कमर्चारियों को उन्नत फसल उत्पादन तकनीक पर दी जानकारी
श्रीमाधोपुर: कस्बे के निकटवर्ती ग्राम अरनिया के कृषि विज्ञान केंद्र, के द्वारा महिला कृषि पर्यवेक्षकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी व उद्यान वैज्ञानिक डॉ. महेश चौधरी ने देश के 9 प्रमुख तिलहनी फसलों (सोयाबीन, मूंगफली, सरसों, कुसुम, सूरजमुखी, तिल, अरंडी, अलसी और नाइजर) के तिलहन उत्पादन की स्थिति के बारे में जानकारी दी व बताया कि देश कुल मांग का केवल 30% उत्पादन करने में सक्षम है, जबकि खाद्य तेल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आयात पर देश प्रति वर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है। तिलहन फसलों के उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन प्रारंभ किया है, जिसका उद्देश्य घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देना और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) हासिल करना है। केंद्र के तिलहन फसलों के नॉडल अधिकारी डॉ. शंकर लाल कस्वां ने बताया कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय मिशन ऑन एडिबल ऑयल- वृक्ष जनित तिलहन के अंतर्गत कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि विभाग, सीकर के सौजन्य से करवाया जा रहा है जिसमें जिले की 25 महिला कृषि पर्यवेक्षकों ने भाग लिया इस दौरान फसल के क्षेत्र विस्तार, मिट्टी जांच हेतु तिलहन खेती पर विस्तार से बताया गया।
सहायक निदेशक कृषि रामचंद्र बाजिया ने तिलहन फसलों पर चर्चा करते हुए अन्य खाद्यान्न फसलों की तुलना में इनकी सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए सरकार द्वारा संचालित योजना राष्ट्रीय मिशन ऑन इडिबल आइल-तिलहन योजनांतर्गत तिलहनी फसलों के उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए निर्देशित किया।रामवतार मिश्रा ने तिलहनी फसलों में जैविक तरीके से कीट व बीमारियों के नियंत्रण करने के तौर-तरीकों के बारे में जानकरी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य के लिये जहरमुक्त सुद्ध ऑइल बहुत आवश्यक है।कृषि अधिकारी मंजू मीणा व सहायक कृषि अधिकारी गोपाली देवी ने कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को सही तरीके से क्रियान्वित करने के तरीकों से अवगत करवाते हुये नैनो डीएपी और नैनो यूरिया के उपयोग को बढ़ावा दिये जाने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित करने की जानकारी प्रदान की।वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक छाजू राम जाट ने प्रशिक्षार्थी को केंद्र की इकाइयों के साथ -साथ प्रगतिशील किसान सोहन लाल यादव के बीज उत्पादन फार्म का भ्रमण करवाया व इनके बारे में विस्तृत जानकारी दी। अंत में डॉ. महेश चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजन टीम को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।