशन के लिए करेंगे काम
737.74 लाख रुपए ऑटोमेशन के लिए पूरे प्रदेश के खर्च करेगी सरकार
767.38 लाख रु. फर्टिगेशन का बजट