श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय किसान मेले का हुआ आगाज, कृष्ज्ञि मंत्री ने किया संबोधित, कहा-किसानों की आय नवीनतम तकनीक से दोगुनी करने का सपना जल्द होगा साकार
जयपुर। श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर एवं आत्मा, कृषि विभाग, राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय किसान मेले का शुभारंभ कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान किसान आयोग अध्यक्ष सीआर चौधरी ने की। विशिष्ट अतिथि जिला प्रमुख रमा चौपड़ा एवं शासन सचिव राजस्थान कृषि एवं उद्यानिकी विभाग विशाल राजन रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने सभी अतिथियों का माला व साफ़ा पहनाकर स्वागत किया।
मेले में ‘पगड़ी रो मान, खेतां रो अभिमान: सक्षम किसान, समृद्ध राजस्थान’ की धुन सुनाई दी। इस अवसर पर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। ऐसे मेलों के माध्यम से किसान आधुनिक तकनीकों और उन्नत कृषि विधियों से रूबरू हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसान हर परिस्थिति में मेहनत कर देश की जनता का पेट भरते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए हाई-टेक योजनाएं ला रही है, जिससे खेती को आधुनिक बनाया जा सके। मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा मुझे खुशी है कि जोबनेर के पास कालख गांव का किसान मशरूम उत्पादन कर प्रगतिशील किसान की श्रेणी नाम कमा रहे हैं। डॉ. मीणा ने नई कृषि तकनीकों के महत्व पर जोर देते हुए किसानों और विद्यार्थियों को नवाचार अपनाने के लिए प्रेरित किया।
राजस्थान किसान आयोग अध्यक्ष सीआर चौधरी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं और उनका सम्मान होना चाहिए। उन्होंने इस पर विचार करने की आवश्यकता जताई कि खेती को कैसे आगे बढ़ाया जाए, देश की प्रगति में किसानों की भूमिका क्या हो, और सरकार उनकी कैसे मदद कर सकती है। जिला प्रमुख रमा चोपड़ा ने कहा कि आज महिलाएं खेती में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं और किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विकसित भारत के लिए महिलाओं की भागीदारी जरूरी है। शासन सचिव राजन विशाल ने कहा कि जोबनेर वह स्थान है जिसने राजस्थान में कृषि के क्षेत्र में अलग पहचान बनाई है। उन्होंने बताया कि किसान मेले में शिक्षा, जानकारी, एक्सपोजर और ज्ञान साझा करने पर जोर दिया जा रहा है।
रारी दुर्गापुरा व रेडी प्रदर्शनी बनी मुख्य आकर्षण का केंद्र, प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित
किसानों की भीड़ रारी दुर्गापुरा व रेडी प्रदर्शनी की ओर उमड़ती हुई दिखाई दी। रारी दुर्गापुरा की प्रदर्शनी मुख्य रूप से एकीकृत खेती प्रणाली पर आधारित थी। इस प्रणाली में कृषि फसलों, बागवानी फसलें, अजोला और पोल्ट्री शामिल थी। इस प्रदर्शनी में विभिन्न बायोफोर्टिफाइड व अन्य उपयोगी किस्मों का भी प्रदर्शन हुआ जिससे किसान भाई बड़े प्रभावित हुए। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया गया साथ ही किसानों के लिए प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के इस दौरान कृषि स्मारिका का भी विमोचन किया गया। निदेशक प्रसार शिक्षा एवं मेला आयोजक डॉ. एसआर ढाका ने बताया कि मेले में 200 से अधिक एग्री-इनपुट स्टॉल्स लगाए गए हैं, जिसमें कृषि उपकरण, खाद-बीज, जैविक उत्पाद और अन्य आवश्यक सामग्रियां प्रदर्शित की जा रही हैं। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. ओपी गढ़वाल ने किया। अंत में डॉ. सुवा लाल जाट निदेशक समिति, आत्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।